नई दिल्ली: केंद्र सरकार की एक बड़ी योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) Mudra Yojana के बारे में संसद में एक अहम रिपोर्ट पेश की गई है। सरकार ने मंगलवार को बताया कि इस योजना के तहत दिए गए बकाया कर्ज पर गैर-निष्पादित परिसंपत्ति यानी NPA की दर मार्च 2025 तक बढ़कर 9.81% हो गई है। यह आंकड़ा मार्च 2018 के मुकाबले लगभग दोगुना है, जब यह 5.47% थी। इस जानकारी ने विशेषज्ञों के बीच चिंता पैदा कर दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
रिपोर्ट में लोन के एक और अहम सेक्टर के बारे में भी रोचक डेटा सामने आया है। पिछले एक साल में सोने के गहनों के बदले लिए जाने वाले लोन में 71.3% की जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है।
Mudra Yojana का बढ़ता NPA: क्या कहते हैं आंकड़े?
एनपीए यानी नॉन-परफॉर्मिंग एसेट का मतलब होता है वह लोन, जिसकी किश्तें लौटाई नहीं गई हैं। मुद्रा योजना छोटे उद्यमियों को बिना किसी गारंटी के लोन देने के लिए शुरू की गई थी। वित्त मंत्री द्वारा दिए गए आंकड़े नीचे दिए गए हैं:
– बकाया कर्ज पर NPA: मार्च 2018 में 5.47% था, जो बढ़कर मार्च 2025 तक 9.81% हो गया है। इसका मतलब है कि हर ₹100 के बकाया लोन में लगभग ₹10 का लोन फंस गया है।
– वितरित कर्ज पर NPA: इसके विपरीत, योजना के शुरू होने से लेकर अब तक दिए गए कुल लोन की राशि पर एनपीए की दर घटी है। यह मार्च 2018 में 2.71% थी, जो घटकर 2.19% हो गई है।
यह आंकड़े अलग-अलग हैं और इन्हें समझना जरूरी है। बकाया लोन वह राशि है जो अभी भी चुकाई जानी बाकी है, जबकि वितरित लोन में अब तक दिए गए सभी लोन शामिल हैं। बकाया लोन पर एनपीए का बढ़ना यह दिखाता है कि हाल ही में लिए गए कुछ लोन को चुकाने में उधारकर्ता को दिक्कत आ रही है।
MSME सेक्टर से तुलना और सरकार के प्रयास
वित्त मंत्री ने संसद को यह भी बताया कि मुद्रा योजना के तहत एनपीए की दर, MSME (सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम) सेक्टर की औसत एनपीए दर से ज्यादा है। एमएसएमई सेक्टर का एनपीए मार्च 2025 तक 3.60% था। इसका मतलब है कि मुद्रा योजना में लोन चुकाने का रिकॉर्ड बाकी एमएसएमई सेक्टर के मुकाबले कमजोर है।
हालांकि, सरकार ने मुद्रा योजना की सफलता के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें योजना का बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान (publicity campaign), लोन आवेदन पत्रों का सरलीकरण, ऋण गारंटी योजना, मुद्रा नोडल अधिकारी की नियुक्ति और सरकार और बैंकों द्वारा लगातार इसकी समीक्षा शामिल हैं।
सोने के बदले लोन: एक और अहम जानकारी
संसद में मुद्रा योजना Mudra Yojana के अलावा, लोन के एक और सेक्टर के डेटा पर बात हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 की तुलना में दिसंबर 2024 के दौरान सोने के आभूषणों पर दिए गए लोन में 71.3% की बढ़ोतरी हुई है। यह एक बहुत बड़ा आंकड़ा है।
मूल्य के हिसाब से, इस अवधि में सोने के लोन में ₹71,858 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह लोन वित्तीय समावेशन (financial inclusion) को बढ़ावा देता है और खासकर ग्रामीण, एमएसएमई और वंचित वर्गों के लिए पैसे तक पहुंच आसान बनाता है।
NPA का बढ़ना क्या एक चिंता का विषय है?
यह भी समझना जरूरी है कि मुद्रा योजना मुख्य रूप से ऐसे लोगों के लिए है जो छोटे व्यवसाय शुरू करते हैं और जिनका कोई पुराना क्रेडिट रिकॉर्ड नहीं होता है। ऐसे लोन में थोड़ा बहुत एनपीए होना स्वाभाविक है। सरकार का इसे लगातार मॉनिटर करना दिखाता है कि वह इस योजना को सफल बनाने के लिए गंभीर है।
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