बेंगलुरु: भारत को वैश्विक साइबर सुरक्षा नवाचार केंद्र (global cybersecurity innovation hub) के रूप में स्थापित करने और कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence – AI)-संचालित खतरों से निपटने के उद्देश्य से, एक्सेल साइबर सुरक्षा शिखर सम्मेलन (Accel Cybersecurity Summit) का दूसरा संस्करण 30 जुलाई को बेंगलुरु में आयोजित किया जाएगा। यह शिखर सम्मेलन साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बढ़ते महत्व और AI के साथ इसके जटिल होते संबंधों को दर्शाता है।
प्रमुख हितधारक होंगे एक मंच पर
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस शिखर सम्मेलन में साइबर सुरक्षा इकोसिस्टम (ecosystem) के कई प्रमुख हितधारक (stakeholders) एक साथ आएंगे। इसमें अग्रणी मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (Chief Information Security Officers – CISOs), साइबर सुरक्षा संस्थापक (cybersecurity founders), क्लाउड आर्किटेक्ट (cloud architects), नीति निर्माता (policy makers) और निवेशक (investors) शामिल होंगे। यह विभिन्न दृष्टिकोणों और विशेषज्ञताओं को एक मंच पर लाने का अवसर देगा, जिससे साइबर सुरक्षा की चुनौतियों और अवसरों पर व्यापक चर्चा हो सकेगी।
एक्सेल साइबर सुरक्षा शिखर सम्मेलन 2025 प्रारंभिक चरण के सुरक्षा उत्पादों (early-stage security products) को पेश करने का भी अवसर देगा। यह नए स्टार्टअप्स (startups) और इनोवेटर्स (innovators) के लिए अपनी नवीनतम तकनीकों (latest technologies) और समाधानों (solutions) को बड़े दर्शकों के सामने प्रस्तुत करने का एक शानदार प्लेटफॉर्म होगा।
AWS और Google Cloud के साथ साझेदारी: तकनीक का संगम
आगामी शिखर सम्मेलन अमेज़न वेब सर्विसेज (Amazon Web Services – AWS) और गूगल क्लाउड (Google Cloud) जैसी प्रमुख तकनीकी कंपनियों के साथ साझेदारी में आयोजित किया जा रहा है। यह साझेदारी साइबर सुरक्षा में क्लाउड कंप्यूटिंग (cloud computing) और AI की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है। AWS और Google Cloud दोनों ही साइबर सुरक्षा समाधानों और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर (cloud infrastructure) में अग्रणी हैं, और उनकी भागीदारी इस शिखर सम्मेलन में तकनीकी गहराई को बढ़ाएगी।
एक्सेल के साझेदार प्रयांक स्वरूप (Prayank Swaroop) ने कहा, “आज साइबर सुरक्षा विश्वास, पैमाने और बुद्धिमत्ता (trust, scale, and intelligence) के संगम पर स्थित है। जैसे-जैसे संगठन क्लाउड एवं एआई को अपना रहे हैं, साइबर हमले का दायरा पारंपरिक सुरक्षा प्रणालियों की अनुकूलन क्षमता से तेजी से बढ़ रहा है।” उनका यह बयान साइबर सुरक्षा के बदलते परिदृश्य पर प्रकाश डालता है, जहाँ AI केवल समाधान का हिस्सा नहीं, बल्कि स्वयं एक चुनौती भी बन रहा है।
साइबर सुरक्षा दिग्गजों के विचार और दृष्टिकोण
शिखर सम्मेलन में साइबर सुरक्षा क्षेत्र के कई जाने-माने विशेषज्ञ और दिग्गज अपने विचार पेश करेंगे। इनमें शामिल हैं:
* एक्सेल साझेदार अरुण मैथ्यू (Arun Mathew)
* साइवेयर के सह-संस्थापक एवं मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (Chief Technology Officer – CTO) अक्षत जैन (Akshat Jain)
* सदरलैंड के उपाध्यक्ष (सीआईएसओ) अनुराणा सुलाजा (Anurana Sulaja)
* स्टील्थ (पूर्व-चेकमार्क्स) के संस्थापक जैक जोर्नस्ट्रेन (Zack Journstrem)
इन वक्ताओं के अनुभवों और अंतर्दृष्टि से प्रतिभागियों को साइबर सुरक्षा की वर्तमान चुनौतियों और भविष्य के रुझानों को समझने में मदद मिलेगी।
AI-संचालित खतरे और भारत की भूमिका
साइबर सुरक्षा में AI का उदय एक दोधारी तलवार है। जहां AI-संचालित उपकरण सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत कर सकते हैं, वहीं AI-संचालित मैलवेयर (malware) और फ़िशिंग हमले (phishing attacks) भी अधिक परिष्कृत और पता लगाने में कठिन होते जा रहे हैं। शिखर सम्मेलन में इन AI-संचालित खतरों से निपटने के लिए रणनीतियों और समाधानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
भारत के लिए, यह शिखर सम्मेलन वैश्विक साइबर सुरक्षा नवाचार केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। भारत में एक बड़ा तकनीकी टैलेंट पूल (talent pool) और बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं, जो इसे साइबर सुरक्षा समाधानों के विकास के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं। यह शिखर सम्मेलन भारतीय साइबर सुरक्षा कंपनियों और स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने में मदद कर सकता है।