Sunday, August 10, 2025

Parth Jindal का बड़ा बयान: ‘भारत में मुट्ठी भर कंपनियां ही कर रही हैं निवेश’, MSMEs की भागीदारी पर दिया ज़ोर

मुंबई: भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर JSW Group के उत्तराधिकारी पार्थ जिंदल (Parth Jindal) ने एक महत्वपूर्ण बात कही है। सोमवार, 4 अगस्त 2025 को मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में केवल मुट्ठी भर कंपनियां (handful of companies) ही निवेश कर रही हैं। उन्होंने निजी पूंजीगत व्यय (private capital expenditure) में ‘लोकतांत्रिकीकरण’ (democratisation) की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, जिसका मतलब है कि छोटे और मझोले उद्योगों (MSMEs) को भी निवेश में आगे आना चाहिए।

JSW समूह का भारत की क्षमता पर विश्वास

पार्थ जिंदल ने कहा कि जेएसडब्ल्यू समूह भारत की विकास क्षमता पर पूरा विश्वास करता है। उन्होंने घोषणा की कि समूह अगले पाँच वर्षों में अपने विभिन्न व्यवसायों में $50 अरब (USD 50 billion) का भारी-भरकम निवेश करेगा। उन्होंने बताया कि उनके पिता और समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल (Sajjan Jindal) ने पाँच वर्षों में $60 अरब (USD 60 billion) के निवेश की घोषणा की है, जबकि समूह के अधिकारी इसे $40 अरब (USD 40 billion) मान रहे हैं। लेकिन उन्हें खुद लगता है कि यह आंकड़ा $50 अरब तक पहुँच जाएगा।

पार्थ जिंदल ने कहा, “हमारा मानना है कि भारत में अविश्वसनीय संभावनाएं हैं। भारत से निर्यात की भी अविश्वसनीय संभावनाएं हैं। और वास्तव में ‘चीन प्लस वन’ (China plus One) की रणनीति भी साकार हो सकती है।” यह बयान दिखाता है कि जेएसडब्ल्यू समूह भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक मज़बूत विकल्प के रूप में देखता है।

निवेश में कमी क्यों?

पार्थ जिंदल ने इस बात पर अफ़सोस जताया कि कई निजी कंपनियों के पास मज़बूत बहीखाते (balance sheets) हैं, लेकिन वे क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश करने के बजाय, कर्ज़ चुकाने को प्राथमिकता दे रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भी इस बात को लेकर परेशान है, क्योंकि अर्थव्यवस्था की नींव बहुत मज़बूत है, फिर भी निजी निवेश में अपेक्षित वृद्धि नहीं दिख रही है।

उन्होंने भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए भूमि अधिग्रहण (land acquisition) और श्रम कानूनों (labour laws) से जुड़ी चुनौतियों की ओर भी इशारा किया, जो निवेश में बाधक हैं।

IPO और अधिग्रहण पर JSW समूह का रुख

पार्थ जिंदल ने भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि समूह अगले दो वर्षों में अपनी ई-कॉमर्स शाखा जेएसडब्ल्यू वन (JSW One) या जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर्स (JSW MG Motors) को सूचीबद्ध (list) करेगा।

सीमेंट सेक्टर में अपने प्रतिद्वंद्वियों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने एक चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनके समूह के पास अदाणी (Adani) और बिड़ला (Birla) जैसी ताक़तवर कंपनियों के साथ मुकाबला करते हुए सीमेंट संपत्तियां हासिल करने की “औकात” या वित्तीय ताक़त नहीं है। इसलिए, जेएसडब्ल्यू समूह अधिग्रहण पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, अपने पोर्टफोलियो को खुद ही बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

पार्थ जिंदल ने कहा, “अगर अल्ट्राटेक (UltraTech), अदाणी, डालमिया (Dalmia) या श्री (Shree) कुछ हासिल करना चाहें, तो वे जेएसडब्ल्यू सीमेंट को आसानी से मात दे सकते हैं। मैं कहूँगा कि अभी हमारे पास किसी भी अधिग्रहण में उन्हें चुनौती देने की ‘औकात’ नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अधिग्रहण के लिए अपने पिता के पास नहीं जाना चाहते और इसीलिए जेएसडब्ल्यू सीमेंट किसी भी बोली प्रक्रिया में नहीं पड़ना चाहती।

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