नई दिल्ली: दुनिया के सबसे मशहूर फर्नीचर और होम डेकोर ब्रांड्स में से एक, स्वीडिश कंपनी आइकिया (IKEA) ने भारत के भविष्य को लेकर एक बहुत ही बड़ा बयान दिया है। कंपनी का मानना है कि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि, बड़ी युवा आबादी (young population) और बढ़ता उपभोक्ता वर्ग (consumer class) अगले तीन दशक तक उनके लिए जबरदस्त मौके पैदा करेगा।
आइकिया इंडिया के सीईओ (CEO) पैट्रिक एंटनी ने पश्चिमी दिल्ली में एक नए सिटी स्टोर (city store) का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। इससे साफ होता है कि आइकिया के लिए भारत अब सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक विकास का केंद्र (long-term growth hub) बन गया है।
क्यों खास है IKEA के लिए भारत?
आइकिया IKEA जैसे ग्लोबल ब्रांड के लिए भारत में इतनी मजबूत संभावनाएं देखने के पीछे कई खास वजहें हैं।
– युवा आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: भारत की बड़ी और युवा आबादी डिजिटल-सेवी (digital-savvy) है और नए उत्पादों (products) को आसानी से अपनाती है। जब उनकी आय (income) बढ़ती है, तो वे अपने घरों को सजाना चाहते हैं। यही आइकिया के बिजनेस का मुख्य आधार (main base) है।
– बढ़ता शहरीकरण: जिस तरह भारत में शहरों का विकास हो रहा है और लोग छोटे शहरों से बड़े शहरों की ओर जा रहे हैं, उसी तरह आधुनिक और किफायती फर्नीचर की मांग भी बढ़ रही है। आइकिया इस मांग को पूरा करने के लिए तैयार है।
लोकल को प्रमोट करने पर फोकस: क्या है प्लान?
आइकिया IKEA सिर्फ अपने वैश्विक उत्पादों को भारत में बेचने पर ध्यान नहीं दे रहा, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी खरीद (local sourcing) बढ़ाने का बड़ा प्लान बनाया है।
– खरीद का लक्ष्य: कंपनी का लक्ष्य अगले पांच साल में स्थानीय उत्पादों की खरीद को मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना है। इसका मतलब है कि भविष्य में आइकिया के स्टोर्स (stores) में जो फर्नीचर मिलेगा, वह ज्यादा से ज्यादा भारत में ही बना होगा।
– फायदा क्या होगा? यह कदम ना सिर्फ भारतीय कारीगरों और छोटे उद्योगों को सहयोग देगा, बल्कि इससे कंपनी की लागत (cost) भी कम होगी। इसके अलावा, भारतीयों की पसंद और जरूरतों के हिसाब से उत्पाद बनाने में भी मदद मिलेगी।
छोटे स्टोर, ऑनलाइन बिक्री… IKEA की नई रणनीति
आइकिया IKEA के सीईओ ने बताया कि कंपनी भारत में अब विकास के दूसरे चरण (Phase 2) में पहुंच चुकी है। अब उनका फोकस मल्टी-चैनल रणनीति (multi-channel strategy) पर है, यानी एक साथ कई माध्यमों से ग्राहकों तक पहुंचना।
– ऑफ़लाइन और ऑनलाइन का मिश्रण: आईकेईए बड़े शहरों के बाहरी इलाकों में मेगा स्टोर (mega stores) खोल रही है, वहीं छोटे ‘सिटी स्टोर’ मॉल के भीतर खोले जा रहे हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ग्राहक शहर के अंदर भी आसानी से स्टोर तक पहुंच सकें। इसके साथ ही कंपनी ऑनलाइन बिक्री (online sales) पर भी जोर दे रही है, जिसकी हिस्सेदारी अभी कुल बिक्री में लगभग 30 प्रतिशत है। एंटनी ने कहा, ‘हमारे लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन का मिश्रण (mix) ही कामयाबी का मंत्र (mantra of success) साबित हुआ है।’
– राजस्व में बढ़ोतरी: वित्त वर्ष 2023-24 में आइकिया के भारतीय ऑपरेशन (operation) का राजस्व (revenue) 1,852.7 करोड़ रुपये रहा, जो इस रणनीति की सफलता को दर्शाता है।
IKEA की नज़र में भारत का फ्यूचर
पैट्रिक एंटनी ने कहा कि भारत में ऑपरेशनल लागत (operational cost) तुलनात्मक रूप से कम है, भले ही किराए (rental rates) की दरें अधिक हों। उन्होंने कहा कि यहां व्यावसायिक संभावनाएं (business prospects) उज्ज्वल दिख रही हैं।
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