राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए AI में सरकारी समर्थन की ज़रूरत: साइबर हमलों से ₹1,200 करोड़ का नुकसान

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नई दिल्ली: भारत को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा (national security) को मजबूत करने के लिए कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence – AI) के क्षेत्र में सरकारी प्रोत्साहन और पर्याप्त निवेश की सख्त ज़रूरत है। सोमवार को जारी ‘नेक्सजेन एक्जिबिशन्स’ (NexGen Exhibitions) की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यह रिपोर्ट 15 शहरों की 200 से अधिक कंपनियों के एक सर्वेक्षण पर आधारित है, और इसके निष्कर्ष भारत की साइबर सुरक्षा और सीमा सुरक्षा चुनौतियों के लिए AI के महत्व को रेखांकित करते हैं।

AI में सरकारी समर्थन की आवश्यकता: उद्योग जगत की राय

रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 86 प्रतिशत उत्तरदाता इस बात से सहमत या दृढ़ता से सहमत थे कि भारत को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए AI में सक्रिय सरकारी समर्थन की आवश्यकता है। यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि उद्योग जगत इस बात को लेकर एकमत है कि सरकार को AI को राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के केंद्र में लाना चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब राष्ट्र इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (electronic warfare) और सूचना युद्ध (information warfare) में बढ़ती चुनौतियों से जूझ रहा है, ऐसे में AI राष्ट्रीय संप्रभुता (national sovereignty) सुनिश्चित करने के लिए एक परिवर्तनकारी माध्यम (transformative medium) के रूप में उभर रहा है। AI दुश्मन के खतरों का पता लगाने, उनका विश्लेषण करने और उनका जवाब देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिससे देश की रक्षा क्षमताएं मजबूत होंगी।

भारत में साइबर हमलों का बढ़ता खतरा: फिशिंग में तीसरे स्थान पर

रिपोर्ट में साइबर सुरक्षा से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी दी गई है। उद्योग जगत के अनुमानों के अनुसार, 2024 में भारत में 23 लाख से अधिक साइबर सुरक्षा से जुड़े मामले सामने आए, और इन साइबर हमलों से ₹1,200 करोड़ का वित्तीय नुकसान (financial loss) हुआ। यह दर्शाता है कि भारत साइबर अपराधियों के निशाने पर तेजी से आ रहा है।

फिशिंग (phishing) हमलों के मामले में भी भारत दुनियाभर में अमेरिका और रूस के बाद तीसरे स्थान पर है। फिशिंग वास्तव में कोई सॉफ्टवेयर नहीं है, बल्कि यह जानकारी प्राप्त करने का एक तरीका है। इसमें अक्सर ऐसे ईमेल शामिल होते हैं जिनमें मैलवेयर (malware) से संक्रमित वेबसाइट के लिंक होते हैं, या उपयोगकर्ता को व्यक्तिगत जानकारी (जैसे पासवर्ड या बैंक विवरण) देने के लिए फुसलाया जाता है। यह भारत में डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन गतिविधियों की बढ़ती संख्या के साथ एक गंभीर खतरा बन गया है।

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) और नैतिक एकीकरण का समर्थन

रिपोर्ट में एक और महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डाला गया है। करीब 14 प्रतिशत उत्तरदाता रक्षा क्षेत्र में AI नवोन्मेषण (AI innovation) के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public-Private Partnerships – PPP) और प्रोत्साहन का समर्थन करते हैं। उनका मानना है कि पीपीपी इस क्षेत्र में AI के बीच की खाई को पाट सकती है और प्रभावी रूप से प्रौद्योगिकी के नैतिक एकीकरण (ethical integration) को सुनिश्चित कर सकती है।

PPP मॉडल सरकार को निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता और नवाचार का लाभ उठाने में मदद करेगा, जबकि निजी कंपनियों को रक्षा क्षेत्र जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा। नैतिक एकीकरण भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि AI का उपयोग हमेशा जिम्मेदारी से और मानवीय मूल्यों के अनुरूप होना चाहिए, खासकर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में।

नीतिगत अंतराल और राष्ट्रीय AI सुरक्षा ढांचा

रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में AI का प्रभावी ढंग से लाभ उठाने के लिए हितधारकों और सरकार द्वारा कई नीतिगत अंतराल (policy gaps) को दूर करने की आवश्यकता है। एक सबसे बड़ी कमी रक्षा अनुप्रयोगों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए राष्ट्रीय AI सुरक्षा ढांचे (national AI security framework) का अभाव है। यह एक मजबूत सुरक्षा उपायों को स्थापित करने और AI प्रौद्योगिकियों के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। एक स्पष्ट नीति और नियामक ढांचा कंपनियों को AI समाधान विकसित करने और तैनात करने में मदद करेगा, साथ ही जोखिमों को कम करेगा।

10वां अंतर्राष्ट्रीय पुलिस एक्सपो-2025: सुरक्षा और प्रौद्योगिकी का संगम

नेक्सजेन एक्जिबिशन्स ने अपने बयान में बताया कि दिल्ली 31 जुलाई से 1 अगस्त तक 10वें अंतरराष्ट्रीय पुलिस एक्सपो-2025 (10th International Police Expo-2025) की मेजबानी करेगी। यह एक्सपो देश की आंतरिक सुरक्षा और पुलिस बल के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर केंद्रित होगा। यह सुरक्षा पेशेवरों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और सरकारी एजेंसियों को एक साथ आने और नवीनतम समाधानों पर चर्चा करने का एक मंच प्रदान करेगा।

नेक्सजेन एक्जिबिशन्स के निदेशक आधार बंसल (Adhar Bansal) ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय पुलिस एक्सपो-2025 सुरक्षा एवं प्रौद्योगिकी में अभिनव समाधान को प्रदर्शित करने के लिए सबसे प्रभावशाली मंचों में से एक के रूप में काम करेगा। यह राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एआई में सक्रिय सरकारी समर्थन और सहयोग की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।”

यह एक्सपो निश्चित रूप से AI के महत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा में इसकी भूमिका पर अधिक ध्यान आकर्षित करेगा, जिससे भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने और साइबर खतरों से निपटने में सक्षम हो सकेगा।

 

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