Vande Bharat Trains के लिए पटरियों का जबरदस्त Upgradation: अश्विनी वैष्णव ने बताया, बढ़ी ट्रेनों की रफ्तार और क्षमता!

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नई दिल्ली: भारतीय रेल नेटवर्क पर Vande Bharat Trains के संचालन के लिए पटरियों के उन्नयन (upgradation) कार्य में बीते 10 वर्षों में बड़े पैमाने पर सुधार (massive improvement) किया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने सोमवार, 28 जुलाई 2025 को राज्यसभा को बताया कि इन सुधारों से ट्रेनों की गति क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Vande Bharat Trains की रफ्तार और औसत गति के कारक

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित उत्तर में बताया कि वर्तमान में वंदे भारत ट्रेनें (Vande Bharat trains) अर्ध-उच्च गति सेवाएं (semi-high speed services) हैं। इनकी गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा (kmph) तक जा सकती है, और अधिकतम परिचालन गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा है।

मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी ट्रेन की औसत गति (average speed) कई कारकों पर निर्भर करती है। इनमें ट्रैक की ज्योमेट्री (track geometry), स्टेशनों पर रुकने की संख्या (number of stops), और सेक्शन में चल रहे रखरखाव कार्य (maintenance work) जैसे विभिन्न कारक शामिल हैं। इसका मतलब है कि सिर्फ ट्रेन की क्षमता ही नहीं, बल्कि पूरा रेल बुनियादी ढांचा उसकी वास्तविक गति को प्रभावित करता है।

Vande Bharat Trains पटरियों में आधुनिक तकनीक

वैष्णव ने बताया कि पटरियों के उन्नयन के तहत रेलवे ने कई आधुनिक तकनीकों (modern technologies) को अपनाया है। इन तकनीकों में शामिल हैं:

– चौड़े बेस वाले कंक्रीट स्लीपर (Wide-base concrete sleepers): ये स्लीपर पटरियों को अधिक स्थिरता प्रदान करते हैं, जिससे उच्च गति पर भी सुरक्षित संचालन संभव हो पाता है।

– मजबूत वेब स्विच (Robust web switches): ये ऐसे उपकरण होते हैं जो ट्रेनों को एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर सुरक्षित रूप से जाने की अनुमति देते हैं, और उच्च गति के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

– लंबे रेल पैनल (Long rail panels): लंबे रेल पैनल का मतलब है पटरियों में जोड़ों की संख्या कम होना, जिससे झटके कम लगते हैं और smoother ride मिलती है।

– एच-बीम स्लीपर (H-Beam sleepers): ये विशेष प्रकार के स्लीपर होते हैं जो पटरियों को मज़बूती और स्थिरता प्रदान करते हैं।

– आधुनिक ट्रैक नवीनीकरण और रखरखाव मशीनों का इस्तेमाल (Use of modern track renewal and maintenance machines): इन मशीनों से पटरियों का रखरखाव अधिक कुशलता और सटीकता से किया जा सकता है, जिससे उनकी गुणवत्ता बनी रहती है।

मंत्री ने कहा कि इन सभी उपायों के कारण रेल पटरियों की गति क्षमता में व्यापक वृद्धि (significant increase) हुई है, जिससे वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनों का संचालन तेज़ और अधिक कुशल बन पाया है।

Vande Bharat Trains स्लीपर ट्रेन का प्रोटोटाइप तैयार

रेल मंत्री ने एक और महत्वपूर्ण जानकारी दी: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper train) का पहला प्रोटोटाइप तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि व्यापक परीक्षण (extensive testing) के बाद इस नए वंदे भारत स्लीपर ट्रेनसेट को संचालन के लिए तैयार किया जा रहा है।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए सुविधाजनक और आधुनिक लंबी दूरी की यात्रा (convenient and modern long-distance travel) का विकल्प प्रदान करेगी। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, खासकर रात भर की यात्राओं के लिए। यह रेलवे द्वारा यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने और लंबी दूरी की यात्रा को अधिक आरामदायक बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

Vande Bharat Trains भारतीय रेलवे का बदलता स्वरूप

वंदे भारत ट्रेनों के लिए पटरियों का यह व्यापक उन्नयन भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल ट्रेनों की गति और दक्षता बढ़ा रहा है, बल्कि यात्रियों को एक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव भी प्रदान कर रहा है। स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत के साथ, भारतीय रेलवे देश भर में कनेक्टिविटी और यात्रा सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए तैयार है।

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