नई दिल्ली: भारत के ऊर्जा क्षेत्र में EIL और NPCIL के बीच अहम करार हुआ है। सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग और परामर्श कंपनी इंजीनियर्स इंडिया लि. (EIL) ने भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लि. (NPCIL) के साथ एक शुरुआती समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) के विकास के लिए इंजीनियरिंग सेवाएं (engineering services) प्रदान करना है।
यह समझौता भारत सरकार के उस दृष्टिकोण का समर्थन करता है, जिसका लक्ष्य स्वच्छ, हरित और भरोसेमंद ऊर्जा को बढ़ावा देना और देश की ऊर्जा सुरक्षा (energy security) को मज़बूत करना है।
विकसित भारत के मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम
यह समझौता भारत के महत्त्वाकांक्षी विकसित भारत के परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत 2047 तक 100 गीगावाट (100 GW) परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। एसएमआर का विकास इस लक्ष्य को पाने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
एसएमआर के डिजाइन और इंजीनियरिंग पर होगा फोकस
यह एमओयू विशेष रूप से भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर) के डिजाइन और इंजीनियरिंग पर केंद्रित है।
समझौते का विवरण: इस एमओयू के तहत ईआईएल, बीएसएमआर की संरचनाओं, प्रणालियों और उपकरणों के डिजाइन और इंजीनियरिंग के विकास के लिए अपनी सेवाएँ देगा।
समझौते में कौन-कौन थे शामिल?
एमओयू पर 12 अगस्त को एनपीसीआईएल के मुंबई कार्यालय में हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मौजूद अधिकारी: ईआईएल की चेयरमैन और प्रबंध निदेशक वर्तिका शुक्ला और एनपीसीआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बी. सी. पाठक ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
यह साझेदारी दिखाती है कि भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए परमाणु ऊर्जा को एक महत्त्वपूर्ण समाधान के रूप में देख रहा है। ईआईएल की इंजीनियरिंग विशेषज्ञता और एनपीसीआईएल की परमाणु ऊर्जा विशेषज्ञता का यह मेल भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकता है।
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