Sunday, August 17, 2025

Nepal अब भारत को 200 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का निर्यात करेगा, हरियाणा को अब मिलेगी ज्यादा बिजली

नई दिल्ली: भारत और नेपाल (Nepal) के बीच ऊर्जा सहयोग के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। नेपाल अब भारत को करीब 200 मेगावाट (MW) अतिरिक्त बिजली का निर्यात करेगा। इस नई डील (deal) से नेपाल को 80 अरब नेपाली रुपये से अधिक की कमाई होगी, जो उसकी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा फ़ायदा है।

यह कदम दोनों देशों के बीच जनवरी 2024 में हुए उस ऐतिहासिक दीर्घकालिक समझौते के अनुरूप है, जिसमें अगले 10 सालों के भीतर नेपाल से भारत को कुल 10,000 मेगावाट बिजली बेचने का प्रावधान किया गया था। यह समझौता दोनों पड़ोसी देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को दर्शाता है।

समझौते की ख़ासियत: 10,000 मेगावाट का दीर्घकालिक विज़न

– कुल निर्यात: Nepal विद्युत प्राधिकरण (NEA) के प्रवक्ता राजन ढकाल के अनुसार, इस नई मंज़ूरी के बाद नेपाल का भारत को कुल बिजली निर्यात बढ़कर `1,140.70 मेगावाट` हो जाएगा। यह आंकड़ा उस बढ़ती ऊर्जा साझेदारी का प्रमाण है जो दोनों देश मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं।

– मंज़ूरी की प्रक्रिया: भारत के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने मंगलवार को ही हरियाणा को नेपाल से `199.70 मेगावाट` अतिरिक्त बिजली इंपोर्ट (import) करने की मंज़ूरी दी।

हरियाणा को अब मिलेगी ज़्यादा बिजली

फ़िलहाल, Nepal अपनी अतिरिक्त बिजली बिहार और हरियाणा को बेच रहा है। इस नए समझौते से हरियाणा को फ़ायदा होगा:

– आयात में वृद्धि: प्रवक्ता राजन ढकाल ने बताया कि अब तक हरियाणा `235.5 मेगावाट` बिजली इंपोर्ट कर रहा था, लेकिन नए समझौते के बाद यह आयात बढ़कर `435.5 मेगावाट` हो जाएगा।

अधिकारियों का कहना है कि यह अतिरिक्त बिजली एक्सपोर्ट (`export`) तभी शुरू होगा जब नेपाल के पास ज़रूरत से ज़्यादा बिजली उपलब्ध होगी।

प्रधानमंत्री ओली ने जताई ख़ुशी, नेपाल को आर्थिक फ़ायदा

इस घोषणा के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने सोशल मीडिया पर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, “जलविद्युत निर्यात से नेपाल को `80.27 अरब नेपाली रुपये` से अधिक की कमाई होगी।”

यह आर्थिक लाभ नेपाल की सरकार के लिए एक बड़ी कामयाबी है, क्योंकि जलविद्युत वहाँ की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत जैसे विशाल बाज़ार में अपनी बिजली बेचकर नेपाल न सिर्फ़ अपनी आय बढ़ा सकता है, बल्कि अपने एनर्जी सेक्टर (`energy sector`) को भी मज़बूत कर सकता है।

यह समझौता दोनों देशों के बीच एक स्थायी और भरोसेमंद एनर्जी पार्टनरशिप की नींव को और भी ज़्यादा मज़बूत करता है। नेपाल के लिए यह अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने का एक सुनहरा मौक़ा है, जबकि भारत अपनी तेज़ी से बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक विश्वसनीय पड़ोसी पर निर्भर हो सकता है। यह सहयोग दोनों देशों के लिए `विन-विन` (`win-win`) सिचुएशन (`situation`) है।

 

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