Saturday, August 16, 2025

Ethanol-20 Petrol से माइलेज घटने की चिंता को लेकर सरकार ने अपना रुख किया साफ

नई दिल्ली: पेट्रोलियम मंत्रालय ने ईंधन (fuel) ई-20 (Ethanol-20 Petrol) को लेकर आम जनता में फैली चिंताओं को दूर करने के लिए एक बड़ा बयान जारी किया है। मंत्रालय ने साफ-साफ कहा है कि पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण से वाहनों का माइलेज (mileage) भारी मात्रा में घटने की आशंकाएं (concerns) निराधार (baseless) हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब सोशल मीडिया पर ई-20 ईंधन को लेकर कई तरह की गलत जानकारी और अफवाहें (rumours) फैलाई जा रही थीं।

माइलेज को लेकर फैलाए जा रहे डर का सच

पेट्रोलियम मंत्रालय ने माना कि एथनॉल का ऊर्जा घनत्व (energy density) पेट्रोल की तुलना में कम होता है, जिसकी वजह से माइलेज में मामूली कमी (minor reduction) आ सकती है, लेकिन यह कमी उतनी नहीं है, जितनी अफवाहों में बताई जा रही है।

– मंत्रालय के आंकड़े: मंत्रालय ने बताया कि ई-20 के लिए अनुकूल (compatible) और ई-20 के लिए एडजस्ट (adjusted) किए गए चार पहिया वाहनों के लिए माइलेज में 1 से 2 प्रतिशत की कमी का अनुमान है, जबकि अन्य वाहनों के लिए यह लगभग 3 से 6 प्रतिशत है।

– सोशल मीडिया की बातें झूठी: मंत्रालय ने उन पोस्ट (posts) को गलत बताया, जिनमें ई-20 से माइलेज में 7 प्रतिशत तक की कमी का दावा (claim) किया गया था।

क्या E-20 ईंधन से वाहन खराब होगा और बीमा रद्द होगा?

माइलेज के अलावा ई-20 ईंधन को लेकर दो और बड़ी चिंताएं लोगों के मन में थीं:
1. वाहनों के कलपुर्जों (components) का जल्दी खराब होना।
2. वाहन बीमा (vehicle insurance) की वैधता (validity) पर असर पड़ना।

मंत्रालय ने अपने बयान में इन दोनों आशंकाओं को पूरी तरह से निराधार बताया। उन्होंने कहा कि ई-20 ईंधन के इस्तेमाल से वाहन के बीमा पर कोई असर नहीं पड़ता है। साथ ही, E-10 वाहनों में रबर और धातु के कलपुर्जों के खराब होने की अफवाहें भी बेबुनियाद हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि E-20 अनुकूल कई वाहन तो 2009 से ही बाजार में हैं।

E-20 ईंधन के असली फायदे क्या हैं?

सरकार का एथनॉल मिश्रण का राष्ट्रीय कार्यक्रम (national program) सिर्फ पेट्रोल की बचत के लिए नहीं है, बल्कि इसके कई बड़े फायदे हैं:

– प्रदूषण में कमी: मंत्रालय के अनुसार, ई-10 ईंधन के मुकाबले ई-20 से कार्बन उत्सर्जन (carbon emission) लगभग 30 प्रतिशत घटता है। साथ ही, एथनॉल का ऑक्टेन नंबर अधिक होने से शहरों में ड्राइविंग के दौरान बेहतर पिकअप (better pickup) भी मिलता है।

– अर्थव्यवस्था को फायदा: पिछले 11 सालों में एथनॉल मिश्रण से 1.44 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा (foreign exchange) की बचत हुई है। चालू वित्त वर्ष में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण से लगभग 43,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचत का अनुमान है।

– किसानों को लाभ: यह कार्यक्रम किसानों के लिए गेम-चेंजर (game-changer) साबित हो सकता है। गन्ना या मक्का से एथनॉल बनाने से किसानों को अपनी फसलों का एक नया बाजार मिलता है। चालू वित्त वर्ष में किसानों को लगभग 40,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।

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