लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) ने गुरुवार को लखनऊ में एक बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने धन शोधन (money laundering) के एक मामले में ‘इन्वेस्ट यूपी’ (Invest UP) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और निलंबित आईएएस (IAS) अधिकारी अभिषेक प्रकाश, कथित बिचौलिए निकांत जैन और कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की।
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, निकांत जैन से जुड़े चार परिसरों की तलाशी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत ली जा रही है। यह मामला सौर उद्योग के एक निवेशक से परियोजनाओं को मंजूरी दिलाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत (bribe) मांगने से जुड़ा हुआ है।
ED की लखनऊ में छापेमारी: PMLA के तहत कार्रवाई
ईडी की टीम ने लखनऊ में निकांत जैन से संबंधित चार अलग-अलग जगहों पर एक साथ छापे मारे।
– ठिकाने: इन ठिकानों में निकांत जैन का घर शामिल है। इसके अलावा, दो ऐसे परिसर भी शामिल हैं जो उससे और उसके परिवार के सदस्यों से संबंधित कंपनियों के दफ़्तर के रूप में पंजीकृत हैं।
– होटल पर भी छापा: सूत्रों ने बताया कि उस होटल में भी छापेमारी की गई, जिसमें निकांत जैन के परिवार के सदस्य संयुक्त निदेशक हैं।
यह कार्रवाई ईडी के लिए एक महत्वपूर्ण क़दम है, क्योंकि यह सीधे तौर पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी से जुड़े भ्रष्टाचार (corruption) के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच से संबंधित है।
क्या है पूरा मामला? रिश्वतखोरी और बिचौलिए की भूमिका
इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने निकांत जैन को गिरफ़्तार किया था।
– शिकायत: एक सौर उद्योग के निवेशक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि निकांत जैन ने उसकी परियोजनाओं को मंजूरी दिलाने के लिए अधिकारियों की तरफ़ से कमीशन (commission) की माँग की थी।
– अभिषेक प्रकाश का निलंबन: इस शिकायत के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने 2006 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को मार्च में निलंबित कर दिया था, क्योंकि वह उस समय ‘इन्वेस्ट यूपी’ के CEO के पद पर थे।
– बिचौलिये की भूमिका: अधिकारियों ने पहले बताया था कि निकांत जैन पर आरोप था कि वह एक उद्यमी के प्रस्ताव को ‘इन्वेस्ट यूपी’ के अधिकारियों की मदद से मंजूरी दिलाने के लिए उससे पैसे मांग रहा था।
कौन हैं अभिषेक प्रकाश और इन्वेस्ट यूपी?
इस मामले के केंद्र में ‘इन्वेस्ट यूपी’ (Invest UP) नामक एक सरकारी एजेंसी है।
– इन्वेस्ट यूपी: यह उत्तर प्रदेश सरकार की एक निवेश प्रोत्साहन एजेंसी है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में निवेश आकर्षित करना और निवेशकों के लिए काम को आसान बनाना है।
– अभिषेक प्रकाश: आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश, जो ‘इन्वेस्ट यूपी’ के CEO के रूप में काम कर रहे थे, पर लगे आरोपों ने इस एजेंसी की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ ED का बड़ा अभियान
यह छापेमारी दिखाती है कि ईडी भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में कितनी गंभीरता से काम कर रही है। एक ऐसे मामले में जहाँ एक बिचौलिए के माध्यम से सरकारी प्रक्रियाओं में गड़बड़ी का आरोप है, ईडी की जाँच से यह पता लगाया जाएगा कि क्या इस रिश्वत के पैसे को मनी लॉन्ड्रिंग के ज़रिए कहीं और लगाया गया है या नहीं।
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