नई दिल्ली: केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने इस ‘भ्रामक’ धारणा को दूर करने पर जोर दिया कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (processed food products) स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। पासवान ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (Ministry of Food Processing Industries) ने इस संबंध में एक समिति का भी गठन किया है, जो इस मुद्दे पर काम करेगी। यह बात उन्होंने ‘वर्ल्ड फूड इंडिया-25’ (World Food India-25) कार्यक्रम की घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की अपार संभावनाएं
मंत्री पासवान ने कहा कि भारत में खाद्य प्रसंस्करण का स्तर अभी भी अपेक्षाकृत कम है, लेकिन इस क्षेत्र में वृद्धि की अपार संभावनाएं (immense potential for growth) हैं। उन्होंने जोर दिया कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र न केवल किसानों की आय बढ़ा सकता है, बल्कि युवाओं को रोजगार के बड़े अवसर भी प्रदान कर सकता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो कृषि उपज को मूल्यवान उत्पादों में बदलकर किसानों को बेहतर रिटर्न दिलाता है और साथ ही शहरी उपभोक्ताओं को सुविधाजनक खाद्य विकल्प प्रदान करता है।
‘भ्रामक’ विज्ञापनों और झूठी धारणाओं पर चिंता
इस दौरान पासवान ने उन ‘भ्रामक’ विज्ञापनों का भी उल्लेख किया जिनमें प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को ‘खराब’ बताया जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की झूठी धारणा बनाई जा रही है कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में पोषक तत्व कम हो जाते हैं। यह चिंता वाजिब है क्योंकि ऐसे विज्ञापन उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास को बाधित कर सकते हैं। पासवान ने स्पष्ट किया कि खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई (FSSAI – Food Safety and Standards Authority of India) इन खाद्य उत्पादों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का काम करता है। FSSAI यह सुनिश्चित करता है कि बाज़ार में उपलब्ध सभी प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्धारित सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों का पालन करें।
25-28 सितंबर को ‘वर्ल्ड फूड इंडिया-2025’ का आयोजन
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय इस क्षेत्र की निवेश क्षमता को प्रदर्शित करने और भारत को वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण का प्रमुख केंद्र बनाने के सपने को साकार करने के लिए एक बड़े आयोजन की तैयारी कर रहा है। 25 से 28 सितंबर, 2025 के दौरान राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में ‘वर्ल्ड फूड इंडिया-2025′ का आयोजन किया जाएगा। यह प्रमुख सम्मेलन, ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ का चौथा संस्करण होगा।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने इस आगामी आयोजन के लिए एक वेबसाइट और मोबाइल ऐप (website and mobile app) भी लॉन्च किया। इस आयोजन में कई देशों की भागीदारी होगी, जिससे यह भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए एक वैश्विक मंच बनेगा।
क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि और आगे की क्षमता
खाद्य प्रसंस्करण सचिव अविनाश जोशी (Avinash Joshi) ने बताया, “क्षेत्र ने पिछले एक दशक में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। अब यह देश के कृषि उत्पाद निर्यात में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान देता है।” यह आंकड़ा भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। हालांकि, जोशी ने यह भी कहा, “फिर भी, हम मानते हैं कि अभी भी पर्याप्त मात्रा में क्षमताएं हैं जिनका विस्तार किया जा सकता है।” उन्होंने विश्वास जताया कि ‘वर्ल्ड फ़ूड इंडिया’ मंच इस क्षमता को साकार करने में मदद करेगा, जिससे भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र और भी ऊंचाइयों पर पहुंच पाएगा।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का उज्ज्वल भविष्य
चिराग पासवान का यह बयान और ‘वर्ल्ड फूड इंडिया-25’ का आयोजन इस बात का संकेत है कि सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को एक रणनीतिक क्षेत्र के रूप में देख रही है। इस क्षेत्र को बढ़ावा देने से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे और भारत वैश्विक खाद्य बाज़ार में अपनी स्थिति को और मजबूत कर पाएगा। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के प्रति बनी नकारात्मक धारणा को दूर करना इस विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि उपभोक्ता इन उत्पादों को उनकी गुणवत्ता और सुरक्षा के आधार पर स्वीकार कर सकें।