SEBI ने Jane Street पर लगा प्रतिबंध हटाया, एस्क्रो खाते में जमा कराए ₹4,843 करोड़

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नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार के नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अमेरिकी फर्म जेन स्ट्रीट (Jane Street) को कारोबार फिर से शुरू करने की इजाजत दे दी है। यह फैसला तब आया है जब जेन स्ट्रीट ने अपने एस्क्रो खाते (escrow account) में ₹4,843.57 करोड़ की एक बड़ी राशि जमा कर दी है। जेन स्ट्रीट पर पहले सूचकांक में हेराफेरी (index manipulation) के आरोप लगे थे, जिसके बाद सेबी ने उस पर बाजार में कारोबार करने से रोक लगा दी थी।

सेबी का आदेश और उसका पालन: प्रतिबंध हटने की वजह

सेबी ने 3 जुलाई, 2025 को एक अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसमें जेन स्ट्रीट को निर्देश दिया गया था कि वह विवादित राशि को एक एस्क्रो खाते में जमा करे। इस आदेश के पालन के बाद, अब भारतीय प्रतिभूति बाजार (securities market) तक जेन स्ट्रीट की पहुंच पर लगा प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने बयान में बताया कि जेन स्ट्रीट समूह ने 3 जुलाई, 2025 को जारी अंतरिम आदेश के पैरा 62.11 के अनुसार, खंड 62.1 में दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए ₹4,843.57 करोड़ की राशि जमा कर दी है। सेबी ने स्पष्ट रूप से कहा है, “अंतरिम आदेश अब लागू नहीं होगा।” यह कदम दिखाता है कि नियामक अपने आदेशों के अनुपालन को कितनी गंभीरता से लेता है और उसका उद्देश्य बाजार की अखंडता को बनाए रखना है।

हेराफेरी और अनुचित व्यापार व्यवहार पर सख्त चेतावनी

जेन स्ट्रीट पर से लगा कारोबार प्रतिबंध हटाते हुए, नियामक ने कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी रखी हैं। सेबी ने निर्देश दिया है कि जेन स्ट्रीट और उसकी संबंधित संस्थाएं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी धोखाधड़ी (fraudulent), हेराफेरी (manipulative) या अनुचित व्यापार व्यवहार (unfair trade practices) में शामिल नहीं होंगी। इसमें अंतरिम आदेश में उल्लिखित किसी भी तरीके का उपयोग करके प्रतिभूतियों में कारोबार करना भी शामिल है। जेन स्ट्रीट और संबंधित इकाइयों ने इन शर्तों का पालन करने की प्रतिबद्धता जताई है, जो नियामक के प्रति उनकी जवाबदेही को दर्शाता है। यह सुनिश्चित करना सेबी के लिए बेहद ज़रूरी है कि बाजार में सभी प्रतिभागी निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करें।

बाजार की अखंडता के लिए सख्त निगरानी

सेबी ने आगे बाजार की अखंडता और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सख्त निगरानी (strict monitoring) का निर्देश दिया है। शेयर बाजारों को जेन स्ट्रीट समूह के लेनदेन और स्थिति पर लगातार नजर रखने के लिए कहा गया है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि या हेराफेरी को रोका जा सके।

नियामक ने दोहराया कि वह उचित प्रक्रिया का पालन करने और प्रतिभूति बाजार की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। शेयर बाजारों ने भी सेबी के इन निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने का आश्वासन दिया है। यह घटनाक्रम भारतीय पूंजी बाजार में सेबी की सशक्त नियामक भूमिका और उसकी चौकसी को प्रदर्शित करता है, जो बाजार को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

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