नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार के नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने स्टॉक ब्रोकर्स के लिए एक बड़ा और राहत भरा कदम उठाया है। अब शेयर ब्रोकर्स को अनुपालन (Compliance) से जुड़ी रिपोर्ट अलग-अलग शेयर बाजारों (stock exchanges) को जमा करने की ज़रूरत नहीं होगी। SEBI और शेयर बाजारों ने मिलकर ब्रोकर्स के लिए एक प्रौद्योगिकी-आधारित सामान्य रिपोर्टिंग प्रणाली (Technology-based Common Reporting System) शुरू की है। यह पहल कारोबार सुगमता (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एक प्लेटफॉर्म, कई फायदे: कैसे काम करेगा नया सिस्टम?
इस नए सिस्टम के तहत, ब्रोकर्स अब विभिन्न शेयर बाजारों के बजाय एक ही शेयर बाजार के ‘सामूहिक प्रतिवेदन मंच’ (Common Reporting Platform) के ज़रिए अपनी सभी अनुपालन रिपोर्ट जमा कर सकेंगे। यह व्यवस्था उन ब्रोकर्स के लिए गेम-चेंजर साबित होगी जो कई एक्सचेंजों पर पंजीकृत हैं।
SEBI ने सोमवार को एक बयान में कहा, “इससे उन विभिन्न शेयर बाजारों को अनुपालन रिपोर्ट देने की ज़रूरत समाप्त हो जाएगी जहाँ एक शेयर ब्रोकर पंजीकृत है। इससे शेयर ब्रोकर की अनुपालन लागत (Compliance Cost) में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।” यह लागत बचत न केवल वित्तीय रूप से महत्वपूर्ण होगी, बल्कि ब्रोकर्स के समय और संसाधनों की भी बचत करेगी, जिससे वे अपने मुख्य व्यवसाय पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
चरणबद्ध तरीके से लागू होगा सिस्टम: 990 ब्रोकर्स को मिलेगा लाभ
यह नई व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से (in a phased manner) लागू की जाएगी। पहले चरण में, 1 अगस्त, 2025 से सामूहिक प्रतिवेदन मंच के तहत 40 अनुपालन रिपोर्ट (40 Compliance Reports) प्रस्तुत की जाएंगी। यह एक ठोस शुरुआत है, और उम्मीद है कि भविष्य में और अधिक रिपोर्टों को इस प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा।
इस कदम से लगभग 990 शेयर ब्रोकर्स को सीधा लाभ होगा। ये वे ब्रोकर्स हैं जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange – NSE) और अन्य शेयर बाजारों से जुड़े हैं। इन ब्रोकर्स के लिए पहले कई एक्सचेंजों के अलग-अलग नियमों और रिपोर्टिंग फॉर्मेट्स को समझना और उनका पालन करना एक जटिल और समय लेने वाला काम था। अब यह प्रक्रिया काफी सरल हो जाएगी।
कारोबार सुगमता की दिशा में बड़ा कदम: SEBI का विजन
SEBI का मानना है कि अनुपालन रिपोर्टिंग को सुव्यवस्थित और युक्तिसंगत बनाना (streamlining and rationalizing) कारोबार सुगमता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपाय है। भारत सरकार भी लंबे समय से देश में कारोबार को आसान बनाने पर ज़ोर दे रही है, और SEBI का यह कदम इसी दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
एक केंद्रीकृत रिपोर्टिंग प्रणाली से न केवल ब्रोकर्स को फायदा होगा, बल्कि नियामक के लिए भी डेटा संग्रह और विश्लेषण (data collection and analysis) अधिक कुशल हो जाएगा। इससे बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी और नियामक निगरानी भी बेहतर होगी। यह भारत के पूंजी बाजार को और अधिक आकर्षक और कुशल बनाने में मदद करेगा।