Sunday, August 17, 2025

US Tariff से MSME Sector पर असर, किफायती घरों की बिक्री होगी प्रभावित: Anarock

नई दिल्ली: US Tariff से MSME Sector पर असर : अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए 50% शुल्क (tariffs) का असर सिर्फ़ निर्यात तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका गहरा प्रभाव भारत के घरेलू बाज़ार पर भी पड़ सकता है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, इस शुल्क से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र का कारोबार प्रभावित होगा, जिससे सीधे तौर पर किफायती आवास क्षेत्र (affordable housing sector) की बिक्री में गिरावट आ सकती है।

रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म एनारॉक (Anarock) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है। यह रिपोर्ट एक ऐसे समय में आई है जब यह क्षेत्र पहले से ही कोरोना महामारी के बाद से संघर्ष कर रहा है।

कैसे जुड़ा है MSME और किफायती घरों का बाज़ार?

इस रिपोर्ट में MSME और किफायती घरों के बीच का कनेक्शन समझाया गया है:

– अर्थव्यवस्था की रीढ़: सरकारी अनुमान के अनुसार, MSME भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 30% और निर्यात में 45% से अधिक का योगदान करते हैं।

– प्रमुख खरीदार: MSME क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी, जिनकी आय एक निश्चित दायरे में होती है, वे ₹45 लाख तक की क़ीमत वाले किफायती घरों के सबसे प्रमुख खरीदार हैं।

अमेरिकी शुल्क से क्या होगा नुकसान?

एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, 50% के भारी अमेरिकी शुल्क से एक नकारात्मक चक्र शुरू हो सकता है:

– ऑर्डर में कमी: भारतीय उत्पादों पर शुल्क बढ़ने से वे अमेरिका के बाज़ार में महंगे हो जाएंगे, जिससे भारतीय MSME कंपनियों को मिलने वाले ऑर्डर (orders) कम हो जाएंगे।

– आय पर असर: जब MSME का कारोबार प्रभावित होगा, तो उनके कर्मचारियों की आय (income) भी घटेगी।

– मांग में कमी: जब इन कर्मचारियों के पास पैसा कम होगा, तो वे ₹45 लाख तक के घरों को खरीदने से बचेंगे, जिससे किफायती आवास क्षेत्र में डिमांड (demand) कम हो जाएगी।

पहले से ही संघर्ष कर रहा है यह सेक्टर

एनारॉक की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह सेक्टर पहले से ही मुश्किलों से जूझ रहा है।

– कम बिक्री: 2025 की पहली छमाही में देश के सात प्रमुख शहरों में बेचे गए 1.9 लाख मकानों में से सिर्फ़ 34,565 घर ही किफायती श्रेणी के थे।

– महामारी का असर: एनारॉक के कार्यकारी निदेशक प्रशांत ठाकुर ने कहा, “कोविड महामारी के बाद से यह श्रेणी पहले ही बुरी तरह प्रभावित है और अब प्रस्तावित अमेरिकी शुल्क इससे लगी थोड़ी-बहुत उम्मीद भी ख़त्म कर देंगे।”

एनारॉक की यह रिपोर्ट एक गंभीर तस्वीर पेश करती है। यह दिखाती है कि एक व्यापारिक फ़ैसला कैसे एक पूरे घरेलू सेक्टर को प्रभावित कर सकता है। सरकार को इस पर ध्यान देना होगा, क्योंकि किफायती घर सिर्फ़ एक बाज़ार नहीं, बल्कि लाखों लोगों के लिए एक सपना है।

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