नई दिल्ली: भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI – Institute of Chartered Accountants of India), जिसके चार लाख से ज़्यादा सदस्य हैं, ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) के लिए सालाना टैक्स ऑडिट (Tax Audit) की संख्या को सीमित करने के नए मानदंड अधिसूचित कर दिए हैं। ये नए नियम अगले साल 1 अप्रैल, 2026 से लागू होंगे। इस कदम का उद्देश्य नियामकीय ढांचे (regulatory framework) को मजबूत करना और ऑडिट (Audit) की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना है।
60 Tax Audits की सीमा और उसके नियम
नए नियमों के अनुसार, 60 ऑडिट की यह सीमा किसी सदस्य (चार्टर्ड अकाउंटेंट) द्वारा व्यक्तिगत रूप से और किसी फर्म/फर्मों के भागीदार (partner) के रूप में हस्ताक्षरित सभी टैक्स ऑडिट की कुल सीमा होगी। इसका मतलब है कि एक CA, चाहे वह अकेला काम करे या किसी फर्म का हिस्सा हो, कुल मिलाकर 60 से ज़्यादा टैक्स ऑडिट रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं कर पाएगा।
इसके अलावा, किसी कंपनी का भागीदार किसी अन्य भागीदार की ओर से किसी भी टैक्स ऑडिट रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता। यह नियम यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक हस्ताक्षरकर्ता CA अपनी ज़िम्मेदारी पूरी तरह से समझे और उस पर कायम रहे। इस सीमा में कुछ छूट भी दी जाएगी, हालांकि उनकी विस्तृत जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।
Tax Audits नियमों का उद्देश्य: गुणवत्ता और ध्यान
ICAI के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा (Charanjot Singh Nanda) ने बुधवार, 30 जुलाई 2025 को राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि “एक चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा सालाना 60 टैक्स ऑडिट करने की सीमा तय करने से नियामकीय ढांचे को मजबूत करने और ऑडिट पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि इस कदम से नियामकीय ढांचा मजबूत होगा और टैक्स ऑडिट पर चार्टर्ड अकाउंटेंट का ध्यान बढ़ाने में मदद मिलेगी। नंदा ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में मानदंड अधिसूचित कर दिए गए हैं और ये अनिवार्य हैं।
उन्होंने यह भी समझाया कि “लेखा परीक्षा चार्टर्ड अकाउंटेंट की विशेषज्ञता है।” उदाहरण के लिए, यदि किसी ऑडिट कंपनी में चार साझेदार हैं, तो प्रत्येक साझेदार दूसरे साझेदार का भी ऑडिट कर सकता है। उन्होंने बताया कि जहाँ एक ऑडिट कंपनी 240 ऑडिट तक कर सकती है (चार साझेदार x 60 ऑडिट प्रति साझेदार), वहीं एक साझेदार अब व्यक्तिगत रूप से 60 से ज़्यादा ऑडिट नहीं कर पाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि काम का बोझ समान रूप से वितरित हो और गुणवत्ता पर कोई समझौता न हो।
Tax Audits विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (UDIN) प्रणाली का महत्व
इस बीच, चार्टर्ड अकाउंटेंट के हस्ताक्षर में गड़बड़ी और जाली हस्ताक्षर (forged signatures) की शिकायतों के बीच, ICAI ने पहले ही विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (UDIN – Unique Document Identification Number) प्रणाली लागू कर दी है।
यूडीआईएन एक विशिष्ट संख्या है जो किसी कार्यरत चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित या सत्यापित प्रत्येक दस्तावेज़ के लिए जारी की जाती है। यह प्रणाली दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता (authenticity) सुनिश्चित करने और जाली हस्ताक्षर की घटनाओं को रोकने में मदद करती है, जिससे टैक्स ऑडिट और अन्य CA-प्रमाणित दस्तावेज़ों में विश्वास बढ़ता है।
Tax Auditsपारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में कदम
ICAI द्वारा 60 टैक्स ऑडिट की सीमा निर्धारित करना, UDIN प्रणाली के साथ मिलकर, भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंसी पेशे में पारदर्शिता और जवाबदेही (accountability) बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल ऑडिट की गुणवत्ता में सुधार करेगा, बल्कि नियामक अनुपालन (regulatory compliance) को भी मजबूत करेगा, जिससे भारतीय वित्तीय प्रणाली में विश्वास बढ़ेगा। यह नियम CA समुदाय को अपने काम की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान केंद्रित करने और अत्यधिक काम के बोझ से बचने में भी मदद करेगा।
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