नई दिल्ली: संसद ने खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 New Mining Bill को मंजूरी दे दी है। इस बिल का मकसद देश के खनिज उत्पादन को बढ़ावा देना, कानूनों को आसान बनाना और पूरे सेक्टर में पूरी पारदर्शिता लाना है। राज्यसभा में खान और खनन मंत्री जी किशन रेड्डी के जवाब के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से पास कर दिया गया। इससे पहले, लोकसभा इसे पहले ही पास कर चुकी थी।
मंत्री रेड्डी ने कहा कि इस विधेयक के जरिए खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 में छह अहम संशोधन किए गए हैं, जो खनन सेक्टर के लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे।
critical minerals पर क्यों है सरकार का सबसे ज्यादा फोकस?
इस Mining बिल का सबसे अहम पहलु यह है कि यह भारत में अति महत्वपूर्ण (critical) खनिजों के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर देता है। मंत्री रेड्डी ने बताया कि आज की दुनिया में इन खनिजों की बेहद मांग है क्योंकि ये आधुनिक टेक्नोलॉजी और उद्योगों की रीढ़ की हड्डी हैं। इनमें मुख्य रूप से लिथियम, कोबाल्ट और दुर्लभ मृदा तत्व (Rare Earth Elements) शामिल हैं।
इन खनिजों का इस्तेमाल हर सेक्टर में होता है जैसे:
– इलेक्ट्रॉनिक्स: मोबाइल फोन, कंप्यूटर और लैपटॉप बनाने में।
– ऊर्जा: सोलर पैनल, विंड टर्मिनल और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बैटरी बनाने में।
– रक्षा और अंतरिक्ष: सुरक्षा उपकरणों और अंतरिक्ष मिशनों में।
इन खनिजों की आपूर्ति आसान बनाने के लिए सरकार ने एक बड़ी पहल की है। रेड्डी ने कहा कि सरकार ने 24 अति महत्वपूर्ण खनिजों को शुल्क रहित आयात (duty-free import) करने का फैसला किया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक क्रिटिकल मिनरल मिशन (Critical Mineral Mission) भी बनाने की तैयारी चल रही है।
खनन क्षेत्र में आया बड़ा बदलाव: रेड्डी का आरोप और दावे
मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस Mining विधेयक को पेश करते हुए भारतीय खनन सेक्टर में आए बड़े बदलावों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले, यह क्षेत्र भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नीति पंगुता (policy paralysis) से ग्रस्त था और लोगों का भरोसा खत्म हो चुका था।
लेकिन उन्होंने दावा किया कि आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। एनडीए सरकार के प्रयासों के कारण, आज खनन सेक्टर में पूरी पारदर्शिता है। उन्होंने कोयला सेक्टर का उदाहरण देते हुए कहा कि अब कोयला ब्लॉक का आवंटन केवल निविदा (tender) के जरिए होता है और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर दिया गया है।
रेड्डी ने बताया कि आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश बन गया है और कोयले का आयात भी घट गया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि देश में बिजली का कोई संकट नहीं है, क्योंकि जितना कोयला चाहिए, उतना सरकार देने के लिए तैयार है।
विकसित भारत के लक्ष्य में Mining की भूमिका
मंत्री ने कहा कि खनिज किसी भी राष्ट्र की संपत्ति होते हैं, और उनका इस्तेमाल देश के विकास के लिए होना चाहिए। इस विधेयक और सरकार की नीतियों से खनन राजस्व में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि खनिजों से मिलने वाला रॉयल्टी पैसा पूरी तरह से राज्यों को दिया जाता है। यह सहकारी संघवाद (cooperative federalism) की भावना के तहत किया जाता है।
रेड्डी ने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों (new technologies) के उपयोग से खनन का उत्पादन बढ़ा है, और सरकार पूरी ईमानदारी के साथ विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के संकल्प के साथ काम कर रही है। यह बिल भारत को वैश्विक खनन बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
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