नई दिल्ली: भारतीय निवेशकों के लिए गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) (Gold ETF) में निवेश करना पिछले कुछ समय से एक लोकप्रिय विकल्प (popular option) बन गया है। लेकिन, जुलाई में इसमें अचानक बड़ी गिरावट देखने को मिली है, जिससे कई लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं। जुलाई में गोल्ड ईटीएफ में निवेश पिछले महीने के मुकाबले 40 प्रतिशत घटकर 1,256 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ एक अस्थायी गिरावट (temporary dip) है और सोना आज भी निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण एसेट (asset) बना हुआ है।
आंकड़ों की जुबानी: जुलाई में क्यों घटा निवेश?
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) (AMFI) के आंकड़े बताते हैं कि गोल्ड ईटीएफ में जुलाई में 1,256 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश (net investment) हुआ, जो जून में 2,081 करोड़ रुपये से कम है।
बड़ी वजह: इस गिरावट की दो प्रमुख वजहें बताई जा रही हैं: सोने की ऊंची कीमतें (high gold prices) और शुल्क (duty) से जुड़ी खबरों को लेकर निवेशकों की चिंताएं (concerns)।
निवेशकों की सतर्कता: जब सोने का भाव बहुत अधिक हो जाता है, तो कई निवेशक नई खरीदारी (new purchases) करने से हिचकिचाते हैं। उन्हें डर होता है कि कहीं कीमतें गिर न जाएं, जिससे उनका नुकसान (loss) हो सकता है। खासकर, शुल्क (duty) बढ़ने की खबरें कीमतों को और भी अधिक प्रभावित कर सकती हैं, जिससे बाजार (market) में एक अनिश्चितता (uncertainty) का माहौल बन जाता है।
निवेशक क्यों हैं सतर्क? एक्सपर्ट्स की राय
जुलाई की गिरावट के बावजूद, बाजार जानकारों का मानना है कि सोने में निवेशकों की रुचि (interest) अभी भी बरकरार है।
अस्थिरता के बीच सुरक्षा: मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया (Morningstar Investment Research India) के वरिष्ठ विश्लेषक (senior analyst) नेहल मेश्राम ने कहा कि वैश्विक ब्याज दरों (global interest rates) में अस्थिरता (volatility) और भू-राजनीतिक जोखिमों (geopolitical risks) जैसी दीर्घकालिक (long-term) अनिश्चितताओं के बीच सोने को लेकर रुचि बनी हुई है। सोना एक सुरक्षित निवेश (safe investment) माना जाता है, जो संकट के समय में अपना मूल्य (value) बनाए रखता है।
हेजिंग का विकल्प: जर्मिनेट इन्वेस्टर सर्विसेज (Germinate Investor Services) के सीईओ (CEO) संतोष जोसेफ ने कहा कि कई निवेशक अपने पोर्टफोलियो (portfolio) को बचाने (hedging) के लिए सोने में कुछ निवेश करना चाहते हैं, लेकिन मौजूदा कीमतों को देखते हुए वे सतर्क बने हुए हैं। इसका मतलब है कि इरादा (intention) निवेश करने का है, बस सही समय का इंतजार है।
क्या गोल्ड ETF में निवेश अभी भी फायदेमंद है?
जुलाई में गिरावट के बावजूद, साल के पहले सात महीनों (जनवरी-जुलाई) के आंकड़े काफी सकारात्मक (positive) हैं। इस दौरान गोल्ड ईटीएफ में कुल 9,277 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है।
रणनीतिक आवंटन: यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि निवेशक सोने को अपने पोर्टफोलियो में एक रणनीतिक आवंटन (strategic allocation) के रूप में देखते हैं। सोना आमतौर पर शेयर बाजारों (stock markets) के विपरीत चलता है, जिससे यह बाजार के उतार-चढ़ाव (fluctuations) के दौरान पोर्टफोलियो को स्थिरता (stability) प्रदान करता है।
भविष्य की संभावनाएं: आने वाले समय में भी अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बनी रहती है, तो सोने में निवेश बढ़ने की संभावना है। गोल्ड ईटीएफ सोने में निवेश करने का एक आसान और सुविधाजनक (convenient) तरीका प्रदान करता है, जिससे इसकी मांग भविष्य में भी बनी रहेगी।
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