Friday, August 1, 2025

इस सप्ताह गोल्ड मार्केट: सीमित दायरे में रहेगा Gold, निवेशक रखेंगे वैश्विक संकेतों पर पैनी नजर

नई दिल्ली: इस सप्ताह भारतीय और वैश्विक बुलियन मार्केट (bullion market) में सोने का कारोबार एक सीमित दायरे में रहने की संभावना है। विश्लेषकों का मानना है कि निवेशक कई महत्वपूर्ण वैश्विक घटनाओं और आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, ऐसे में सोने की कीमतों (gold prices) में बहुत बड़े उतार-चढ़ाव की संभावना कम है। बाजार को खासकर वैश्विक व्यापार वार्ता (global trade talks) के नतीजों, अमेरिका के वृहद आर्थिक आंकड़ों (macroeconomic data) और फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के संकेतों का बेसब्री से इंतजार है।

 

बाजार की निगाहें इन प्रमुख कारकों पर

सोने की कीमतों की दिशा तय करने वाले कुछ प्रमुख कारक जिन पर कारोबारी पैनी नजर रखेंगे, वे इस प्रकार हैं:

* फेडरल रिजर्व के संकेत: फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल (Jerome Powell) के संबोधन पर बाजार की खास निगाह रहेगी, क्योंकि उनके बयानों से अमेरिकी मौद्रिक नीति (monetary policy) और ब्याज दरों (interest rates) की भविष्य की दिशा का संकेत मिलेगा।

* वैश्विक खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) डेटा: अमेरिका, ब्रिटेन और यूरो क्षेत्र सहित प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वैश्विक खरीद प्रबंधक सूचकांक (Purchasing Managers’ Index – PMI) के आंकड़े भी महत्वपूर्ण होंगे। ये आंकड़े अर्थव्यवस्थाओं के स्वास्थ्य का संकेत देते हैं और सोने की मांग को प्रभावित कर सकते हैं।

* यूरोपीय केंद्रीय बैंक का ब्याज दर संबंधी फैसला: यूरोपीय केंद्रीय बैंक (European Central Bank – ECB) के ब्याज दर संबंधी फैसले पर भी सभी की निगाह रहेगी, क्योंकि इससे वैश्विक तरलता (global liquidity) और निवेश के रुझान प्रभावित हो सकते हैं।

* अमेरिका के वृहद आर्थिक आंकड़े: जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष, ईबीजी – जिंस एवं मुद्रा शोध प्रणव मेर ने कहा कि आने वाले सप्ताह में आवास बाजार (housing market), साप्ताहिक बेरोजगारी दावे (weekly jobless claims) और टिकाऊ वस्तुओं के ऑर्डर (durable goods orders) सहित अमेरिका के वृहद आर्थिक आंकड़ों पर सभी की निगाह रहेगी। ये आंकड़े अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति का आकलन करने में मदद करेंगे।

व्यापार वार्ता और सुरक्षित निवेश मांग

सोने को अक्सर एक सुरक्षित निवेश विकल्प (safe-haven asset) माना जाता है, खासकर अनिश्चितता के समय में। मेर ने बताया कि अमेरिका और उसके व्यापारिक साझेदारों, जैसे भारत और चीन, के बीच व्यापार वार्ता पर ध्यान केंद्रित रहने के कारण सर्राफा बाजार में गिरावट सीमित दिख रही है। शुल्क (tariffs) लागू होने की एक अगस्त की समयसीमा नजदीक आने के साथ, व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता सोने की सुरक्षित निवेश मांग को बढ़ावा दे सकती है। अगर व्यापार तनाव बढ़ता है, तो निवेशक सोने की ओर रुख कर सकते हैं।

इस बीच, अगस्त से अक्टूबर तक आने वाली घरेलू त्योहारी मांग (domestic festive demand) से कीमतों में तेजी आ सकती है। भारत में दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहारों के दौरान सोने की खरीददारी बढ़ जाती है, जिससे कीमतों को समर्थन मिल सकता है।

 

हालिया रुझान और भविष्य की संभावनाएं

पिछले सप्ताह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (Multi Commodity Exchange – MCX) में अगस्त डिलिवरी वाले सोने का वायदा भाव (futures price) 200 रुपये या 0.2 प्रतिशत चढ़ा। एंजेल वन में डीवीपी-शोध, गैर-कृषि जिंस और मुद्रा, प्रथमेश माल्या ने कहा कि विदेशी बाजारों में पिछले 10 दिन में सोने में लगभग दो प्रतिशत की तेजी आई है, और यह लगभग 3,350 डॉलर प्रति औंस (per ounce) पर पहुंच गया है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा, “पिछले सप्ताह अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने सोने की बढ़त को सीमित रखा, रुपये की कमजोरी घरेलू बाजारों में गिरावट के दबाव को कम कर सकती है। कुल मिलाकर, निकट भविष्य में सोने में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना है।”

वेंचुरा के जिंस और सीआरएम प्रमुख एन एस रामास्वामी के अनुसार, “अगर कमजोर अमेरिकी डॉलर, भू-राजनीतिक जोखिम (geopolitical risks), मजबूत निवेशक मांग, केंद्रीय बैंक की निरंतर खरीद जैसे उत्प्रेरक जारी रहते हैं, तो 2025 की पहली छमाही में 26 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के बाद, दूसरी छमाही में सोना 4-8 प्रतिशत और बढ़ सकता है।” यह दर्शाता है कि दीर्घकालिक निवेशक सोने में अभी भी अच्छी संभावनाएं देख रहे हैं।

 

चांदी का चमकता भविष्य: ‘गरीबों के सोने’ से रणनीतिक धातु तक

सोने के साथ-साथ चांदी में भी जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले सप्ताह चांदी का सितंबर डिलिवरी वाला अनुबंध एमसीएक्स पर 1,15,136 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड उच्चस्तर (record high) पर पहुंच गया।

कुल मिलाकर, आने वाले सप्ताह में सोना सीमित दायरे में रह सकता है, लेकिन निवेशकों को वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक घटनाओं पर करीब से नज़र रखनी होगी। चांदी में औद्योगिक मांग के कारण तेजी जारी रहने की संभावना है।

आप इस सप्ताह गोल्ड या सिल्वर में निवेश के लिए क्या रणनीति अपनाएंगे?

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