नई दिल्ली: भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में इंडस्ट्रियल स्पेस (Industrial Space) और वेयरहाउस (Warehouses) की मांग ने रिकॉर्ड उछाल (record surge) दर्ज किया है। 2025 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में यह मांग सालाना आधार पर 63 प्रतिशत बढ़कर 27.1 मिलियन वर्ग फुट हो गई है। इस ज़बरदस्त वृद्धि का मुख्य कारण ई-कॉमर्स कंपनियों (e-commerce companies) की बढ़ती ज़रूरतें हैं, जो देश के आठ प्रमुख शहरों में अपनी पैठ बना रही हैं। रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली प्रमुख कंपनी सीबीआरई (CBRE) ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
Industrial Space -3PLऔर ई-कॉमर्स का दबदबा
सीबीआरई के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जनवरी-जून के दौरान पट्टे पर दिए गए कुल औद्योगिक स्थानों और वेयरहाउस में से एक बड़ा हिस्सा, 32 प्रतिशत स्थान, ‘थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स’ (3PL) कंपनियों को दिए गए। ये कंपनियां विभिन्न व्यवसायों के लिए लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करती हैं, जिनमें वेयरहाउसिंग, परिवहन और इन्वेंट्री प्रबंधन शामिल हैं।
इसके साथ ही, ई-कॉमर्स कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़कर 25 प्रतिशत हो गई, जो पिछले कुछ समय से बढ़ रही है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने उत्पादों को स्टोर करने और तेज़ी से ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए अधिक वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं की ज़रूरत पड़ रही है।
सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन (Anshuman Magazine) ने कहा, “3PL और ई-कॉमर्स का प्रभुत्व दर्शाता है कि किस प्रकार तेजी से विकसित हो रही उपभोक्ता अपेक्षाएं और आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन (supply chain optimization) परिदृश्य को नया आकार दे रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि विकास की अगली लहर प्रीमियम, टिकाऊ (sustainable) और प्रौद्योगिकी-सक्षम सुविधाओं (technology-enabled facilities) द्वारा परिभाषित होगी, क्योंकि कंपनियां अब सिर्फ जगह नहीं, बल्कि कुशल और आधुनिक वेयरहाउसिंग समाधान तलाश रही हैं।
Industrial Space- आपूर्ति और प्रमुख शहरों का योगदान
सीबीआरई के अनुसार, जनवरी-जून 2025 के दौरान औद्योगिक स्थानों और वेयरहाउस की कुल आपूर्ति 1.67 करोड़ वर्ग फुट (16.7 million sq ft) रही। यह दिखाता है कि बाज़ार में मांग के अनुरूप नई जगहें भी तैयार हो रही हैं, हालांकि मांग में वृद्धि की दर आपूर्ति से ज़्यादा है।
इस अवधि में कुल आपूर्ति में बेंगलुरु (Bengaluru), चेन्नई (Chennai) और मुंबई (Mumbai) का योगदान 57 प्रतिशत रहा। ये शहर भारत के प्रमुख औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स हब हैं, जहां ई-कॉमर्स और विनिर्माण गतिविधियों की सघनता अधिक है। इन शहरों में कुशल श्रम बल और बेहतर कनेक्टिविटी भी मौजूद है, जिससे ये वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स गतिविधियों के लिए आकर्षक केंद्र बने हुए हैं।
Industrial Space भविष्य की संभावनाएं
रियल एस्टेट सलाहकार सीबीआरई ने 2025 की पहली छमाही में इस मजबूत प्रदर्शन के साथ उम्मीद जताई है कि दूसरी छमाही में भी मांग मजबूत बनी रहेगी। ई-कॉमर्स की निरंतर वृद्धि, विनिर्माण क्षेत्र में सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलें और आपूर्ति श्रृंखला को अधिक कुशल बनाने की ज़रूरतें इस सेक्टर में आगे भी उछाल लाएंगी।
भारत में लॉजिस्टिक्स सेक्टर में सुधार और इंफ्रास्ट्रक्चर (infrastructure) का विकास भी इस मांग को बढ़ावा दे रहा है। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) जैसी पहलें देश भर में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित हैं, जिससे वेयरहाउसिंग और औद्योगिक स्थानों की मांग को और गति मिलेगी।