नई दिल्ली: निजी क्षेत्र के कर्नाटक बैंक (Karnataka Bank) के लिए चालू वित्त वर्ष (financial year) की पहली तिमाही के नतीजे (results) मिले-जुले रहे हैं। एक तरफ बैंक का शुद्ध मुनाफा (net profit) 27 प्रतिशत घटकर 290 करोड़ रुपये रह गया, जो निवेशकों (investors) के लिए चिंता का विषय हो सकता है, लेकिन दूसरी तरफ कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों ने बैंक की मजबूत स्थिति को भी दर्शाया है, जिसने बाजार (market) को कुछ राहत दी है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही (same quarter) में बैंक का मुनाफा 400 करोड़ रुपये था।
मुनाफे में क्यों आई कमी? जानें इसका कारण
Karnataka Bank ने नियामकीय सूचना (regulatory filing) में बताया है कि अप्रैल-जून तिमाही में उसका परिचालन लाभ (operating profit) भी 559 करोड़ रुपये से घटकर 467 करोड़ रुपये रह गया। मुनाफे में इस कमी का मुख्य कारण शुद्ध ब्याज मार्जिन (Net Interest Margin – NIM) में आई गिरावट है।
– ब्याज से कमाई में कमी: बैंक द्वारा अर्जित ब्याज (interest earned) 2,278 करोड़ रुपये से घटकर 2,261 करोड़ रुपये रह गया। एनआईएम (NIM) बैंक की मुख्य कमाई का एक महत्वपूर्ण सूचक (indicator) है। यह दर बैंक द्वारा लोन (loan) पर अर्जित ब्याज और जमा (deposits) पर भुगतान किए गए ब्याज के बीच का अंतर होती है।
– घटा हुआ एनआईएम: कर्नाटक बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) एक साल पहले के 3.54 प्रतिशत की तुलना में घटकर 2.82 प्रतिशत रह गया। यह गिरावट सीधे मुनाफे पर असर डालती है।
कुल आय तो बढ़ी, फिर भी मुनाफा क्यों घटा?
आंकड़ों में एक अजीब विरोधाभास (contradiction) भी दिखाई दिया है। Karnataka Bank की कुल आय (total income) समीक्षाधीन तिमाही में बढ़कर 2,620 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल 2,557 करोड़ रुपये थी।
– अन्य स्रोतों से कमाई: कुल आय में वृद्धि के बावजूद मुनाफा घटने से यह लगता है कि बैंक की ब्याज से कमाई कम हुई है, लेकिन फीस, कमीशन और अन्य गैर-ब्याज आय (non-interest income) में बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद, परिचालन लाभ में कमी संकेत देती है कि खर्च (expenses) तेजी से बढ़े हैं, जो मुनाफे को सीधे प्रभावित करते हैं।
Karnataka Bank के एसेट क्वालिटी में सुधार
मुनाफे में गिरावट की खबर के बीच, कर्नाटक बैंक के लिए एक सकारात्मक बात भी सामने आई है। बैंक की एसेट क्वालिटी (asset quality) में सुधार हुआ है।
– एनपीए में कमी: जून तिमाही के अंत में बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) (Gross NPA) घटकर सकल अग्रिमों (gross advances) का 3.46 प्रतिशत रह गईं, जो एक साल पहले 3.54 प्रतिशत थीं। इसी तरह, शुद्ध एनपीए (Net NPA) भी सालाना आधार पर 1.66 प्रतिशत से घटकर 1.44 प्रतिशत रह गए।
– साफ हुई बैलेंस शीट: एनपीए यानी खराब लोन (bad loans) में कमी आना बैंक के लिए एक बहुत अच्छी खबर है। यह दर्शाता है कि बैंक की बैलेंस शीट (balance sheet) साफ हो रही है और जोखिम (risk) कम हो रहा है।
कर्नाटक बैंक के पहली तिमाही के नतीजे एक मिश्रित तस्वीर पेश करते हैं। अल्पावधि (short term) में मुनाफे पर दबाव (pressure) है, लेकिन एनपीए में सुधार बैंक के लिए दीर्घावधि (long term) की मजबूती और स्थिरता (stability) का संकेत देता है।
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