BSNL नक्सल प्रभावित इलाकों में लगाएगी 4,000 नए मोबाइल टावर: निजी कंपनियां जहां नदारद, वहां सरकारी पहल!

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार देश के नक्सल प्रभावित और दूरदराज के इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी (digital connectivity) को मज़बूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। दूरसंचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर (Pemmasani Chandrashekhar) ने रविवार को बताया कि सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल (BSNL) छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में 4,000 नए मोबाइल टावर (mobile towers) लगाने की योजना पर काम कर रही है। यह घोषणा मंत्री ने छत्तीसगढ़ के तीन दिवसीय दौरे के दौरान की, जहां उन्होंने केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।

BSNL योजनाओं की समीक्षा और कनेक्टिविटी का लक्ष्य

अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान, मंत्री ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम (Aspirational Districts Programme) सहित केंद्र सरकार की योजनाओं और दूरसंचार एवं ग्रामीण विकास मंत्रालयों (Ministries of Telecommunications and Rural Development) के तहत परियोजनाओं की समीक्षा की। इस समीक्षा के बाद जारी एक बयान में कहा गया, “केंद्र सरकार डिजिटल संचार को मज़बूत करने के लिए छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और दूरदराज के इलाकों में 4,000 नए बीएसएनएल टावर लगाने की योजना पर काम कर रही है। यह जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं दूरसंचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने रायपुर में साझा की।”

यह पहल ऐसे क्षेत्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जहां निजी दूरसंचार कंपनियों की पहुंच अक्सर कम या न के बराबर होती है, क्योंकि वहां परिचालन लागत अधिक और व्यावसायिक व्यवहार्यता कम होती है। ऐसे में, बीएसएनएल जैसी सरकारी कंपनी की भूमिका और भी अहम हो जाती है।

चरणबद्ध स्थापना और BSNL 4जी सेवाओं का विस्तार

पेम्मासानी ने बताया कि इन टावरों की स्थापना चरणों में (in phases) की जाएगी, जिसके लिए सुरक्षा बलों (security forces) और वन विभाग (Forest Department) से आवश्यक मंज़ूरी (necessary clearances) मिलने का इंतज़ार है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को लागू करने के लिए सुरक्षा और पर्यावरणीय मंज़ूरी बेहद ज़रूरी होती हैं।

उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि “बीएसएनएल पूरे देश में उच्च गुणवत्ता वाली 4जी सेवाएं (4G services) दे रही है और इस विस्तार के साथ, हम देश के अंतिम छोर के गांवों तक डिजिटल संपर्क पहुंचाने के मिशन को साकार कर रहे हैं।” यह दिखाता है कि सरकार का लक्ष्य सिर्फ कनेक्टिविटी प्रदान करना नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण डिजिटल सेवाएं मुहैया कराना भी है, ताकि इन क्षेत्रों के लोग मुख्यधारा से जुड़ सकें।

मिशन मोड में विकास कार्य और BSNL डिजिटल सशक्तिकरण

मंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य ‘मिशन मोड’ (mission mode) में किए जा रहे हैं और इन क्षेत्रों में घर-घर सेवाएं (door-to-door services) पहुंचाने की रणनीति अपनाई जा रही है। इसका मतलब है कि सरकार इन क्षेत्रों में विकास को प्राथमिकता दे रही है और तेज़ी से काम कर रही है ताकि मूलभूत सुविधाओं और सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

उन्होंने आगे कहा, “इन क्षेत्रों के स्कूलों का डिजिटलीकरण (digitization of schools) किया जा रहा है, जिससे छात्र जेईई (JEE) और नीट (NEET) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी कर सकेंगे।” यह शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो दूरदराज के छात्रों को शहरी छात्रों के बराबर अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा, दिव्यांग छात्रों (disabled students) को विशेष सुविधाएं भी दी जा रही हैं, जो समावेशी विकास (inclusive development) के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

BSNL डिजिटल भारत की ओर एक कदम

बीएसएनएल द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 4,000 नए मोबाइल टावर लगाने की यह योजना न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, बल्कि इन क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास (socio-economic development) को भी गति देगी। बेहतर मोबाइल नेटवर्क सुरक्षा बलों के संचार में सुधार करेगा, आपातकालीन सेवाओं तक पहुंच बढ़ाएगा, और स्थानीय आबादी को डिजिटल सेवाओं जैसे ऑनलाइन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय समावेशन (financial inclusion) का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा। यह ‘डिजिटल भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां विकास की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।

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