नई दिल्ली: वैश्विक रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की साख (sovereign credit rating) को एक पायदान (notch) ऊपर कर दिया है। बृहस्पतिवार को जारी बयान में एसएंडपी ने भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन साख को बीबीबी- से बढ़ाकर ‘बीबीबी’ कर दिया है। यह अपग्रेड (upgrade) 18 साल बाद हुआ है और एसएंडपी भारत की रेटिंग को निम्नतम निवेश स्तर (lowest investment grade) से ऊपर ले जाने वाली पहली वैश्विक एजेंसी बन गई है।
क्यों मिला भारत को यह रेटिंग अपग्रेड?
S&P ने अपनी रिपोर्ट में भारत की साख को बढ़ाने के कई ठोस कारण बताए हैं। ये सभी कारण देश की आर्थिक मजबूती और आने वाले समय में उसके विकास की संभावनाओं को दर्शाते हैं।
– मजबूत आर्थिक विकास (Strong Economic Growth): एसएंडपी का मानना है कि भारत की आर्थिक वृद्धि बहुत मजबूत है। FY22 से FY24 तक, भारत की वास्तविक जीडीपी (GDP) वृद्धि औसतन 8.8% रही है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक है। एजेंसी को उम्मीद है कि अगले तीन वर्षों में भी यह रफ्तार बनी रहेगी, जिससे भारत की क्रेडिट मेट्रिक्स (credit metrics) में सुधार होगा।
– बेहतर मौद्रिक नीतियां (Improved Monetary Policies): रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा मुद्रास्फीति (inflation) को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए बेहतर कदमों की एसएंडपी ने सराहना की है। महंगाई को काबू में रखने वाली इन नीतियों से आर्थिक स्थिरता आई है और निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा है।
– राजकोषीय मजबूती पर फोकस (Fiscal Consolidation): एसएंडपी ने कहा कि भारत सरकार राजकोषीय मजबूती (fiscal consolidation) को प्राथमिकता दे रही है। इसका मतलब है कि सरकार अपने खर्च को कम और राजस्व को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। यह सरकार की स्थायी सार्वजनिक वित्त (sustainable public finance) देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जबकि साथ ही बुनियादी ढाँचा (infrastructure) तैयार करने पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है।
– बुनियादी ढांचे में निवेश (Investment in Infrastructure): एजेंसी ने माना कि भारत सरकार पूंजीगत व्यय (capital expenditure) पर काफी फोकस कर रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार हो रहा निवेश आर्थिक विकास की गति को बनाए रखने में मददगार साबित होगा।
‘BBB’ रेटिंग का क्या है मतलब?
क्रेडिट रेटिंग किसी भी देश की उधार लेने की क्षमता और उसकी आर्थिक सेहत को दर्शाती है। आसान शब्दों में कहें तो, यह बताती है कि कोई देश अपना कर्ज समय पर चुका पाएगा या नहीं।
– निवेश स्तर (Investment Grade): बीबीबी रेटिंग निवेश-योग्य ग्रेड (investment-grade) की श्रेणी में आती है। इसका मतलब है कि एसएंडपी का मानना है कि भारत में निवेश करना सुरक्षित है और देश की आर्थिक स्थिति मजबूत है।
– निवेशकों पर असर: इस अपग्रेड से विदेशी निवेशकों का भारत में भरोसा बढ़ेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कंपनियों के लिए कर्ज लेना सस्ता और आसान हो जाएगा, जिससे पूंजी प्रवाह (capital inflow) में वृद्धि होने की संभावना है।
अमेरिकी टैरिफ का असर होगा ‘Manageable’
S&P ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद पर भी अपनी राय दी है। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी के बावजूद, एसएंडपी ने कहा कि इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रबंधनीय (manageable) होगा।
– घरेलू खपत से मिलती है ताकत: एजेंसी ने बताया कि भारत की लगभग 60% आर्थिक वृद्धि घरेलू खपत (domestic consumption) से आती है। इसलिए, भारत व्यापार पर अपेक्षाकृत कम निर्भर है।
– ट्रंप के बयान का जवाब: यह एसएंडपी की रेटिंग पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का भी परफेक्ट जवाब है, जिसमें उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को “बेजान” (dead) बताया था।
आगे क्या? परिदृश्य है ‘स्थिर’
S&P ने भारत की दीर्घकालिक रेटिंग के लिए परिदृश्य (outlook) को ‘स्थिर’ रखा है। इसका मतलब है कि एजेंसी को अगले 24 महीनों तक भारत की रेटिंग में कोई बड़ा बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। यह आर्थिक नीतियों में स्थिरता (policy stability) और विकास की गति (growth momentum) के बने रहने का संकेत है। इस अपग्रेड से भारत को विश्व बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में पहचान मिलेगी और यह 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पाने की दिशा में एक बड़ा बूस्ट है।
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