Monday, August 18, 2025

DGCA का IndiGo को कड़ा नोटिस: 1,700 पायलटों की ट्रेनिंग में मिली बड़ी खामी, अब क्या होगा?

मुंबई/नई दिल्ली: भारत के विमानन नियामक (डीजीसीए) (DGCA) ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) को लगभग 1,700 पायलटों के सिम्युलेटर प्रशिक्षण (training) में कथित खामियों के लिए कारण बताओ नोटिस (show-cause notice) जारी किया है। यह नोटिस एयरलाइन के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि यह सीधे हवाई सुरक्षा (air safety) से जुड़ा है।

क्या है पूरा मामला? जानें DGCA की जांच में क्या मिला

डीजीसीए (DGCA) ने पिछले महीने इंडिगो से मिले रिकॉर्ड (records) और जवाबों की गहन जांच के बाद यह कड़ा कदम उठाया है।

अयोग्य सिम्युलेटर का इस्तेमाल: जांच में नियामक ने पाया कि लगभग 1,700 पायलटों के लिए श्रेणी सी (Category C) या महत्वपूर्ण हवाई क्षेत्र (critical airspace) प्रशिक्षण ऐसे सिम्युलेटरों पर आयोजित (conducted) किए गए थे, जो इन ऑपरेशंस (operations) के लिए योग्य (qualified) नहीं थे।

किन हवाई अड्डों के लिए थी खामी?: सूत्रों के अनुसार, जिन सिम्युलेटरों पर ये पायलट ट्रेनिंग ले रहे थे, वे कालीकट (Kozhikode), लेह (Leh) और काठमांडू (Kathmandu) जैसे कुछ हवाई अड्डों पर उड़ान भरने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त (suitable) नहीं थे। इन हवाई अड्डों की पहाड़ी बनावट (mountainous terrain) और जटिल मौसम (complex weather) के कारण यहां उड़ान भरना और उतारना (landing) बेहद चुनौतीपूर्ण (challenging) होता है, जिसके लिए पायलटों को विशेष प्रशिक्षण (specialized training) की आवश्यकता होती है।

कमांड पायलट और फर्स्ट ऑफिसर दोनों प्रभावित: डीजीसीए ने यह भी पाया कि यह खामी केवल एक वर्ग के पायलटों तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें कमांड पायलट (Command Pilot) और फर्स्ट ऑफिसर (First Officer) दोनों का प्रशिक्षण शामिल था।

पायलटों की ट्रेनिंग में खामी क्यों है गंभीर मुद्दा?

विमानन उद्योग (aviation industry) में सुरक्षा (safety) सर्वोपरि (paramount) होती है, और पायलटों का प्रशिक्षण इसका सबसे अहम हिस्सा है। यह खामी इसलिए गंभीर है, क्योंकि:

यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल: गलत ट्रेनिंग का मतलब है कि पायलट अत्यंत चुनौतीपूर्ण स्थितियों के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। यह सीधे यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर सकता है।

नियामकीय अनुपालन का उल्लंघन: डीजीसीए भारत में नागर विमानन (civil aviation) को विनियमित (regulate) करने वाली सर्वोच्च संस्था है। इसकी जरूरी मानकों (standards) को पूरा न करना एक गंभीर नियामकीय अनुपालन उल्लंघन (regulatory compliance violation) है।

अब आगे क्या होगा? IndiGo को देना होगा जवाब

डीजीसीए (DGCA) द्वारा कारण बताओ नोटिस (show-cause notice) जारी करने के बाद इंडिगो को इस मामले पर एक लिखित स्पष्टीकरण (written explanation) देना होगा। कंपनी को यह बताना होगा कि ऐसी खामी क्यों पाई गई और उसकी वजह क्या थी। इंडिगो की ओर से इस मामले पर तत्काल कोई टिप्पणी (comment) नहीं आई है।

संभावित परिणाम: यदि इंडिगो का जवाब संतोषजनक (satisfactory) नहीं होता है, तो डीजीसीए कई कदम उठा सकता है। इनमें दंडात्मक कार्रवाई (penalties), जुर्माना (fines) या यहां तक कि प्रभावित पायलटों के लिए दोबारा प्रशिक्षण (mandatory re-training) अनिवार्य करना भी शामिल हो सकता है।

डीजीसीए का यह कदम स्पष्ट संकेत है कि वह हवाई सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं करेगा, भले ही मामला देश की सबसे बड़ी एयरलाइन से जुड़ा हो। इस मामले पर करीबी से नजर रखी जा रही है, क्योंकि इसका निष्कर्ष भारत के समग्र विमानन उद्योग (overall aviation industry) के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

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