नई दिल्ली: फिनटेक (fintech) कंपनियों में से एक, भारतपे (BharatPe) ने वित्त वर्ष 2024-25 में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने इस साल अपने वित्तीय परिणामों में मुनाफ़ा (profit) दर्ज किया है, जो उसके लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट है।
एम्प्लॉयी स्टॉक ऑप्शन प्लान (ESOP) के खर्च को छोड़कर, कंपनी का प्रॉफ़िट बिफोर टैक्स (PBT) ₹6 करोड़ रहा। यह पिछले साल के ₹342 करोड़ के भारी घाटे से एक शानदार रिकवरी है। यह आंकड़ा दिखाता है कि कंपनी अब एक मज़बूत और ज़िम्मेदार बिज़नेस मॉडल पर काम कर रही है।
BharatPe घाटे से मुनाफ़े तक का सफ़र
BharatPe के वित्तीय प्रदर्शन में इस साल ज़बरदस्त सुधार देखने को मिला है।
– कुल आय में रिकॉर्ड वृद्धि: इस साल कंपनी की कुल आय (total income) ₹1,734 करोड़ तक पहुँच गई, जो अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है। यह वृद्धि कंपनी के बढ़ते ग्राहक आधार और सेवाओं की लोकप्रियता को दर्शाती है।
– EBITDA में भी मुनाफ़ा: ईएसओपी (ESOP) खर्च को छोड़कर, कंपनी का EBITDA (earnings before interest, taxes, depreciation, and amortization) भी पिछले साल के ₹209 करोड़ के घाटे से सुधरकर ₹141 करोड़ के मुनाफ़े पर पहुँच गया है। ये आँकड़े केवल संख्याओं की बात नहीं हैं, बल्कि ये कंपनी की मज़बूत रणनीतियों और कुशल प्रबंधन का प्रमाण हैं।
CEO नलिन नेगी ने बताया मुनाफ़े का मतलब
BharatPe के CEO नलिन नेगी ने इस उपलब्धि पर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, “PBT में मुनाफ़ा केवल आंकड़ों की बात नहीं है, यह हमारे सफल बदलाव और ज़िम्मेदार विकास का संकेत है। अब हम मज़बूत वित्तीय अनुशासन के साथ आगे बढ़ रहे हैं।” नेगी के बयान से यह साफ़ है कि कंपनी अब तेज़ी से विकास के साथ-साथ वित्तीय स्थिरता पर भी ध्यान दे रही है, जो किसी भी स्टार्टअप (startup) के लिए बेहद ज़रूरी होता है।
व्यापारियों के बीच मज़बूत पकड़
BharatPe की सफलता का एक बड़ा कारण उसकी बढ़ती पहुंच और नियामक (regulatory) संस्थाओं का समर्थन भी है।
– RBI से मंज़ूरी: इस साल कंपनी को आरबीआई (RBI) से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर (Online Payment Aggregator) के तौर पर काम करने की मंज़ूरी मिली। इस मंज़ूरी से कंपनी को अपने व्यापारी नेटवर्क का और विस्तार करने और छोटे शहरों में मज़बूत पकड़ बनाने में मदद मिलेगी।
– आंकड़ों की ज़ुबानी: आज भारतपे, 450 शहरों में 1.7 करोड़ से अधिक व्यापारियों को अपनी सेवाएँ दे रहा है। कंपनी हर महीने लगभग 450 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन (transactions) प्रोसेस करती है, जिनका कुल मूल्यांकन क़रीब ₹12,000 करोड़ है। ख़ास बात यह है कि ऑफलाइन UPI QR लेनदेन में साल-दर-साल 26% की वृद्धि हुई है।
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