IndiQube Spaces के IPO को पहले दिन मिला 87% अभिदान: रिटेल निवेशकों का ज़बरदस्त रिस्पांस!

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नई दिल्ली: कार्यस्थल समाधान (workplace solutions) प्रदान करने वाली कंपनी इंडिक्यूब स्पेसेस लिमिटेड (IndiQube Spaces Limited) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (Initial Public Offering – IPO) को बुधवार को बोली के पहले दिन 87 प्रतिशत अभिदान (subscription) मिला। यह दर्शाता है कि आईपीओ को निवेशकों से अच्छी शुरुआती प्रतिक्रिया मिल रही है, खासकर रिटेल सेगमेंट में।

IndiQube Spacesआईपीओ अभिदान का विवरण

एनएसई (National Stock Exchange) के आंकड़ों के अनुसार, इस आरंभिक शेयर बिक्री में 1,71,48,335 शेयरों के मुकाबले कुल 1,50,00,111 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं। विभिन्न निवेशक श्रेणियों में अभिदान का विवरण इस प्रकार है:

* खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (Retail Individual Investors – RIIs) के हिस्से को सबसे ज़्यादा 3.41 गुना अभिदान मिला। यह दिखाता है कि छोटे व्यक्तिगत निवेशक इस आईपीओ को लेकर काफी उत्साहित हैं।
* गैर-संस्थागत निवेशकों (Non-Institutional Investors – NIIs) के हिस्से को 78 प्रतिशत अभिदान प्राप्त हुआ।
* पात्र संस्थागत खरीदारों (Qualified Institutional Buyers – QIBs) के कोटा को छह प्रतिशत अभिदान मिला। क्यूआईबी आमतौर पर आईपीओ के आखिरी दिन अपनी बोलियां लगाते हैं, इसलिए यह आंकड़ा आईपीओ बंद होने तक बढ़ने की संभावना है।

IndiQube Spaces एंकर निवेशकों से जुटी बड़ी रकम

इंडिक्यूब स्पेसेस ने मंगलवार को ही एंकर निवेशकों (Anchor Investors) से ₹314 करोड़ से अधिक जुटा लिए थे। एंकर निवेशक वे बड़े संस्थागत निवेशक होते हैं जो आईपीओ खुलने से एक दिन पहले ही शेयरों के लिए बोली लगाते हैं और कंपनी में अपना विश्वास दिखाते हैं। यह अक्सर आईपीओ की सफलता का एक अच्छा संकेत माना जाता है।

IndiQube Spaces आईपीओ का आकार और मूल्य निर्धारण

बेंगलुरु स्थित इस कंपनी का कुल ₹700 करोड़ का आईपीओ 25 जुलाई को बंद होगा। इस आईपीओ के लिए ₹225 से ₹237 प्रति शेयर का मूल्य दायरा (price band) तय किया गया है। मूल्य दायरे के ऊपरी छोर पर, कंपनी का मूल्यांकन लगभग ₹5,000 करोड़ है। यह मूल्यांकन कंपनी के आकार और बाज़ार में उसकी स्थिति को दर्शाता है।

आईपीओ की संरचना में ₹650 करोड़ के नए निर्गम (fresh issue) और प्रवर्तकों (promoters) द्वारा ₹50 करोड़ मूल्य के शेयरों की बिक्री पेशकश (Offer For Sale – OFS) शामिल है। नए निर्गम के माध्यम से जुटाया गया पैसा कंपनी के पास जाएगा, जबकि OFS से प्राप्त पैसा मौजूदा शेयरधारकों को मिलेगा।

IndiQube Spaces वेस्टब्रिज कैपिटल की भूमिका

वर्ष 2018 से कंपनी में एक प्रमुख निवेशक वेस्टब्रिज कैपिटल (WestBridge Capital), OFS में कोई हिस्सेदारी नहीं बेच रही है। यह दिखाता है कि वेस्टब्रिज कैपिटल को कंपनी की भविष्य की संभावनाओं पर अभी भी भरोसा है और वह अपनी हिस्सेदारी बनाए रखना चाहती है।

IndiQube Spaces जुटाए गए फंड का उपयोग

इंडिक्यूब स्पेसेस आईपीओ से प्राप्त राशि का उपयोग कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों के लिए करेगी:

* ₹462.6 करोड़ का इस्तेमाल नए केंद्र स्थापित करने (setting up new centers) के लिए पूंजीगत व्यय (capital expenditure) के वित्तपोषण में किया जाएगा। यह कंपनी के विस्तार योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
* ₹93 करोड़ का उपयोग कर्ज के भुगतान (debt repayment) के लिए किया जाएगा, जिससे कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत होगी और वित्तीय बोझ कम होगा।
* शेष राशि सामान्य कंपनी कामकाज (general corporate purposes) पर खर्च की जाएगी, जो कंपनी के दिन-प्रतिदिन के परिचालन और रणनीतिक पहलों के लिए आवश्यक है।

IndiQube Spaces लिस्टिंग की उम्मीद

कंपनी के शेयर 30 जुलाई को बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) पर सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। लिस्टिंग के बाद, निवेशक स्टॉक एक्सचेंजों पर इंडिक्यूब स्पेसेस के शेयरों में ट्रेड कर पाएंगे।

यह आईपीओ भारत में सह-कार्यस्थल (co-working space) और कार्यस्थल समाधानों की बढ़ती मांग को दर्शाता है, खासकर स्टार्टअप्स और लचीले कार्यबल मॉडल को अपनाने वाली कंपनियों के बीच।

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