नई दिल्ली: चिकित्सा के क्षेत्र (Medical field) में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है, लेकिन एक नए अध्ययन ने एक बहुत ही चिंताजनक बात सामने रखी है। इस अध्ययन से पता चला है कि एआई पर लगातार निर्भरता से स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कौशल घट सकता है। अध्ययन के अनुसार, एआई का उपयोग करने वाले अनुभवी चिकित्सकों की ट्यूमर (`tumor`) का पता लगाने की दक्षता में तीन महीने के भीतर 20 प्रतिशत तक की कमी आ गई। यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जो यह दर्शाता है कि एआई एक उपयोगी टूल (`tool`) होने के बावजूद, अगर इस पर अत्यधिक निर्भर रहा जाए तो यह मानव कौशल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
कोलोनोस्कोपी पर आधारित था यह अध्ययन
– अध्ययन का दायरा: पोलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और अन्य यूरोपीय देशों के शोधकर्ताओं ने `1,400` से ज़्यादा कोलोनोस्कोपी (`colonoscopies`) की जाँच की। इनमें से लगभग `800` जाँचें बिना AI की सहायता से की गईं, जबकि `650` में एआई का इस्तेमाल हुआ।
– प्रक्रिया का महत्व: कोलोनोस्कोपी एक ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल `बड़ी आंत` और `मलाशय` की जाँच के लिए किया जाता है ताकि किसी बीमारी या ट्यूमर का पता लगाया जा सके।
– निष्कर्षों का प्रकाशन: इस अध्ययन के नतीजे प्रतिष्ठित पत्रिका `द लैंसेट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड हेपेटोलॉजी` में प्रकाशित हुए हैं।
एआई पर निर्भरता से घट गई ट्यूमर पहचानने की दर
अध्ययन में उन कोलोनोस्कोपी की तुलना की गई, जो AI का उपयोग शुरू किए जाने से तीन महीने पहले और बाद में की गई थीं।
– दक्षता में गिरावट: अध्ययन के लेखकों ने पाया कि एआई पर निर्भर रहने के तीन महीने बाद, `मानक कोलोनोस्कोपी` के दौरान `एडेनोमा` (`adenoma`) (एक गैर-कैंसरकारी ट्यूमर) का पता लगाने की दर `28.4%` से घटकर `22.4%` हो गई। यह सीधे तौर पर दक्षता में 20% की कमी को दर्शाता है।
चिकित्सा जगत के लिए चिंताजनक है यह इशारा
पोलैंड में सिलेसिया अकादमी के लेखक मार्सिन रोमान्ज़िक ने इस अध्ययन के नतीजों को “चिंताजनक” (`alarming`) बताया।
– महत्वपूर्ण निष्कर्ष: रोमान्ज़िक ने कहा कि जहाँ दूसरे अध्ययनों से यह पता चला है कि एआई चिकित्सकों को कैंसर का पता लगाने में मदद कर सकता है, वहीं यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है जो `स्वास्थ्य पेशेवरों` की दक्षता पर AI के नियमित उपयोग के नकारात्मक प्रभाव का संकेत देता है।
– भविष्य की चिंता: उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि “हमारे नतीजे चिंताजनक हैं क्योंकि चिकित्सा में AI का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है।”
– आगे का शोध: रोमान्ज़िक ने इस बात की ज़रूरत पर बल दिया कि हमें विभिन्न चिकित्सा क्षेत्रों में `स्वास्थ्य पेशेवरों` के कौशल पर एआई के प्रभाव पर और अधिक शोध करने की ज़रूरत है।
यह अध्ययन चिकित्सा में AI के भविष्य पर एक गंभीर सवाल उठाता है। जबकि एआई एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है, यह सुझाव देता है कि यह `मानव कौशल` (`human skill`) और `अनुभव` की जगह नहीं ले सकता।
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