वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF – International Monetary Fund) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था और अमेरिका की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को बढ़ा दिया है। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की संरक्षणवादी व्यापार नीतियों (protectionist trade policies) का असर अनुमान से कम रहने के आधार पर लिया गया है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, भले ही चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
वैश्विक और अमेरिकी अर्थव्यवस्था का नया अनुमान
IMF ने साल 2025 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर तीन प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। यह 2024 के 3.3 प्रतिशत के आंकड़े से कम होने के बावजूद, इस साल अप्रैल के 2.8 प्रतिशत पूर्वानुमान से अधिक है। यह वृद्धि एक सकारात्मक बदलाव को दर्शाती है, जो पिछले अनुमानों से बेहतर है। वर्ष 2026 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रहने की संभावना है।
इस बीच, मुद्राकोष ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था (US Economy) के वृद्धि अनुमान को संशोधित कर 1.9 प्रतिशत कर दिया है, जबकि 2026 में इसकी दर दो प्रतिशत रह सकती है। दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की वृद्धि दर (China’s growth rate) अब 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो अप्रैल के चार प्रतिशत अनुमान से बेहतर है। हालांकि, यूरोप के 20 देशों के समूह की वृद्धि दर इस साल सिर्फ एक प्रतिशत तक सीमित रह सकती है, जो यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक चुनौती बनी हुई है।
भारत की चमक: सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था
भारत के लिए IMF का अनुमान बेहद सकारात्मक है। IMF ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के 2025 और उसके अगले साल 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। इस तरह, भारत एक बार फिर सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था (fastest-growing major economy) बना रहेगा। यह आंकड़ा भारत के मजबूत आर्थिक बुनियाद और विकास की गति को दर्शाता है, जो वैश्विक मंदी और व्यापारिक तनावों के बावजूद कायम है।
व्यापार तनाव में कमी और इसकी अस्थिरता
IMF के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवर गोरिन्शास (Pierre-Olivier Gourinchas) ने कहा, “व्यापार से जुड़े तनाव में मामूली कमी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति को अब तक संभाल रखा है। हालांकि, यह स्थायित्व स्थिर नहीं है।” यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल को अधिकांश देशों से होने वाले आयात पर 10 प्रतिशत या उससे अधिक के शुल्क लगाए थे। हालांकि, कुछ बड़े शुल्कों को बाद में स्थगित कर दिया गया, जिससे वैश्विक व्यापार पर उनका प्रभाव सीमित रहा।
इसके बावजूद, विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का करीब तीन प्रतिशत रहने का अनुमान कोविड-पूर्व के औसत से कम है। यह दर्शाता है कि ट्रंप के शुल्क कदमों के बगैर विश्व अर्थव्यवस्था कहीं अधिक तेज़ी से बढ़ती। यह इस बात पर ज़ोर देता है कि व्यापारिक बाधाएं वैश्विक आर्थिक वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं, भले ही उनका प्रभाव उम्मीद से कम रहा हो।
वैश्विक व्यापार वृद्धि का अनुमान
IMF ने 2025 में वैश्विक व्यापार वृद्धि (global trade growth) का अनुमान 2.6 प्रतिशत कर दिया है, जो अप्रैल के 1.7 प्रतिशत पूर्वानुमान से अधिक है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि वैश्विक व्यापार में कुछ सुधार हो रहा है। हालांकि, अगले वर्ष यह घटकर 1.9 प्रतिशत रह सकती है, जो भविष्य में संभावित चुनौतियों का संकेत देता है।