नई दिल्ली: LPG subsidy को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा फ़ैसला लिया है। सार्वजनिक क्षेत्र की तीन बड़ी तेल कंपनियों (OMCs – Oil Marketing Companies) – इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) को 30,000 करोड़ रुपये की LPG सब्सिडी देने की मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस फ़ैसले पर मुहर लगाई गई। यह सब्सिडी पिछले 15 महीनों में कंपनियों को लागत से कम कीमत पर LPG बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जा रही है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह क्षतिपूर्ति 12 किस्तों में दी जाएगी। इस फ़ैसले का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को LPG की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव से बचाना है। सरकार ने इन कंपनियों पर बढ़ी हुई लागत का बोझ सीधे ग्राहकों पर नहीं डालने दिया, जिसके कारण इन तीनों कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
30,000 करोड़ की LPG subsidy क्यों मिली?
पिछले वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान LPG की अंतरराष्ट्रीय कीमतें काफ़ी ऊँचे स्तर पर थीं। आम तौर पर, जब कच्चा तेल और LPG महँगी होती हैं, तो कंपनियों को भी दाम बढ़ाने पड़ते हैं। लेकिन इस बार सरकार ने उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ न पड़े, यह सुनिश्चित किया।
– उपभोक्ता सुरक्षा: सरकार ने यह फ़ैसला आम लोगों को महंगाई से बचाने के लिए लिया। इसके परिणामस्वरूप, कंपनियों को लागत से कम कीमत पर LPG बेचनी पड़ी और उन्हें भारी घाटा हुआ।
– निरंतर आपूर्ति: इन घाटे के बावजूद, इन कंपनियों ने देश में घरेलू LPG की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की। सरकार अब इस क्षतिपूर्ति के ज़रिए इन कंपनियों की मदद कर रही है।
LPG subsidy का क्या होगा फायदा?
यह 30,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी केवल कंपनियों के घाटे की भरपाई नहीं करेगी, बल्कि इसका दूरगामी असर भी होगा।
– वित्तीय मज़बूती: इस आर्थिक मदद से OMCs अपनी ज़रूरी आवश्यकताओं को पूरा कर पाएंगी, जैसे कच्चा तेल और LPG की ख़रीद।
– कर्ज और निवेश: वे अपने कर्जों को चुकाने और अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर (capital expenditure) यानी नए निवेश को जारी रखने में भी सक्षम होंगी।
– निर्बाध सप्लाई: इन सभी फ़ायदों का अंतिम लाभ आम जनता को मिलेगा, क्योंकि इससे देश भर के घरों में LPG सिलेंडर की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इस सब्सिडी का वितरण पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
सरकार की उपभोक्ताओं और कंपनियों के प्रति प्रतिबद्धता
सरकार का यह फ़ैसला उसकी दोहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है:
1. उपभोक्ताओं की सुरक्षा: सरकार वैश्विक ऊर्जा बाज़ारों में होने वाले उतार-चढ़ाव से आम लोगों को बचाना चाहती है।
2. सार्वजनिक क्षेत्र की मज़बूती: सरकार इन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की वित्तीय स्थिति को भी बेहतर बनाए रखना चाहती है, ताकि वे देश की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम बनी रहें।
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