नई दिल्ली/ स्टाफ टीम। भारत की प्रमुख वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड (Ashok Leyland) ने अपने ग्राहकों के लिए वाहन वित्तपोषण (vehicle financing) के विकल्पों को और सुलभ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी ने मंगलवार को घोषणा की कि उसने तमिलनाडु ग्राम बैंक (Tamil Nadu Grama Bank) के साथ साझेदारी की है। इस सहयोग का उद्देश्य समूचे तमिलनाडु राज्य में ग्राहकों को आसान ऋण विकल्प (loan options) उपलब्ध कराना है।
रणनीतिक सहयोग से बढ़ेगी बाजार में उपस्थिति
अशोक लेलैंड और तमिलनाडु ग्राम बैंक के बीच इस साझेदारी के लिए एक समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding – MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह रणनीतिक सहयोग दोनों ही संस्थाओं के लिए फायदेमंद साबित होगा। अशोक लेलैंड के प्रमुख (हल्के वाणिज्यिक वाहन कारोबार) विप्लव शाह ने इस साझेदारी पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “यह रणनीतिक सहयोग बाजार में अशोक लेलैंड की उपस्थिति को और मजबूत करेगा तथा हमारे नवीन, लागत-कुशल उत्पादों तक पहुंच को बढ़ाएगा।” यह साझेदारी विशेष रूप से छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों (Small and Medium Businesses – SMBs) के लिए फायदेमंद होगी, जिन्हें अक्सर वाणिज्यिक वाहन खरीदने के लिए आसान वित्तपोषण विकल्पों की आवश्यकता होती है।
तमिलनाडु ग्राम बैंक की विस्तृत पहुंच
तमिलनाडु ग्राम बैंक इस साझेदारी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि इसकी पूरे तमिलनाडु राज्य में एक मजबूत और विस्तृत उपस्थिति है। बैंक की समूचे तमिलनाडु में 676 शाखाएं हैं। यह विशाल नेटवर्क अशोक लेलैंड को राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचने में मदद करेगा, जहां संगठित वित्तपोषण के विकल्प अक्सर सीमित होते हैं। बयान में कहा गया है कि तमिलनाडु ग्राम बैंक समाज के विभिन्न वर्गों की जरूरतों को पूरा करने वाले वित्तीय उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। यह विशेषता अशोक लेलैंड के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे वे अपने विविध ग्राहक आधार को लक्षित कर पाएंगे, जिसमें ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के ग्राहक भी शामिल हैं।
विकास को समर्थन और पहुंच का विस्तार
अशोक लेलैंड के साथ साझेदारी पर तमिलनाडु ग्राम बैंक के चेयरमैन मणि सुब्रमण्यन ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “हमें विश्वास है कि यह सहयोग हमें अपनी पहुंच बढ़ाने और वाणिज्यिक वाहन खंड में व्यवसायों की वृद्धि का समर्थन करने के अनुरूप वित्तपोषण विकल्प प्रदान करने में सक्षम बनाएगा।” यह साझेदारी ग्रामीण और अर्ध-शहरी अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने में मदद करेगी, क्योंकि वाणिज्यिक वाहन छोटे व्यवसायों और कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में वित्तपोषण का महत्व
भारत में वाणिज्यिक वाहन उद्योग देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। ट्रकों, बसों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों (Light Commercial Vehicles – LCVs) का उपयोग माल ढुलाई, यात्री परिवहन और विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। इन वाहनों की खरीद के लिए अक्सर बड़े निवेश की आवश्यकता होती है, जिसके लिए मजबूत वित्तपोषण विकल्प आवश्यक होते हैं।
ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, जहां वित्तीय संस्थानों तक पहुंच कभी-कभी सीमित होती है, ग्राम बैंक जैसी संस्थाओं की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। यह साझेदारी अशोक लेलैंड को इन क्षेत्रों में अपनी बाजार हिस्सेदारी (market share) बढ़ाने और उन ग्राहकों तक पहुंचने में मदद करेगी जिन्हें पहले पर्याप्त वित्तपोषण विकल्प नहीं मिल पा रहे थे। इससे न केवल अशोक लेलैंड की बिक्री बढ़ेगी, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि अधिक लोग अपने व्यवसायों के लिए वाहन खरीद पाएंगे। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Atmanirbhar Bharat) के लक्ष्य को भी सपोर्ट करेगा, क्योंकि यह घरेलू विनिर्माण और छोटे व्यवसायों को सशक्त करेगा।