Friday, August 8, 2025

Assam में अतिक्रमण हटाने का अभियान तेज, 1,500 हेक्टेयर forest Land खाली कराई जाएगी, 1,500 परिवारों को नोटिस जारी!

गुवाहाटी: Assam के गोलाघाट जिले में अतिक्रमण (encroachment) हटाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य 1,500 हेक्टेयर (about 1,500 hectares) वन भूमि को खाली कराना है। अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान बुधवार, 30 जुलाई 2025 को लगातार पाँचवें दिन भी जारी रहा। इस अभियान के पूरा होने के बाद, लगभग 1,500 परिवार विस्थापित (displaced) हो जाएंगे, जिनमें से ज़्यादातर मुस्लिम समुदाय (Muslim community) से हैं।

Assam encroachment सरकारी योजनाओं का विरोधाभास 

यह अभियान सरूपथार उपसंभाग (Sarupathar sub-division) में असम-नागालैंड सीमा पर स्थित उरियमघाट (Uriamghat) के रेंगमा आरक्षित वन (Rengma Reserved Forest) में चल रहा है। सरकार ने दावा किया है कि इस क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्ज़ा किया गया था। हालाँकि, इस अभियान में एक बड़ा विरोधाभास सामने आया है। अधिकारियों ने खुद स्वीकार किया है कि इस इलाके में कई सरकारी योजनाएं चल रही थीं, जैसे:

– प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत मकान
– जल जीवन मिशन (JJM) के तहत पानी का कनेक्शन
– सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के तहत सरकारी स्कूल
– राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत एक उप-स्वास्थ्य केंद्र
– लगभग हर घर में बिजली कनेक्शन

इसके अलावा, इन बस्तियों में बाज़ार, मस्जिद, मदरसे और चर्च भी मौजूद थे। यह विरोधाभास इस बात को दर्शाता है कि सरकार के एक हाथ ने इन बस्तियों को बुनियादी सुविधाएँ दीं, जबकि दूसरे हाथ ने उन्हें अवैध घोषित कर दिया।

बेदखली अभियान की प्रगति और सहयोग

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, “आज सुबह करीब 10 बजे बिद्यापुर और मधुपुर नंबर 2 स्थानों पर बेदखली अभियान शुरू हुआ। अब तक यह अभियान शांतिपूर्ण रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि इसके बाद, वन विभाग राजापुखुरी, गेलजान, मधुपुर, राणा नगर, हल्दीबाड़ी और हातिदुबी जैसे अन्य क्षेत्रों में भी भूमि का सर्वेक्षण शुरू करेगा।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि शनिवार, 26 जुलाई 2025 से शुरू हुए इस अभियान में अब तक रेंगमा आरक्षित वन में 8,000 बीघा (लगभग 1,100 हेक्टेयर) से ज़्यादा वन भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है। जिला प्रशासन का अनुमान है कि कुल मिलाकर 10,500 बीघा से 11,000 बीघा भूमि पर लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है।

विस्थापित परिवार और उनके समुदाय

अधिकारी ने बताया कि उन इलाकों में लगभग 2,000 परिवार (2,000 families) रह रहे हैं। इनमें से अवैध रूप से यहाँ बसे लगभग 1,500 परिवारों को नोटिस जारी किए गए थे। बाकी परिवार वनवासी (forest dwellers) हैं और उनके पास वन अधिकार समिति (FRC – Forest Rights Committee) से प्रमाण पत्र हैं।

अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन परिवारों के घर तोड़े जा रहे हैं, वे ज़्यादातर मुस्लिम समुदाय (Muslim community) से हैं। वहीं, जिनके पास FRC प्रमाण पत्र हैं, वे बोडो, नेपाली, मणिपुरी और अन्य समुदायों से हैं, जिनके घर नहीं तोड़े जा रहे हैं।

अधिकारी ने कहा, “जिन परिवारों को नोटिस मिले थे, उनमें से लगभग 80 प्रतिशत ने पिछले कुछ दिनों में अपनी अवैध बस्तियाँ खाली कर दी हैं। हम केवल उनके घरों को तोड़ रहे हैं।”

इस अभियान का नेतृत्व वन विभाग द्वारा गोलाघाट जिला प्रशासन और असम पुलिस (Assam Police) के सक्रिय सहयोग से किया गया। इसमें नागालैंड सरकार (Nagaland government) और नागालैंड पुलिस (Nagaland Police) का भी घनिष्ठ समन्वय था, क्योंकि यह इलाका दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित है।

 

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