RBI की मौद्रिक नीति बैठक: क्या ब्याज दरें घटेंगी या बनी रहेंगी यथास्थिति? होगा बड़ा ऐलान!

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नई दिल्ली: RBI के लिए यह सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सोमवार, 4 अगस्त 2025 को अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (bi-monthly monetary policy review) के लिए विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। यह तीन-दिवसीय बैठक बुधवार, 6 अगस्त को समाप्त होगी, जब समिति अपने फ़ैसले की घोषणा करेगी। इस फ़ैसले पर सिर्फ़ देश की अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि आम जनता की नज़रें भी टिकी हैं, क्योंकि यह सीधे तौर पर होम लोन और अन्य कर्ज़ की दरों को प्रभावित करता है।

RBI ब्याज दरों में कटौती से चुनौतियां

आरबीआई ने फरवरी 2025 से ही नीतिगत दरों (policy rates) को घटाना शुरू कर दिया था, और तब से अब तक तीन बार में अल्पकालिक उधारी दर (रेपो दर – repo rate) में कुल एक प्रतिशत की कमी की जा चुकी है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस बार भी आरबीआई रेपो दर में कटौती करेगा?

– यथास्थिति की संभावना: ज़्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार आरबीआई यथास्थिति (status quo) बनाए रख सकता है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि अमेरिका ने 7 अगस्त से भारतीय आयातों पर 25 प्रतिशत शुल्क (25% tariff) लगाने की घोषणा की है। ऐसे में, केंद्रीय बैंक इन नए घटनाक्रमों के आर्थिक प्रभावों को समझने के लिए और अधिक व्यापक आंकड़ों का इंतज़ार करना चाहेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस (Madan Sabnavis) ने भी कहा कि मौद्रिक नीति जून में कम मुद्रास्फीति और 25 प्रतिशत अमेरिकी शुल्क जैसे हाल के घटनाक्रमों पर आधारित नहीं होगी।

– ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद:

हालाँकि, उद्योग जगत के कुछ लोगों को 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है। इक्रा (ICRA) की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर (Aditi Nayar) ने कहा कि हालिया मुद्रास्फीति के आंकड़े इस साल की दूसरी छमाही में नरमी के संकेत दे रहे हैं, जो कटौती का एक कारण बन सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी शुल्क से जीडीपी (GDP) वृद्धि के लिए नकारात्मक जोखिम पैदा होगा और रुपये में अस्थिरता आएगी, ऐसे में ब्याज दर में कटौती ज़रूरी हो सकती है। नायर ने उम्मीद जताई कि अगस्त में 0.25 प्रतिशत की कटौती होगी, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह मौजूदा चक्र की अंतिम कटौती हो सकती है।

एमपीसी के सदस्य: कौन लेगा यह फ़ैसला?

इस महत्वपूर्ण फ़ैसले को लेने वाली छह सदस्यीय एमपीसी में ये सदस्य शामिल हैं:
– आरबीआई के अधिकारी:
– संजय मल्होत्रा (गवर्नर)
– पूनम गुप्ता (डिप्टी गवर्नर)
– राजीव रंजन (कार्यकारी निदेशक)
– तीन बाहरी सदस्य:
– नागेश कुमार (निदेशक और मुख्य कार्यकारी, औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान)
– सौगत भट्टाचार्य (अर्थशास्त्री)
– राम सिंह (निदेशक, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स)

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