Friday, August 8, 2025

DLF का बड़ा ऐलान: मौजूदा Residential Projects को पूरा करने के लिए ₹23,500 करोड़ का निवेश

नई दिल्ली: भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ लिमिटेड (DLF Limited) ने एक बड़ा फ़ैसला लिया है। कंपनी ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और मुंबई में अपनी मौजूदा आवासीय परियोजनाओं (residential projects) को पूरा करने के लिए ₹23,500 करोड़ का भारी-भरकम निवेश करने की घोषणा की है।

एक निवेशक प्रस्तुति (investor presentation) के मुताबिक, यह राशि उन सभी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की कुल लंबित लागत (total pending cost) है, जिन्हें कंपनी पहले ही लॉन्च कर चुकी है। इस घोषणा से न सिर्फ़ निवेशकों का विश्वास बढ़ा है, बल्कि उन सभी ग्राहकों को भी एक बड़ी राहत मिली है, जिन्होंने इन परियोजनाओं में अपने घर बुक कराए हैं।

DLF के पास है पर्याप्त पैसा

इतना बड़ा निवेश करने के लिए कंपनी के पास मज़बूत वित्तीय स्थिति (financial position) है।
– बड़ी नकदी: DLF ने बताया कि उसके पास ₹10,429 करोड़ की नकदी शेष है।
– रेरा में जमा राशि: इसमें से ₹7,782 करोड़ रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) के ‘एस्क्रो’ खाते में जमा हैं, जो यह सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों के पैसे का इस्तेमाल सिर्फ़ निर्माण कार्य में ही किया जाएगा।
– ग्राहकों से मिलने वाली राशि: इसके अलावा, कंपनी को पहले से बेची गई संपत्तियों के बदले ग्राहकों से ₹37,220 करोड़ भी मिलने हैं, जो उसके कंस्ट्रक्शन खर्च को आसानी से पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं।

हाल ही में एक कॉन्फ्रेंस कॉल में, डीएलएफ समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) ने बताया था कि कंपनी ने पहली तिमाही में निर्माण पर लगभग ₹750 करोड़ खर्च किए हैं, और आने वाली तिमाहियों में यह रक़म और बढ़ेगी।

₹22,000 करोड़ की बिक्री का लक्ष्य

DLF सिर्फ पुराने प्रोजेक्ट्स को पूरा करने पर ही ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि उसने चालू वित्त वर्ष के लिए भी महत्वाकांक्षी लक्ष्य (ambitious targets) रखे हैं।
– शानदार तिमाही: कंपनी ने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही ₹11,425 करोड़ की संपत्तियां बेच डाली हैं, जो प्रोजेक्ट्स के लिए मज़बूत मांग को दर्शाता है।
– बिक्री बुकिंग का अनुमान: डीएलएफ का लक्ष्य इस पूरे वित्त वर्ष में ₹20,000-₹22,000 करोड़ की बिक्री बुकिंग (sales booking) हासिल करना है। पहली तिमाही के शानदार प्रदर्शन के बाद, यह लक्ष्य अब पूरी तरह से प्राप्त करने योग्य लगता है।

सिर्फ़ घर नहीं, किराये का भी बिज़नेस

यह जानना भी दिलचस्प है कि DLF का बिज़नेस मॉडल सिर्फ आवासीय संपत्तियों की बिक्री तक ही सीमित नहीं है।
– बहु-आयामी बिज़नेस: यह समूह वाणिज्यिक और खुदरा संपत्तियों (commercial and retail properties) को पट्टे (leasing) पर देने के बिज़नेस में भी है, जिससे उसे एक स्थिर राजस्व (revenue) मिलता रहता है। यह उसकी वित्तीय स्थिरता को और भी मज़बूत करता है।

डीएलएफ का यह ऐलान भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बहुत सकारात्मक संकेत है। यह दिखाता है कि देश की सबसे बड़ी कंपनी न सिर्फ़ अपने वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि उसके पास भविष्य में विकास करने के लिए आवश्यक वित्तीय और परिचालन क्षमता भी है।

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