ED की कार्रवाई के बावजूद Anil Ambani के Reliance Group के हौसले बुलंद: Defence और Aerospace पर फोकस!

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नई दिल्ली: हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED – Enforcement Directorate) की कार्रवाई का सामना करने के बावजूद, अनिल अंबानी (Anil Ambani) का रिलायंस समूह (Reliance Group) अपने भविष्य के विकास को लेकर प्रतिबद्ध नज़र आ रहा है। समूह ने रविवार को घोषणा की कि वह वृद्धि के अगले चरण के लिए रक्षा (Defense), बिजली (Power) और स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहा है। ईडी ने कथित धन शोधन (money laundering) और सार्वजनिक धन की हेराफेरी (misappropriation of public funds) की जांच के तहत समूह से जुड़े स्थानों पर तलाशी अभियान पूरा कर लिया है।

शीर्ष अधिकारियों की बैठक: Anil Ambani में नया जोश

ईडी की कार्रवाई के बाद, अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की दो सूचीबद्ध कंपनियों – रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) और रिलायंस पावर (Reliance Power) – के 100 से अधिक शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को मुंबई में एक बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य समूह के महत्वाकांक्षी वृद्धि मसौदे (ambitious growth blueprint) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराना था।

समूह ने एक प्रेस बयान (press statement) में कहा, “रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के निदेशक मंडल (Board of Directors) द्वारा एक सप्ताह पहले रक्षा, एयरोस्पेस (aerospace) और नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) क्षेत्रों में वृद्धि के लिए इक्विटी और ऋण के ज़रिए ₹18,000 करोड़ जुटाने की सर्वसम्मति से मंज़ूरी देने के बाद, इस बैठक में उद्देश्य की एकता (unity of purpose), नए जोश (renewed vigor) और हितधारकों (stakeholders) के लिए दीर्घकालिक मूल्य (long-term value) प्रदान करने के साझा संकल्प को दोहराया गया।” यह बयान दिखाता है कि समूह भविष्य की दिशा को लेकर स्पष्ट है और चुनौतियों के बावजूद आगे बढ़ने के लिए तैयार है।

ED कार्रवाई का प्रभाव नहीं: Anil Ambani कंपनियों का दावा

इससे पहले दिन में, दोनों सूचीबद्ध कंपनियों ने अलग-अलग बयानों में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई समाप्त हो गई है और कंपनी तथा उसके अधिकारियों ने प्राधिकरण (authority) के साथ पूरा सहयोग (full cooperation) किया है।

बयान में स्पष्ट रूप से कहा गया, “प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का कंपनी के व्यावसायिक संचालन (business operations), वित्तीय प्रदर्शन (financial performance), शेयरधारकों (shareholders), कर्मचारियों (employees) या किसी अन्य हितधारक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।” यह आश्वासन निवेशकों और कर्मचारियों में विश्वास बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

Anil Ambani मजबूत वित्तीय स्थिति और भविष्य की रणनीति

समूह ने नेतृत्व बैठक पर जारी बयान में अपनी वित्तीय स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उसने बताया कि उसकी दो सूचीबद्ध कंपनियां – रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर – लगभग ऋण मुक्त (debt-free) हैं। यह एक महत्वपूर्ण दावा है, खासकर जब कंपनियों ने अतीत में भारी कर्ज का सामना किया है। उनकी कुल संपत्ति (total assets) क्रमशः ₹14,883 करोड़ (रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर) और ₹16,431 करोड़ (रिलायंस पावर) है। इसके अलावा, उनके 50 लाख सार्वजनिक शेयरधारक (public shareholders) हैं, जो भारतीय बाज़ार में उनकी व्यापक पहुंच को दर्शाता है।

नेतृत्व बैठक में समूह की भविष्य की रणनीति को आगे बढ़ाने वाले उच्च वृद्धिशील क्षेत्रों (high-growth sectors) पर प्रकाश डाला गया। रक्षा, बिजली और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल और देश के बढ़ते ऊर्जा और सुरक्षा ज़रूरतों के अनुरूप है।

 

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