अमरावती: आंध्र प्रदेश सरकार ने अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL – Adani Green Energy Limited) की दो महत्वाकांक्षी पंप हाइड्रो भंडारण बिजली परियोजनाओं (PSP – Pump Hydro Storage Power Projects) को रद्द कर दिया है। ये परियोजनाएं 1,200 मेगावाट की कुरुकुट्टी (Kurukutti) और 1,000 मेगावाट की कर्रीवालासा (Karrivalasa) थीं। यह निर्णय कंपनी के अनुरोध पर स्थानीय मुद्दों (local issues), विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच सीमा विवाद (border dispute between Andhra Pradesh and Odisha) के कारण लिया गया है। एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार, 28 जुलाई 2025 को यह जानकारी दी।
Adani Green का अनुरोध और सरकारी आदेश
एक सरकारी आदेश (GO – Government Order) में मुख्य सचिव के. विजयानंद (K. Vijayanand) ने बताया कि एजीईएल ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच चल रहे सीमा विवाद के कारण इन परियोजनाओं को रद्द करने के लिए सरकार को पत्र लिखा था। यह विवाद उन क्षेत्रों से संबंधित है जहां ये परियोजनाएं प्रस्तावित थीं, जिससे उनके निष्पादन में अनिश्चितता पैदा हो रही थी।
विजयानंद ने कहा, “सरकार ने विभिन्न हितधारकों (stakeholders) के परामर्श से एजीईएल के प्रस्ताव की विस्तृत जांच की और पार्वतीपुरम मान्यम जिले में एजीईएल को आवंटित 1,200 मेगावाट की कुरुकुट्टी और 1,000 मेगावाट की कर्रीवालासा पंप हाइड्रो भंडारण बिजली परियोजनाओं को रद्द करने के आदेश जारी किए हैं।” यह निर्णय दर्शाता है कि सरकार ने कंपनी की चिंताओं को गंभीरता से लिया है और व्यवहार्यता के आधार पर कदम उठाया है।
Adani Green परियोजनाओं की पृष्ठभूमि
अदाणी ग्रीन को पिछली जगनमोहन रेड्डी की सरकार (Jaganmohan Reddy government) के दौरान 29 जून, 2022 को इन दोनों परियोजनाओं की मंजूरी मिली थी। इन परियोजनाओं की व्यवहार्यता रिपोर्ट (feasibility report) तैयार करने के लिए आंध्र प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (NREDCAP – Andhra Pradesh New and Renewable Energy Development Corporation Limited) ने टीसीई लिमिटेड (TCE Limited) को नियुक्त किया था। वहीं, एजीईएल ने सर्वेक्षण (survey), जांच (investigation) और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR – Detailed Project Report) तैयार करने की जिम्मेदारी संभाली थी।
एजीईएल ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच सीमा विवाद के कारण 12 सितंबर, 2024 को इन दोनों परियोजनाओं को रद्द करने का अनुरोध किया था। साथ ही, कंपनी ने सरकार द्वारा दिए गए सुविधा शुल्क (facilitation fee) को वापस करने या उस धनराशि को एजीईएल को आवंटित की गई अन्य परियोजनाओं – 1,000 मेगावाट की पेडाकोटा (Pedakota) और 600 मेगावाट की रायवाड़ा (Rayawada) पीएसपी परियोजनाओं – के लिए देय आवंटन शुल्क (allocation fee) में समायोजित (adjust) करने का भी अनुरोध किया था। यह समायोजन कंपनी के वित्तीय बोझ को कम करने में मदद करेगा।
Adani Green पंप हाइड्रो भंडारण परियोजनाओं का महत्व
पंप हाइड्रो भंडारण बिजली परियोजनाएं नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, खासकर ग्रिड स्थिरता (grid stability) बनाए रखने के लिए। ये परियोजनाएं अधिशेष बिजली का उपयोग करके पानी को ऊंचे जलाशयों में पंप करती हैं, और जब बिजली की मांग अधिक होती है तो उसी पानी को टर्बाइनों के माध्यम से गिराकर बिजली पैदा करती हैं। यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर और पवन ऊर्जा की परिवर्तनशीलता को प्रबंधित करने में मदद करती हैं। इन परियोजनाओं का रद्द होना आंध्र प्रदेश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विस्तार योजना के लिए एक झटका हो सकता है, लेकिन यह सीमा विवाद जैसे भू-राजनीतिक मुद्दों की जटिलताओं को भी दर्शाता है।
Adani Green विकास परियोजनाओं की चुनौतियां
अदाणी ग्रीन की इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का रद्द होना दिखाता है कि कैसे अंतर-राज्यीय सीमा विवाद और स्थानीय मुद्दे बड़े पैमाने की विकास परियोजनाओं के लिए बाधा बन सकते हैं। यह न केवल निवेशकों के लिए अनिश्चितता पैदा करता है, बल्कि राज्य की ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने की गति को भी प्रभावित कर सकता है। आंध्र प्रदेश सरकार को अब इन रद्द की गई परियोजनाओं की भरपाई के लिए अन्य स्थानों पर वैकल्पिक समाधान तलाशने पड़ सकते हैं ताकि राज्य की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा किया जा सके और नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।