नई दिल्ली: Tata Motors Group के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) पी बी बालाजी ने शुक्रवार को एक बड़ा आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले दुर्लभ खनिज चुम्बकों की कमी का टाटा मोटर्स और उसकी वैश्विक इकाई जगुआर लैंड रोवर (JLR) के वाहनों के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है।
यह ख़बर ऐसे समय में आई है जब वैश्विक स्तर पर इन खनिजों की आपूर्ति को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। बालाजी ने साफ़ किया कि फिलहाल कंपनी की स्थिति काफी मज़बूत है और निकट भविष्य में भी उत्पादन पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।
चुनौतियां आ सकती हैं, लेकिन Tata Motors तैयार
पी बी बालाजी ने एक संतुलित और रणनीतिक दृष्टिकोण दिखाते हुए कहा कि आने वाले कुछ दिनों में कुछ चुनौतियाँ ज़रूर आ सकती हैं।
– जोखिम मुक्त होने का प्रयास: उन्होंने कहा, “हमारी टीम (team) लगातार इन संभावित समस्याओं को सुलझाने में लगी है। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारी सप्लाई चेन (supply chain) पूरी तरह से जोखिम से मुक्त हो जाए।”
– सेमीकंडक्टर संकट से मिला अनुभव: बालाजी ने बताया कि पिछले कुछ सालों में आए सेमीकंडक्टर संकट ने कंपनी को ऐसे मुश्किल हालात से निपटने का अच्छा अनुभव और क्षमता दी है। इस अनुभव के कारण ही कंपनी अब ऐसे किसी भी सप्लाई (supply) शॉर्टेज (shortage) से निपटने के लिए बेहतर तरीक़े से तैयार है।
घरेलू और JLR कारोबार अच्छी स्थिति में
पी बी बालाजी ने बताया कि फिलहाल Tata Motors का घरेलू कारोबार (domestic business) और JLR दोनों ही अच्छी स्थिति में हैं।
– उत्पादन पर फ़ोकस: कंपनी का पूरा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि उत्पादन में कोई रुकावट न आए, ताकि ग्राहकों की मांग पूरी की जा सके।
– भविष्य की योजना: टाटा मोटर्स दुर्लभ खनिज चुम्बकों की आपूर्ति के मुद्दे को दूर करने के लिए लगातार काम कर रही है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह का जोखिम न रहे।
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