नई दिल्ली: हरियाणा में Ayushman Bharat योजना के तहत चल रही स्वास्थ्य सेवाओं को एक बड़ा झटका लगा है। निजी अस्पतालों को बकाया भुगतान न मिलने के कारण इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की हरियाणा शाखा ने गुरुवार को इस योजना के तहत दी जा रही सभी स्वास्थ्य सेवाओं को निलंबित करने की घोषणा कर दी। यह फ़ैसला 7 अगस्त की मध्यरात्रि से लागू हो गया है, जिससे राज्य में हज़ारों गरीब मरीज़ों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
हरियाणा में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत IMA से जुड़े क़रीब 650 निजी अस्पताल सूचीबद्ध (empanelled) हैं। यह केंद्र सरकार की एक बहुत बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसके तहत हर परिवार को सालाना ₹5 लाख तक का मुफ़्त इलाज मिलता है।
क्यों लिया गया सेवाओं के निलंबन का फ़ैसला?
Ayushman Bharat को लेकर IMA की हरियाणा इकाई लंबे समय से राज्य सरकार को निजी अस्पतालों के लंबित भुगतान को लेकर चेतावनी दे रही थी। एसोसिएशन ने पहले ही साफ़ कर दिया था कि अगर 7 अगस्त तक बकाया नहीं चुकाया गया, तो वे इस योजना के तहत उपचार रोक देंगे।
– भुगतान में देरी: IMA हरियाणा के सचिव डॉ. धीरेंद्र के. सोनी ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार निजी अस्पतालों को उनके उपचार की प्रतिपूर्ति (reimbursement) का भुगतान करने में लगातार विफल रही है।
– सरकार की स्वीकारोक्ति: डॉ. सोनी ने बताया कि सरकार खुद यह मान रही है कि ₹490 करोड़ का भुगतान अभी भी लंबित है। उन्होंने सवाल उठाया, “जब तक यह राशि वितरित की जाएगी, तब तक भुगतान के लिए और राशि लंबित हो जाएंगी। ऐसे में निजी अस्पताल क्या करें? अगर समय पर भुगतान नहीं मिलेगा तो वे अपनी सेवाएं कैसे जारी रख पाएंगे?”
सरकारी अधिकारियों से बैठक, पर नतीजा सिर्फ़ निराशा
इस संकट को टालने के लिए बुधवार को IMA प्रतिनिधियों और हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इस बैठक में राजपाल ने IMA से अपने फ़ैसले पर फिर से विचार करने की अपील की थी।
– अपेक्षित परिणाम नहीं: डॉ. धीरेंद्र के. सोनी ने बताया कि बुधवार को हुई यह बैठक अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाई। उन्होंने कहा कि बीते कई महीनों से भुगतान में हो रही देरी के बारे में अधिकारियों को पूरी तरह से जानकारी दी गई थी।
– सामूहिक निर्णय: बैठक के बाद, IMA की हरियाणा इकाई ने आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के साथ एक वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया गया कि 7 अगस्त की मध्यरात्रि से सेवाओं को निलंबित कर दिया जाएगा।
Ayushman Bharat सरकार का पक्ष: दावों का निपटारा जारी
दूसरी ओर, राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा है। मंगलवार को ही सरकार ने कहा था कि सूचीबद्ध अस्पतालों के दावे निपटाए जा रहे हैं।
– आश्वासन: अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने बुधवार को IMA प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में उनकी चिंताओं को ध्यान से सुना और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार पैनल में शामिल निजी अस्पतालों को भुगतान कर रही है। उन्होंने लंबित मुद्दों का समाधान करने की प्रतिबद्धता भी जताई।
– गरीब मरीज़ों पर असर: राजपाल ने IMA से आग्रह किया कि वे सेवा स्थगन के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें, क्योंकि इससे आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों की स्वास्थ्य सेवाएँ बाधित हो सकती हैं। उन्होंने कहा, “हम आपकी चिंताओं को समझते हैं और उनका समाधान कर रहे हैं। लेकिन इस समय हड़ताल से उन हज़ारों गरीब मरीज़ों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा जो इस योजना पर निर्भर हैं।”
सरकार के भुगतान के आंकड़े
सरकार ने बताया कि हरियाणा राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) द्वारा मई 2025 के पहले हफ़्ते तक जमा किए गए दावों का भुगतान कर दिया गया है। वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक (16 जुलाई तक) राज्य और केंद्र सरकार से कुल ₹240.63 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिसका उपयोग पात्र दावों के निपटान में किया गया है।
यह विवाद एक ऐसे समय में सामने आया है, जब आयुष्मान भारत योजना देश के गरीब और वंचित वर्ग के लिए एक जीवन रेखा साबित हो रही है। इस गतिरोध का सीधा असर उन हज़ारों परिवारों पर पड़ेगा जो अपनी स्वास्थ्य ज़रूरतों के लिए पूरी तरह से इस योजना पर निर्भर हैं। अब देखना होगा कि सरकार और IMA के बीच यह गतिरोध कब तक सुलझ पाता है।
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