नई दिल्ली: बिहार के विकास को एक नई गति देने के लिए, Adani Power की कंपनी अदाणी पावर (Adani Power) ने एक बड़ा ऐलान किया है। कंपनी ने गुरुवार को कहा कि उसे बिहार राज्य बिजली उत्पादन कंपनी (BSPGCL) से भागलपुर जिले में 2,400 मेगावाट क्षमता का एक नया तापीय बिजली संयंत्र (thermal power plant) बनाने और उसका संचालन करने के लिए आशय पत्र (Letter of Intent – LOI) मिला है। इस ग्रीनफ़ील्ड प्रोजेक्ट (greenfield project) पर 3 अरब अमेरिकी डॉलर का भारी निवेश किया जाएगा।
यह प्रोजेक्ट न सिर्फ़ बिहार में बिजली की ज़रूरतों को पूरा करेगा, बल्कि इससे औद्योगीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा और हज़ारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। अदाणी पावर को उम्मीद है कि जल्द ही उसे आधिकारिक निर्णय पत्र (Letter of Award – LOA) भी मिल जाएगा, जिसके बाद राज्य की बिजली कंपनियों के साथ बिजली आपूर्ति समझौता (Power Supply Agreement – PSA) किया जाएगा।
Adani Power बनाएगी 2,400 मेगावाट का बिजली संयंत्र
इस परियोजना के तहत अदाणी पावर 800 मेगावाट क्षमता वाली तीन इकाइयों के साथ कुल 2,400 मेगावाट का अत्याधुनिक बिजली संयंत्र स्थापित करेगी।
– प्रोजेक्ट मॉडल: यह संयंत्र डिज़ाइन, निर्माण, वित्त पोषण, स्वामित्व और परिचालन (DBFOO) मॉडल के तहत बनाया जाएगा।
– टाइमलाइन: कंपनी ने पहली इकाई को तय तिथि से 48 महीनों के भीतर और आख़िरी इकाई को 60 महीनों के भीतर चालू करने की योजना बनाई है।
इस बड़े निवेश से यह साफ़ है कि अदाणी समूह बिहार में अपनी उपस्थिति को मज़बूत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
Adani Power ने सबसे कम बोली लगाकर जीती निविदा
Adani Power ने यह परियोजना एक कड़ी प्रतिस्पर्धा वाली निविदा प्रक्रिया (tender process) में जीती है, जहाँ वह सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी रही। कंपनी ने अंतिम आपूर्ति कीमत ₹6.075 प्रति किलोवाट घंटा (kWh) तय की, जो बिहार के लोगों और उद्योगों के लिए एक बहुत बड़ा फ़ायदा है।
कम दाम पर बिजली मिलने से राज्य में छोटे और बड़े उद्योगों को काम करने में आसानी होगी, जिससे पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। अदाणी पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एस बी ख्यालिया ने कहा, “हमारा यह नया संयंत्र एक उन्नत और कम उत्सर्जन वाला संयंत्र होगा, जो राज्य को विश्वसनीय और प्रतिस्पर्धी मूल्य पर उच्च गुणवत्ता वाली बिजली की आपूर्ति करेगा।”
औद्योगीकरण और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा: लाखों लोगों को फ़ायदा
यह परियोजना सिर्फ़ बिजली उत्पादन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर बिहार के सामाजिक-आर्थिक विकास पर भी पड़ेगा।
– निर्माण के दौरान रोजगार: इस परियोजना से निर्माण चरण (construction phase) के दौरान 10-12 हज़ार कर्मियों को सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है।
– परिचालन के बाद रोजगार: एक बार जब संयंत्र चालू हो जाएगा, तो इसके संचालन के लिए भी 3 हज़ार कर्मियों को स्थायी रोजगार मिलेगा।
ख्यालिया ने कहा कि इस तरह का बड़ा निवेश राज्य में औद्योगीकरण को और बढ़ावा देगा, जिससे नई कंपनियाँ भी बिहार में निवेश करने के लिए प्रेरित होंगी। यह कदम निश्चित रूप से राज्य को एक औद्योगिक हब (industrial hub) के रूप में उभरने में मदद करेगा।
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