नई दिल्ली: भारत की रोबोटिक्स कंपनीएडवर्ब (Addverb) ने अपने लिए एक बेहद महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। कंपनी ने वित्त वर्ष2029-30 तक अपने राजस्व (revenue) को 1 अरब डॉलर (लगभग 8,500 करोड़ रुपये) तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। यह जानकारी कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी, जो भारत के बढ़ते टेक्नोलॉजी और ऑटोमेशन (automation) सेक्टर में एक बड़ा कदम है।
तेजी से बढ़ता राजस्व: वर्तमान से भविष्य तक
एडवर्ब के सह-संस्थापक (co-founder)बीर सिंह ने कंपनी के वित्तीय प्रक्षेपवक्र (financial trajectory) के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का राजस्व7 करोड़ डॉलर रहा था। चालू वित्त वर्ष(2025-26) के लिए कंपनी का लक्ष्य12 से 15 करोड़ डॉलर का राजस्व जुटाने का है। यह मौजूदा वृद्धि दर भी काफी प्रभावशाली है, लेकिन कंपनी की महत्वाकांक्षा कहीं अधिक है।
सिंह के अनुसार, कंपनी का असली लक्ष्य अगले पांच साल में, यानी वित्त वर्ष2029-30 तक, 1 अरब डॉलर का राजस्व जुटाना है। यह लगभग10-12 गुना की वृद्धि है, जो कंपनी के लिए एक बड़ा ‘लीप ऑफ फेथ’ (leap of faith) है, लेकिन भारतीय और वैश्विक बाजार में रोबोटिक्स की बढ़ती मांग को देखते हुए यह असंभव नहीं लगता।
एडवर्ब: भंडारण से लेकर रक्षा तक, रोबोटिक्स में बहुआयामी सेवाएं
साल2016 में स्थापित हुई एडवर्ब एक युवा लेकिन तेजी से विकसित हो रही कंपनी है। यह विभिन्न क्षेत्रों में रोबोटिक सेवाएं प्रदान करती है, जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
भंडारण (Warehousing): यह कंपनी की सबसे मजबूत उपस्थिति वाले क्षेत्रों में से एक है। ई-कॉमर्स (e-commerce) और लॉजिस्टिक्स (logistics) के बढ़ते चलन के साथ, वेयरहाउस में ऑटोमेशन की मांग तेजी से बढ़ी है। एडवर्ब के रोबोट गोदामों में सामान उठाने, ले जाने और सॉर्ट करने जैसे कामों को अधिक कुशलता से करते हैं।
रक्षा (Defense): रक्षा क्षेत्र में रोबोटिक्स का उपयोग सुरक्षा, निगरानी और खतरनाक कार्यों में जोखिम कम करने के लिए महत्वपूर्ण होता जा रहा है।
स्वास्थ्य क्षेत्र (Healthcare): स्वास्थ्य क्षेत्र में रोबोटिक्स सर्जरी में सहायता, दवाओं के वितरण, और मरीजों की देखभाल में मदद कर सकता है।
कंपनी का कारोबार केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह अपनी पहुंच को वैश्विक स्तर पर भी बढ़ा रही है। एडवर्बअमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी समेत कई देशों में अपना कारोबार करती है। यह वैश्विक विस्तार कंपनी के राजस्व लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अमेरिका में विस्तार की संभावनाएं और भू-राजनीतिक परिदृश्य
वैश्विक विस्तार के संदर्भ में, अमेरिका का बाजार एडवर्ब के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। अमेरिका से कारोबार पर बीर सिंह ने कहा कि “अभी हम दोनों देशों के बीच होने वाले समझौते को लेकर आशान्वित हैं।” उनका इशारा संभवतः अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों की ओर था, जो भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में प्रवेश को आसान बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि “चार से पांच महीने में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, जिसके बाद इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।” अमेरिका में कुशल श्रम की कमी और ऑटोमेशन की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए, यह एडवर्ब के लिए एक बहुत बड़ा बाजार हो सकता है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का समर्थन और विनिर्माण क्षमता
एडवर्ब की एक और बड़ी ताकतरिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited – RIL) की इसमें बहुलांश हिस्सेदारी (majority stake) है। रिलायंस जैसी दिग्गज कंपनी का समर्थन एडवर्ब को न केवल वित्तीय स्थिरता (financial stability) प्रदान करता है, बल्कि उसे बड़े पैमाने पर विकास करने के लिए आवश्यक संसाधन और नेटवर्क भी मुहैया कराता है।
फिलहाल, एडवर्ब की सालाना20 से 25 हजार रोबोट का विनिर्माण (manufacturing) करने की क्षमता है। यह क्षमता कंपनी को बढ़ती मांग को पूरा करने और अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेगी। कंपनी में इस समय लगभगएक हजार लोग काम करते हैं, और विकास के साथ इस संख्या में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
निष्कर्ष: रोबोटिक्स के भविष्य पर एक नजर
एडवर्ब का 1 अरब डॉलर का राजस्व लक्ष्य भारतीय रोबोटिक्स और ऑटोमेशन उद्योग के बढ़ते आत्मविश्वास को दर्शाता है। जैसे-जैसे दुनिया भर में उद्योग 4.0 (Industry 4.0) और डिजिटल परिवर्तन (digital transformation) को अपनाया जा रहा है, रोबोटिक्स कंपनियों के लिए विकास के विशाल अवसर पैदा हो रहे हैं। वेयरहाउस ऑटोमेशन, लॉजिस्टिक्स और विनिर्माण में दक्षता बढ़ाने के लिए रोबोट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।
रिलायंस के समर्थन और एक मजबूत वैश्विक रणनीति के साथ, एडवर्ब भारत को रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद कर सकती है। यह न केवल कंपनी के लिए, बल्कि पूरे भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए गर्व का विषय होगा।