नई दिल्ली: शिक्षा जगत में एक ऐतिहासिक पल आया है! इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU – Indira Gandhi National Open University) की स्थापना के चार दशक से भी ज़्यादा समय बाद, पहली बार किसी महिला को विश्वविद्यालय का कुलपति (Vice-Chancellor – VC) नियुक्त किया गया है। यह गौरव प्राप्त हुआ है उमा कांजीलाल (Uma Kanjilal) को, जिनकी नियुक्ति की घोषणा शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने की। यह न केवल इग्नू के लिए, बल्कि भारत में मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (Open and Distance Learning – ODL) प्रणाली के लिए भी एक मील का पत्थर है।
अनुभव और विशेषज्ञता का धनी नेतृत्व
शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने उमा कांजीलाल की नियुक्ति पर टिप्पणी करते हुए कहा, “मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ODL) प्रणाली में 36 वर्षों से अधिक की विशिष्ट सेवा के साथ, कांजीलाल के पास विश्व के सबसे बड़े मुक्त विश्वविद्यालयों में से एक में शैक्षणिक नेतृत्व, डिजिटल नवाचार और संस्थागत ज्ञान का वृहद अनुभव है।” उनका यह व्यापक अनुभव इग्नू जैसे विशाल और विविधतापूर्ण संस्थान के नेतृत्व के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
कांजीलाल के पास पहले से ही इग्नू में शीर्ष पदों पर काम करने का अनुभव है। वह वर्तमान में विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति (Acting Vice-Chancellor) के रूप में कार्यरत थीं और इससे पहले प्रो वाइस चांसलर (Pro Vice-Chancellor) के रूप में मार्च 2021 से जुलाई 2024 तक अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। यह दर्शाता है कि वे संस्थान की आंतरिक कार्यप्रणाली और चुनौतियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
डिजिटल शिक्षा की अग्रणी
प्रोफेसर उमा कांजीलाल वर्ष 2003 से पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान (Library & Information Science) की प्रोफेसर रही हैं। उन्हें ई-लर्निंग (e-learning), डिजिटल पुस्तकालयों (digital libraries) और मल्टीमीडिया पाठ्यक्रम विकास (multimedia course development) में उनकी विशेषज्ञता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाता है। यह विशेषज्ञता वर्तमान डिजिटल युग में इग्नू के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि विश्वविद्यालय लगातार ऑनलाइन शिक्षा और तकनीकी नवाचार पर जोर दे रहा है।
उनकी डिजिटल शिक्षा में गहरी पकड़ का प्रमाण यह भी है कि वह वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय की दो प्रमुख डिजिटल शिक्षा पहल ‘स्वयं’ (SWAYAM) और ‘स्वयं प्रभा’ (SWAYAM PRABHA) की राष्ट्रीय समन्वयक (National Coordinator) हैं। ये पहलें भारत में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने और दूरदराज के क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन पहलों में उनका अनुभव इग्नू के डिजिटल फुटप्रिंट को और मजबूत करेगा।
लगभग दो दशक का नेतृत्व और योगदान
कांजीलाल ने विश्वविद्यालय में पिछले लगभग दो दशक में विभिन्न नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं। इस लंबी अवधि में उन्होंने इग्नू के विकास और विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका यह अनुभव उन्हें विश्वविद्यालय की चुनौतियों और अवसरों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा।
उनकी नियुक्ति इग्नू के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जहां डिजिटल शिक्षा और नवाचार पर और अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एक महिला कुलपति के रूप में, उमा कांजीलाल कई युवा महिलाओं और शिक्षाविदों के लिए एक प्रेरणा होंगी, जो उन्हें नेतृत्व की भूमिकाओं में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। यह निर्णय लैंगिक समानता (gender equality) और विविधता (diversity) को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
