मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए Vostro Account पर एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। आरबीआई ने मंगलवार को घोषणा की कि विशेष रुपया वोस्त्रो खाता (Special Rupee Vostro Account – SRVA) रखने वाले अनिवासी व्यक्ति (non-residents) अब अपनी अतिरिक्त राशि को केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों (जी-सेक) (Central Government securities – G-Secs) में निवेश (invest) कर सकते हैं। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
क्या है RBI का नया फैसला और क्यों है यह खास?
आरबीआई के इस फैसले का सीधा मतलब यह है कि Vostro Account में रखे गए अतिरिक्त पैसे को अब सिर्फ बैंक खाते में खाली नहीं रखना होगा।
– निवेश के नए मौके: भारत के बाहर रहने वाले लोग, जो रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार करते हैं, वे अब वोस्त्रो खाते में बचे हुए पैसे को केंद्र सरकार के बॉन्ड (bonds) और ट्रेजरी बिल (Treasury Bills) जैसे सुरक्षित निवेशों (safe investments) में लगा सकते हैं।
– Vostro Account को मिलेगा बढ़ावा: यह कदम वोस्त्रो खातों को और अधिक आकर्षक (attractive) बनाएगा, क्योंकि निवेशक अपने पैसे पर रिटर्न (return) कमा सकेंगे।
क्या होता है Vostro Account? आसान भाषा में समझें
वोस्त्रो खाता अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को आसान बनाने के लिए बनाया गया एक खाता है।
– दो देशों के बीच का पुल: आसान शब्दों में कहें तो, जब दो देश डॉलर या किसी तीसरी मुद्रा (third currency) के बजाय आपस में अपनी स्थानीय मुद्रा (local currency) में व्यापार करना चाहते हैं, तो वोस्त्रो खाता काम आता है। विदेशी इकाइयां (foreign entities) भारतीय बैंकों में वोस्त्रो खाता खोलती हैं, जो रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लेन-देन (international trade transactions) को निपटाने में मदद करता है।
रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने की मुहिम
RBI का यह फैसला रुपये को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा (international currency) बनाने की उसकी बड़ी रणनीति (big strategy) का हिस्सा है।
– मुद्रा में व्यापार: आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा था कि भारत किसी भी अन्य देश की तरह अपनी मुद्रा (currency) में व्यापार को लोकप्रिय (popularize) बनाने के लिए काम कर रहा है। आरबीआई ने हाल ही में वोस्त्रो खाते खोलने की प्रक्रिया को भी सरल (simplify) बनाया है।
इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था को क्या फायदा होगा?
RBI के इस फैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था को कई फायदे हो सकते हैं:
– रुपये में मजबूत पूंजी प्रवाह: जी-सेक में निवेश की अनुमति मिलने से भारत में पूंजी प्रवाह (capital inflow) बढ़ सकता है, जिससे रुपया और मजबूत होगा।
– डॉलर पर निर्भरता में कमी: रुपये में व्यापार बढ़ने से डॉलर पर भारत की निर्भरता (dependency) कम होगी, जिससे वैश्विक आर्थिक दबावों का असर भी कम होगा।
– जी-सेक मार्केट को बढ़ावा: विदेशी निवेशकों के आने से जी-सेक मार्केट में मांग (demand) बढ़ेगी, जिससे सरकार को भी उधार लेना आसान हो जाएगा।
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