नई दिल्ली: पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र महासंघ (FAITH) के चेयरमैन पुनीत चटवाल (Puneet Chatwal) ने कहा है कि यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में देश के समग्र रोजगार (overall employment) में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा। उनका कहना है कि जनसांख्यिकीय लाभ (demographic dividend) को देखते हुए रोजगार सृजन (job creation) के लिए यह एक बेहतरीन समय है। चटवाल ने भारत के पर्यटन और होटल क्षेत्र के लिए एक उज्जवल भविष्य की बात कही है।
पर्यटन: सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता सेक्टर
पुनीत चटवाल (Puneet Chatwal), जो इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) भी हैं, ने FAITH द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने दुनिया के रोजगार बाजार (market) का उल्लेख (mention) करते हुए कहा कि पर्यटन, विमानन और आतिथ्य (hospitality) क्षेत्र दुनिया में रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत (source) है और रहेगा।
– एक नई नौकरी: उन्होंने एक चौंकाने वाला डेटा (data) साझा किया, जिसमें कहा गया कि दुनिया में हर चार में से एक नई नौकरी (one in every four new jobs) इसी सेक्टर से आती है।
– असंगठित क्षेत्र का महत्व: चटवाल ने पर्यटन के असंगठित क्षेत्र (unorganized sector) के महत्व पर भी जोर दिया, जिसकी गणना (calculation) अक्सर नहीं की जाती। उनका अनुमान है कि आज भी कुल रोजगार का सात से नौ प्रतिशत (7-9%) इसी क्षेत्र से आता है और अगले कुछ वर्षों में यह निश्चित रूप से दहाई अंक (double digits) में पहुंच जाएगा।
सुधारों के बावजूद क्यों नहीं मिला फायदा?
Puneet Chatwal ने यह भी स्वीकार किया कि पर्यटन क्षेत्र को सरकार के सुधारों से उस तरह का फायदा नहीं मिला है, जैसा मिलना चाहिए था। उनका मानना है कि पर्यटन को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) (GDP) और नौकरियों में और अधिक योगदान (contribution) देना चाहिए था। इस चुनौती को दूर करने के लिए FAITH ने कुछ सुझाव भी दिए हैं।
FAITH का लक्ष्य: 20 करोड़ रोजगार और अतुल्य भारत 2.0
सम्मेलन में FAITH के सदस्यों ने अतुल्य भारत 2.0 (Incredible India 2.0) की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसे उन्होंने समय की मांग बताया।
– बड़ा लक्ष्य: इस योजना (plan) के तहत पर्यटन क्षेत्र में रोजगार को बढ़ाकर करीब 20 करोड़ (200 million) करने का लक्ष्य है। इसमें प्रत्यक्ष (direct) और अप्रत्यक्ष (indirect) दोनों तरह की नौकरियां शामिल होंगी।
– डिजिटल और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस: अतुल्य भारत 2.0 में डिजिटल मार्केटिंग, बुनियादी ढांचे (infrastructure) में सुधार, वीजा नीतियों को आसान बनाना और पर्यटन-हितैषी नीतियों पर ध्यान दिया जाएगा ताकि विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
जनसांख्यिकीय लाभ का सही उपयोग
भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी (youth population) है। इस जनसांख्यिकीय लाभ (demographic dividend) का सही उपयोग करना अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पुनीत चटवाल (Puneet Chatwal) ने सही कहा है कि पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र युवाओं को रोजगार देने का एक बेहतरीन साधन बन सकता है, क्योंकि इसमें कुशल (skilled) और अकुशल (unskilled) दोनों तरह के श्रमिकों की जरूरत होती है।
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