Friday, August 1, 2025

Nayara Energy के CEO एलेसेंड्रो डेस डोरिडेस ने दिया इस्तीफा: EU प्रतिबंधों का क्या है कनेक्शन?

नई दिल्ली: भारतीय रिफाइनरी कंपनी नायरा एनर्जी (Nayara Energy) में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) एलेसेंड्रो डेस डोरिडेस (Alessandro Des Dorides) ने पिछले हफ्ते अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद, कंपनी ने तुरंत सर्गेई डेनिसोव (Sergey Denisov) को नया सीईओ नियुक्त किया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब नायरा एनर्जी को यूरोपीय संघ (European Union – EU) के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यह रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट (Rosneft) द्वारा समर्थित है। मामले से अवगत सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

इस्तीफे का कारण और EU प्रतिबंधों का प्रभाव

सूत्रों ने बताया कि एलेसेंड्रो डेस डोरिडेस ने पिछले हफ्ते नायरा एनर्जी के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था और उनकी जगह सर्गेई डेनिसोव को नियुक्त किया गया है। यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ नए सिरे से कदम उठाते हुए नायरा पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।

यह स्थिति नायरा एनर्जी के लिए एक चुनौती बन गई है, क्योंकि कंपनी की एक बड़ी हिस्सेदारी रूसी कंपनी के पास है। रोसनेफ्ट के पास नायरा एनर्जी लिमिटेड (Nayara Energy Limited) में 49.13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। नायरा एनर्जी को पहले एस्सार ऑयल लिमिटेड (Essar Oil Limited) के नाम से जाना जाता था। यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का मतलब है कि नायरा को कुछ वित्तीय और व्यापारिक गतिविधियों में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

Nayara Energy का विस्तार और परिचालन

नायरा एनर्जी भारत की एक महत्वपूर्ण तेल रिफाइनरी कंपनी है। यह गुजरात के वाडिनार में दो करोड़ टन प्रति वर्ष (20 million tonnes per annum) की क्षमता वाली एक विशाल तेल रिफाइनरी का संचालन करती है। इसके साथ ही, कंपनी का एक बड़ा खुदरा नेटवर्क भी है, जिसमें 6,750 से ज़्यादा पेट्रोल पंप (petrol pumps) शामिल हैं, जो पूरे देश में फैले हुए हैं। यह कंपनी भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है।

कंपनी ने सीईओ के इस्तीफे के कारणों या परिस्थितियों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। एलेसेंड्रो डेस डोरिडेस अप्रैल 2024 में ही नायरा एनर्जी में शामिल हुए थे, ऐसे में उनका यह अल्पकालिक कार्यकाल और फिर अचानक इस्तीफा कई सवाल खड़े करता है।

Nayara Energy आगे की राह और चुनौतियां

नए सीईओ सर्गेई डेनिसोव के नेतृत्व में नायरा एनर्जी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का कंपनी के परिचालन, वित्त और अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों पर असर पड़ सकता है। डेनिसोव को इन प्रतिबंधों के बीच कंपनी को स्थिर रखने और उसके विकास पथ को बनाए रखने के लिए रणनीतिक निर्णय लेने होंगे।

यह भी देखना होगा कि नए नेतृत्व में कंपनी अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को कैसे प्रबंधित करती है और यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के बावजूद अपने वैश्विक भागीदारों के साथ संबंधों को कैसे बनाए रखती है। भारतीय ऊर्जा सुरक्षा के लिए नायरा एनर्जी का सुचारू रूप से काम करना महत्वपूर्ण है, खासकर जब भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतों के लिए विभिन्न स्रोतों पर निर्भर है।

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