Honda की Indian Two Wheeler Market में हिस्सेदारी पर नजर, Women Customers और EVs पर खास फोकस

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नई दिल्ली: जापान की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी होंडा (Honda) ने भारतीय दोपहिया वाहन बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी 2030 तक भारत में दोपहिया वाहन बाजार में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य लेकर चल रही है। कंपनी की भारतीय इकाई, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (Honda Motorcycle and Scooter India – HMSI), को इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महिला ग्राहकों (women customers) के बीच बिक्री बढ़ाने की अपार संभावनाएं दिख रही हैं। वर्तमान में, कुल उद्योग बिक्री में महिला ग्राहकों की हिस्सेदारी लगभग 10 प्रतिशत है।

एचएमएसआई के अध्यक्ष त्सुत्सुमु ओटानी (Tsutsumu Otani) ने यह जानकारी भारतीय मीडिया एजेंसी को दी। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी को दीर्घावधि में दोपहिया वाहन खंड में पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (Internal Combustion Engine – ICE) से इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle – EV) की ओर बदलाव की उम्मीद है, लेकिन चार्जिंग बुनियादी ढांचे (charging infrastructure) और बिजली आपूर्ति (power supply) से जुड़ी बाधाएं वर्तमान में प्रमुख चुनौतियाँ हैं।

 

भारत का महत्व: होंडा के वैश्विक लक्ष्य के लिए अहम भूमिका

जब ओटानी से होंडा के वैश्विक दोपहिया वाहनों की बिक्री में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के दीर्घकालिक लक्ष्य में भारतीय बाजार के महत्व के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “भारतीय बाजार के आकार को देखते हुए, हम 2030 तक भारत में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना चाहते हैं।” यह दर्शाता है कि होंडा वैश्विक स्तर पर अपने विस्तार के लिए भारतीय बाजार को कितना महत्वपूर्ण मानती है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारतीय बाजार में एचएमएसआई की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है। ओटानी ने कहा कि आसियान क्षेत्र (ASEAN region) में होंडा की हिस्सेदारी पहले से ही 80 प्रतिशत से अधिक है, जो उनकी बाजार शक्ति और रणनीति को दर्शाता है।

इस वर्ष जनवरी में, होंडा मोटर कंपनी ने घोषणा की थी कि उद्योग-व्यापी वैश्विक मोटरसाइकिल (दोपहिया वाहन) की बिक्री मौजूदा पांच करोड़ इकाई के पैमाने से 2030 तक छह करोड़ इकाई होने का अनुमान है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल हैं। कंपनी ने वैश्विक मोटरसाइकिल बाजार में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का दीर्घकालिक लक्ष्य रखा है, और भारत इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

भारतीय दोपहिया बाजार का परिदृश्य: एचएमएसआई की स्थिति

वाहन डीलर संघों के महासंघ (Federation of Automobile Dealers Associations – FADA) के अनुसार, भारत में कुल दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री वित्त वर्ष 2024-25 में 1,88,77,812 इकाई रही, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 1,75,27,115 इकाई थी। यह बाजार के बढ़ते आकार को दर्शाता है।

वित्त वर्ष 2024-25 में एचएमएसआई की खुदरा बिक्री 47,89,283 इकाई रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 40,93,895 इकाई थी। इन आंकड़ों के साथ, एचएमएसआई भारतीय दोपहिया बाजार में हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp) के बाद दूसरे स्थान पर है। हीरो मोटोकॉर्प ने 2024-25 में 54,45,251 और 2023-24 में 53,97,315 वाहन बेचे थे।

 

भविष्य की रणनीति: महिला ग्राहक और इलेक्ट्रिक वाहन

एचएमएसआई अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कई रणनीतियों पर काम कर रही है:

* महिला ग्राहकों पर फोकस: जैसा कि ओटानी ने बताया, कंपनी को महिला ग्राहकों के बीच बिक्री बढ़ाने की अपार संभावनाएं दिख रही हैं। वर्तमान में यह सेगमेंट कुल बिक्री का लगभग 10% है, और इसमें मजबूत वृद्धि की गुंजाइश है। कंपनी विशेष रूप से महिला चालकों के लिए डिज़ाइन किए गए मॉडल (models) और मार्केटिंग अभियान (marketing campaigns) पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।

* इलेक्ट्रिक वाहन में बदलाव: होंडा को लंबी अवधि में ICE से EV की ओर बदलाव की उम्मीद है। हालांकि, चार्जिंग बुनियादी ढांचे की कमी और बिजली आपूर्ति से जुड़ी बाधाएं (जैसे ग्रिड स्थिरता) वर्तमान में बड़ी चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार और उद्योग के बीच सहयोग महत्वपूर्ण होगा। होंडा निश्चित रूप से भारत के लिए अपनी EV रणनीति पर काम कर रही है, जिसमें स्थानीय उत्पादन और चार्जिंग समाधान शामिल हो सकते हैं।

* उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार: 30% हिस्सेदारी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, एचएमएसआई को अपने उत्पाद पोर्टफोलियो (product portfolio) का विस्तार करना होगा, जिसमें नए मॉडल, विभिन्न सेगमेंट (segments) और ग्राहक की ज़रूरतों के अनुरूप समाधान शामिल होंगे।

* ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजार: भारत के विशाल ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजार में भी विकास की बड़ी संभावनाएं हैं, जहाँ दोपहिया वाहन परिवहन का एक महत्वपूर्ण साधन हैं। होंडा इन क्षेत्रों में अपनी पहुंच और बिक्री को बढ़ाने के लिए काम कर सकती है।

 

 

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