US Tariff पर सरकार का रुख: Piyush Goyal ने संसद में दिया जवाब, कहा- राष्ट्रीय हितों के लिए हर ज़रूरी कदम उठाएंगे!

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नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए नए आयात शुल्क (tariffs) और जुर्माने के मुद्दे पर संसद में विपक्ष के तीखे सवालों के बीच, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने सरकार का पक्ष रखा है। बृहस्पतिवार, 31 जुलाई 2025 को गोयल ने संसद में कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए इन शुल्कों के प्रभावों का आकलन किया जा रहा है और “राष्ट्रीय हितों (national interests) को सुरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”

ट्रंप के शुल्क का ऐलान और भारत की प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार को भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त आयात शुल्क (25% additional import duty) और जुर्माना लगाने की घोषणा की थी। यह शुल्क 1 अगस्त से प्रभावी हो जाएगा। इस घोषणा के बाद भारत के निर्यातकों और उद्योगों में चिंता बढ़ गई है, जिस पर विपक्ष ने सरकार से जवाब माँगा था।

गोयल ने लोकसभा में दिए अपने वक्तव्य में अमेरिका के साथ हुई बातचीत के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच दिल्ली और वाशिंगटन में आमने-सामने की चार बैठकें हुईं, और कई बार डिजिटल माध्यम से भी बातचीत हुई। उन्होंने कहा, “मूल रूप से अतिरिक्त टैरिफ 9 अप्रैल से प्रभावी होने वाला था, लेकिन इसे 10 अप्रैल को पहले 90 दिनों तक स्थगित कर दिया गया और बाद में 1 अगस्त तक बढ़ा दिया गया।”

व्यापार समझौते की प्रगति और बातचीत का इतिहास

गोयल ने बताया कि भारत और अमेरिका ने मार्च 2025 में एक न्यायपूर्ण, संतुलित और पारस्परिक लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (just, balanced, and mutually beneficial bilateral trade agreement) के लिए बातचीत शुरू की थी। इस बातचीत का लक्ष्य अक्टूबर-नवंबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना था।

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने 29 मार्च 2025 को नई दिल्ली में आयोजित पहली बैठक के दौरान द्विपक्षीय बातचीत शुरू करने के लिए विस्तृत संदर्भ शर्तें (Terms of Reference – ToR) को अंतिम रूप दिया। उन्होंने आगे कहा, “इसके बाद दोनों पक्षों के बीच दिल्ली और वाशिंगटन डीसी में चार दौर की आमने-सामने वाली बैठक हुई, ताकि निर्धारित टीओआर के अनुसार द्विपक्षीय व्यापार समझौते के अंतिम रूप के लिए काम किया जा सके।” इसके अलावा, दोनों पक्षों के बीच कई वर्चुअल बैठकें भी हुईं, जो इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाती हैं।

सरकार की रणनीति और हितधारकों से संवाद

केंद्रीय मंत्री ने जोर दिया कि सरकार हालिया घटनाक्रम से होने वाले प्रभावों का परीक्षण कर रही है। उन्होंने कहा, “वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय निर्यातकों और उद्योग सहित सभी हितधारकों से संवाद कर इस विषय पर उनके आकलन की जानकारी ले रहा है।” यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम जमीनी हकीकत पर आधारित हों।

गोयल ने यह भी दोहराया कि, “सरकार किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उपक्रमों (MSME) एवं उद्योग जगत के सभी हितधारकों के कल्याण की रक्षा और संवर्धन को सर्वोच्च महत्व देती है। हम अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।”

भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक स्थिति

अपने बयान में, गोयल ने मोदी सरकार की आर्थिक उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मात्र एक दशक से भी कम समय में भारत ‘फ्रेजाल फाइव’ (Fragile Five) से निकलकर दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत अपने सुधारों और अपने किसानों, एमएसएमई एवं उद्यमियों की कड़ी मेहनत के बल पर दुनिया की शीर्ष पाँच अर्थव्यवस्थाओं (top five economies) में से एक बन गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत कुछ ही वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (third-largest economy) बन जाएगा।

गोयल ने पिछले 11 वर्षों के दौरान भारतीय निर्यात में लगातार वृद्धि का भी उल्लेख किया और बताया कि कैसे भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE), ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और एफ्ता (EFTA – European Free Trade Association) देशों के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते किए हैं। उन्होंने कहा, “हम अन्य देशों के साथ भी इसी तरह के व्यापार समझौते करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

उन्होंने ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर बढ़ने और ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में उठाए गए कदमों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं एवं अर्थशास्त्री भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक ‘ब्राइट स्पॉट’ (bright spot) के रूप में देखते हैं तथा भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगभग 16 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।

गोयल ने ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) पहल को भी रेखांकित किया, जो भारत को एक विनिर्माण केंद्र के रूप में बढ़ावा देने के लिए है। उन्होंने कहा कि भारत के युवक, कुशल एवं प्रतिभाशाली कामगार भारतीय उद्योग की नवोन्मेषण और प्रतिस्पर्धा की क्षमता को निरंतर मज़बूत कर रहे हैं। गोयल ने बाद में राज्यसभा में भी यही बयान अंग्रेजी और हिंदी में पढ़ा।

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