नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी एचपीसीएल (HPCL – Hindustan Petroleum Corporation Limited) ने साफ़ कर दिया है कि वह रूसी तेल की खरीद का फ़ैसला पूरी तरह से आर्थिक आधार पर ले रही है, न कि किसी सरकारी निर्देश पर। एचपीसीएल के चेयरमैन विकास कौशल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार की ओर से रूसी तेल की खरीद को रोकने या जारी रखने के लिए कोई भी दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल आयात जारी रखने की वजह से भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है, जिससे कुल शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा। इस घोषणा के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों को इस मामले में सरकार से निर्देश मिल सकते हैं।
अगस्त-सितंबर में रूसी तेल की खरीद क्यों नहीं?
विकास कौशल ने स्पष्ट किया कि HPCL ने अगस्त और सितंबर के लिए रूस से कच्चे तेल का कोई भी ऑर्डर नहीं दिया है।
– कम हुआ डिस्काउंट: उन्होंने इसका सीधा कारण बताया कि रूस से मिल रहे कच्चे तेल के दाम में छूट (discount) अब घटकर लगभग 2 डॉलर प्रति बैरल रह गई है।
– आर्थिक फ़ैसला: ऐसे में अन्य स्रोतों से तेल खरीदना लगभग समान लागत (cost) पर ही संभव है। उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला भू-राजनीतिक कारणों से नहीं, बल्कि “शुद्ध रूप से आर्थिक गणना” के आधार पर लिया गया है।
अप्रैल-जून तिमाही में 13.2% ही था रूसी तेल का हिस्सा
HPCL के तिमाही नतीजों पर निवेशकों के साथ बातचीत के दौरान कौशल ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी द्वारा रिफाइन किए गए कुल कच्चे तेल में रूसी तेल की हिस्सेदारी केवल 13.2% थी।
– प्रभाव नहीं पड़ेगा: उन्होंने यह भी कहा कि अगर रूसी तेल की आपूर्ति पूरी तरह बंद हो जाती है, तो भी कंपनी पर कोई “महत्वपूर्ण” असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह कुल खरीद का एक छोटा हिस्सा है।
यह आँकड़ा इस बात को और मज़बूत करता है कि कंपनी की रूसी तेल पर कोई बड़ी निर्भरता नहीं है।
भविष्य में दाम कम होने पर खरीद के लिए तैयार
कौशल ने यह भी साफ़ किया कि एचपीसीएल का यह फ़ैसला स्थायी नहीं है।
– प्रतिस्पर्धी कीमतें: उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में रूसी तेल की कीमत फिर से प्रतिस्पर्धी (competitive) होती है, तो कंपनी उसे ख़रीदने के लिए तैयार होगी।
– बाजार पर आधारित निर्णय: यह बयान भारत की उस नीति को दर्शाता है, जहाँ देश अपने ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अपने आर्थिक हितों को प्राथमिकता देता है, भले ही इसके लिए उसे वैश्विक दबाव का सामना करना पड़े।
Latest Business News in Hindi, Stock Market Updates सबसे पहले मिलेंगे आपको सिर्फ Business Buzz Times पर. बिजनेस न्यूज़ और अन्य देश से जुड़ी खबरें से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter(X) पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।