Monday, August 18, 2025

भारत बनेगा सेमीकंडक्टर हब: Punjab समेत 3 राज्यों में 4 नए Semiconductor Plants को मिली मंजूरी

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने भारत के तीन राज्यों में चार नए Semiconductor Projects को मंजूरी (approval) दे दी है। इन चार Semiconductor Plants पर कुल 4,594 करोड़ रुपये का निवेश (investment) होगा, जिससे देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण (electronics manufacturing) को एक नई दिशा मिलेगी। यह फैसला ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ के तहत लिया गया है, जिसके लिए 76,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।

जानें इंडिया Semiconductor मिशन

सेमीकंडक्टर चिप किसी भी आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (modern electronic device) का दिल (heart) होता है। मोबाइल फोन (mobile phones), लैपटॉप, गाड़ियां, उपग्रह (satellites) और रक्षा उपकरण (defense equipment) सभी सेमीकंडक्टर पर निर्भर होते हैं।

– आत्मनिर्भरता की ओर: भारत अभी तक सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए आयात (import) पर बहुत अधिक निर्भर है। इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन का मकसद देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (global supply chain) का एक प्रमुख हिस्सा बनना है।

– बड़े निवेश का फायदा: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये प्रोजेक्ट न केवल इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देंगे, बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगे।

किस राज्य में लग रहा है कौन सा प्लांट?

इन चार प्लांटों को ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक प्लांट की अपनी खासियत (speciality) है और वह अलग-अलग क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेगा।

-ओडिशा में दो प्लांट

– सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर प्लांट: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सिकसेम प्राइवेट लिमिटेड 2,066 करोड़ रुपये के निवेश से सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करेगी। इसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 9.6 करोड़ चिपों की होगी। श्री वैष्णव ने बताया कि सिलिकॉन कार्बाइड एक बेहद मजबूत सामग्री है, जिसका इस्तेमाल मिसाइलों, उपग्रहों, रॉकेटों और रेल इंजनों में किया जाता है।

– 3D ग्लास निर्माण संयंत्र: ओडिशा में ही हेटेरोजीनस इंटीग्रेशन पैकेजिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड 1,943 करोड़ रुपये के निवेश से एक 3डी ग्लास निर्माण संयंत्र लगाएगी। इस प्रोजेक्ट में अमेरिका की प्रौद्योगिकी
कंपनियां जैसे इंटेल (Intel) और लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) सहित अन्य का भी निवेश होगा। इसकी उत्पादन क्षमता पांच करोड़ यूनिट्स की होगी।

– आंध्र प्रदेश में चिप पैकेजिंग प्लांट

– आंध्र प्रदेश में एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड 468 करोड़ रुपये के निवेश से एक चिप पैकेजिंग प्लांट लगाएगी। इसकी वार्षिक क्षमता 9.6 करोड़ चिप विनिर्माण की होगी।

– पंजाब में सेमीकंडक्टर परियोजना

– पंजाब में इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे बनाने वाली कंपनी सीडीआईएल (CDIL) 117 करोड़ रुपये के निवेश से एक सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट शुरू करेगी। इस संयंत्र में सालाना 15.8 करोड़ चिपों का उत्पादन हो सकेगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भारत की ग्रोथ का कमाल

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में जबरदस्त ग्रोथ (growth) देखने को मिली है।

– उत्पादन में वृद्धि: इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण छह गुना बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

– मोबाइल और निर्यात: मोबाइल उत्पादन 28 गुना बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये का हो गया है और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात (electronics export) आठ गुना बढ़कर 3.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

यह आंकड़े साबित करते हैं कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में एक प्रमुख खिलाड़ी (major player) बन रहा है।

सेमिकॉन इंडिया 2025: भारत की ग्लोबल पार्टनरशिप

भारत Semiconductor के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भी अपनी जगह बना रहा है। दो से चार सितंबर तक भारत ‘सेमिकॉन इंडिया 2025’ की मेजबानी करेगा। इसमें सिंगापुर, मलेशिया, जापान और कोरिया जैसे देश साझेदार (partner) देश होंगे, जो भारत के इस मिशन में अपनी रुचि (interest) दिखा रहे हैं। ये सभी कदम भारत को दुनिया के तकनीकी नक्शे (technology map) पर एक मजबूत जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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