नई दिल्ली: भारत में कार निर्माण करने वाली प्रमुख कंपनी, Toyota Kirloskar Motor (टीकेएम) ने एक बड़ा और रणनीतिक कदम उठाया है। कंपनी ने चेन्नई के पास स्थित कामराजर बंदरगाह (Kamarajar Port) के साथ अपने दीर्घकालिक लॉजिस्टिक्स समझौते (logistics agreement) को अगले 10 सालों के लिए नवीनीकृत किया है। यह नया समझौता अप्रैल 2025 से मार्च 2035 तक चलेगा, जो टोयोटा की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (global supply chain) में इस बंदरगाह की महत्वपूर्ण भूमिका को और मज़बूत करेगा। यह साझेदारी भारत को एक प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
समझौते की ख़ासियत: Ro-Ro टर्मिनल का उपयोग
इस नए समझौते के तहत, टोयोटा को कई ख़ास फ़ायदे मिलेंगे:
– रियायती दरें: कंपनी रियायती दरों पर बंदरगाह के ख़ास रोल-ऑन/रोल-ऑफ (Ro-Ro) टर्मिनल का उपयोग ऑटोमोबाइल निर्यात और आयात के लिए जारी रखेगी।
– बड़ा निर्यात लक्ष्य: इस विस्तार के साथ, टोयोटा का लक्ष्य कामराजर पोर्ट के ज़रिए सालाना 50,000 से ज़्यादा वाहनों का निर्यात करना है। यह संख्या साझेदारी के शुरुआती वर्षों में निर्यात की गई मात्रा से दोगुना से भी ज़्यादा है।
टोयोटा ख़ास तौर पर अपने भारत-निर्मित मॉडल, जैसे कि अर्बन क्रूज़र हाइराइडर और अन्य मॉडलों की अंतर्राष्ट्रीय शिपमेंट (shipment) बढ़ा रही है, जिन्हें 20 से ज़्यादा देशों में भेजा जाता है।
कामराजर बंदरगाह: दक्षिणी भारत का ऑटोमोबाइल हब
कामराजर बंदरगाह, भारत के पूर्वी तट पर रणनीतिक रूप से स्थित है। यह दक्षिणी भारत के कार निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण ऑटोमोटिव निर्यात केंद्र बन गया है।
– मज़बूत इंफ्रास्ट्रक्चर: यह बंदरगाह चेन्नई, बेंगलुरु, होसुर, कोयंबटूर और सलेम जैसे प्रमुख विनिर्माण केंद्रों के लिए मज़बूत सड़क और रेल संपर्क प्रदान करता है।
– बड़ी पार्किंग सुविधा: इसका रो-रो टर्मिनल सबसे बड़े कार वाहक जहाजों को संभालने में सक्षम है। इसके पास 3.7 लाख वर्ग मीटर का एक बड़ा बैकअप यार्ड है, जिसकी क्षमता 25,000 वाहनों की है। यह किसी भी भारतीय बंदरगाह पर सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल पार्किंग सुविधा है।
Toyota Kirloskar और कामराजर पोर्ट की पुरानी साझेदारी
टोयोटा और कामराजर पोर्ट की साझेदारी काफ़ी पुरानी है, जो 2012 में शुरू हुई थी।
– सफ़लता की कहानी: इस दौरान, टोयोटा ने कामराजर पोर्ट के ज़रिए 1,80,000 से ज़्यादा गाड़ियाँ भेजी हैं। इसकी शुरुआत सिर्फ 247 इटिओस इकाइयों के साथ दक्षिण अफ़्रीका में हुई थी।
– बाज़ारों का विस्तार: समय के साथ, टोयोटा के निर्यात का दायरा अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप तक फ़ैल गया, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, फ़्रांस और सऊदी अरब जैसे बाज़ार शामिल हैं।
Toyota Kirloskar और कामराजर पोर्ट के बीच का यह समझौता दोनों पक्षों के लिए एक जीत की स्थिति है। यह न सिर्फ़ टोयोटा की वैश्विक पहुँच को बढ़ाएगा, बल्कि कामराजर पोर्ट के कद को भी एक विशिष्ट ऑटोमोटिव लॉजिस्टिक्स हब के रूप में और मज़बूत करेगा।
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