नई दिल्ली: बम्पर इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च से Cement Industry की चमक बढ़ गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था में बुनियादी ढांचा (infrastructure) परियोजनाओं पर सरकार का बढ़ता खर्च (expenditure) सीमेंट उद्योग के लिए सोने पर सुहागा साबित हुआ है। चालू वित्त वर्ष (financial year) की जून में समाप्त पहली तिमाही में प्रमुख सीमेंट कंपनियों की बिक्री और राजस्व (revenue) में दो अंक (double digit) की बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह उछाल पिछले साल कंपनी के कठिन दौर का सामना करने के बाद आया है, जो दिखाता है कि बाजार एक बार फिर तेजी के ट्रैक (track) पर लौट आया है।
क्यों आई सीमेंट कंपनियों की चांदी?
सीमेंट की बिक्री में इस बम्पर उछाल के पीछे दो प्रमुख वजहें हैं:
– सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च: केंद्र और राज्य सरकारों ने सड़क, पुल, बंदरगाह (ports) और हाउसिंग प्रोजेक्टों (housing projects) पर पूंजीगत व्यय (capital expenditure) बढ़ाया है। अल्ट्राटेक के सीएफओ (मुख्य वित्त अधिकारी) (CFO) अतुल डागा ने कहा कि बिहार, आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य सालाना आधार पर काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकारी खर्च में यह वृद्धि सीमेंट की मांग (demand) को सीधे बढ़ाती है।
– कम उत्पादन लागत: सीमेंट कंपनियों को कम उत्पादन लागत (production cost) का भी फायदा मिला है। कोयला और पेटकोक जैसी ऊर्जा लागतों (energy costs) में गिरावट और डीजल की स्थिर कीमतों ने उनकी परिचालन आय (EBITDA) (EBITDA) में सुधार करने में मदद की है। कम लागत और बढ़ती बिक्री से कंपनियों के मुनाफे (profit) में बढ़ोतरी हुई है।
किस कंपनी ने किया कैसा प्रदर्शन?
इस तिमाही में लगभग सभी प्रमुख सीमेंट कंपनियों ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ को अलग-अलग कारणों से नुकसान भी हुआ।
– टॉप परफॉर्मर्स:
– अल्ट्राटेक सीमेंट: कंपनी की बिक्री 9.7 प्रतिशत बढ़कर 3.68 करोड़ टन रही। यह बढ़ोतरी इंडिया सीमेंट्स और केसोरम इंडस्ट्रीज के सीमेंट कारोबार के अधिग्रहण (acquisition) से भी मदद मिली है।
– अंबुजा सीमेंट्स: अदाणी समूह (Adani group) की इस कंपनी ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया। इसने 1.84 करोड़ टन की अब तक की सबसे अधिक बिक्री और 10,000 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक तिमाही राजस्व दर्ज किया है। कंपनी के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) (CEO) विनोद बहेटी ने बताया कि यह गति कीमतों पर ध्यान और मजबूत विकास के कारण मिली है।
– अन्य कंपनियां: बिड़ला कॉरपोरेशन की बिक्री 9.36 प्रतिशत बढ़ी और नुवोको विस्टास कॉर्प और जेके लक्ष्मी सीमेंट ने भी मजबूत बिक्री दर्ज की।
– गिरावट दर्ज करने वाली कंपनियां:
– श्री सीमेंट की बिक्री उत्तरी क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव (geopolitical tension) के कारण घटी।
– डालमिया भारत की बिक्री मात्रा 5.8 प्रतिशत घटी, और केरल में समय से पहले मानसून आने की वजह से रामको सीमेंट्स की बिक्री में सात प्रतिशत की गिरावट आई।
आगे क्या? क्या यह तेजी बनी रहेगी?
उद्योग जगत का मानना है कि यह तेजी पूरे वित्त वर्ष में बनी रहेगी। कंपनी के अधिकारियों और उद्योग विशेषज्ञों की राय से भी यह स्पष्ट है।
– मूल्यों में सुधार: इक्रा (ICRA) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में सीमेंट की कीमतें सालाना आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर 360 रुपये प्रति बैग हो गईं, जो पिछले वित्त वर्ष में घटी थीं। यह बढ़ोतरी उद्योग के स्वास्थ्य (health) के लिए एक सकारात्मक संकेत (positive sign) है।
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