नई दिल्ली: भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम Startups Ecosystem के लिए एक बहुत ही बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है। सरकार के एक अहम विभाग उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए दो बड़ी कंपनियों हीरो मोटोकॉर्प और यूनिकॉर्न स्टार्टअप जेप्टो के साथ समझौते किए हैं। यह साझेदारी (partnership) सिर्फ आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य नए उद्यमियों को इंडस्ट्री की सही जानकारी, मेंटॉरशिप (mentorship) और बाजार तक सीधी पहुंच (direct market access) देना है। यह एक अहम कदम है, जो दिखाता है कि कैसे सरकार और निजी क्षेत्र (private sector) मिलकर देश के भविष्य को बना रहे हैं।
ऑटोमोबाइल और क्लीन टेक के Startups ()को बढ़ावा
डीपीआईआईटी का हीरो मोटोकॉर्प के साथ हुआ समझौता खासतौर पर परिवहन (transportation), क्लीन टेक्नोलॉजी (clean technology) और डीप टेक्नोलॉजी (deep technology) के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप्स पर केंद्रित है। इस पहल का नाम ‘हीरो फॉर स्टार्टअप्स’ है। इस पार्टनरशिप के तहत चुने गए स्टार्टअप्स को कई अहम फायदे मिलेंगे।
– रिसर्च और डेवलपमेंट तक पहुंच: स्टार्टअप्स को जर्मनी और भारत में हीरो मोटोकॉर्प की बेहतरीन रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) सुविधाओं का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा। यह किसी भी तकनीकी स्टार्टअप के लिए एक बहुत बड़ा अवसर है जो उन्हें अपने आइडिया को असलियत में बदलने में मदद करेगा।
– बड़ा नेटवर्क एक्सेस: स्टार्टअप्स को हीरो मोटोकॉर्प के व्यापक डीलर, सप्लायर और पार्टनर्स के नेटवर्क तक पहुंच मिलेगी। इसका सीधा मतलब है कि उन्हें बाजार में अपने प्रोडक्ट्स को टेस्ट करने और लॉन्च करने के लिए एक बना-बनाया प्लेटफॉर्म मिल जाएगा।
– मेंटरशिप: इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स उन्हें सही मार्गदर्शन देंगे ताकि वे बिना बड़ी गलतियां किए आगे बढ़ सकें।
Zepto के साथ साझेदारी: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नया पुश
डीपीआईआईटी और जेप्टो के बीच हुए समझौते का मकसद विनिर्माण (manufacturing) के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप्स (Startups) को समर्थन देना है। यह साझेदारी एक खास और फोकस्ड प्रोग्राम के जरिए काम करेगी जो छह महीने तक चलेगा।
इस प्रोग्राम में खासकर उन स्टार्टअप्स को चुना जाएगा जो हार्डवेयर, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT), पैकेजिंग और टिकाऊ विनिर्माण (sustainable manufacturing) में नई टेक्नोलॉजी विकसित कर रहे हैं। इन स्टार्टअप्स को यह मदद मिलेगी कि वे अपने आइडिया यानी प्रोटोटाइप को बाजार के लिए पूरी तरह से तैयार प्रोडक्ट में बदल सकें। इसमें जेप्टो का व्यापक वितरण और डिजिटल बुनियादी ढांचा उनके लिए गेम-चेंजर साबित होगा।
क्यों अहम है ‘युनिकॉर्न’ का समर्थन?
डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव संजीव ने इस पहल पर बात करते हुए कहा कि यूनिकॉर्न कंपनियों का समर्थन स्टार्टअप्स (Startups) को आगे बढ़ाने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। एक यूनिकॉर्न कंपनी एक ऐसी स्टार्टअप कंपनी होती है जिसका मूल्यांकन एक अरब डॉलर (लगभग 8,200 करोड़ रुपये) से ज्यादा होता है।
जब जेप्टो जैसी सफल कंपनी एक नए स्टार्टअप को मदद करती है, तो वह उन्हें सिर्फ पैसे नहीं देती, बल्कि अपनी असफलताओं, सफलताओं, और सप्लाई चेन के अनुभव को भी साझा करती है। इससे नए स्टार्टअप्स को सीखने और आगे बढ़ने में बड़ी मदद मिलती है।
भारत का Startups इकोसिस्टम: एक नई दिशा
ये साझेदारियां दिखाती हैं कि भारत अब सिर्फ Startups को वित्तीय मदद देने से कहीं आगे बढ़ रहा है। यह अब एक ऐसा माहौल बना रहा है, जहां सरकार, बड़े कॉरपोरेट्स और सफल स्टार्टअप्स सब मिलकर एक मजबूत इकोसिस्टम बना रहे हैं। इससे देश में जॉब क्रिएशन के अवसर बढ़ेंगे, इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा और भारत का आत्मनिर्भर बनने का सपना और जल्दी पूरा होगा। यह कदम भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक नई शुरुआत है जो उसे वैश्विक पटल (global stage) पर एक नया मुकाम दिलाएगा।
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