इंडियन ओवरसीज बैंक ने घटाई MCLR: होम और कार लोन होंगे सस्ते, ग्राहकों को मिलेगी राहत

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नई दिल्ली: सरकारी बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank – IOB) ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। बैंक नेकोष की सीमान्त लागत आधारित ऋण दर (Marginal Cost of Funds Based Lending Rate – MCLR) में0.50 प्रतिशत की भारी कटौती की घोषणा की है। इस कटौती के बाद आईओबी की एक साल की एमसीएलआर अब 8.85 प्रतिशत से घटकर8.35 प्रतिशत हो गई है। बैंक ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी और बताया किनई दरें 15 जुलाई से ही प्रभावी हो गई हैं। यह कदम उन लाखों ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा जिन्होंने आईओबी से लोन ले रखा है या लेने की योजना बना रहे हैं।

 

MCLR कटौती का पूरा ब्योरा

आईओबी की परिसंपत्ति देयता प्रबंधन समिति (Asset Liability Management Committee – ALCO) ने 14 जुलाई को हुई अपनी बैठक में बैंक की एमसीएलआर की समीक्षा की और इसे 15 जुलाई से घटाने का फैसला किया। यह कटौती विभिन्न अवधियों के लिए की गई है, जिससे ग्राहकों को अलग-अलग प्रकार के लोन पर फायदा मिलेगा।

यहां विभिन्न अवधियों के लिए नई MCLR दरें दी गई हैं:
एक दिन की अवधि: मौजूदा 8.25 प्रतिशत से घटाकर8.15 प्रतिशत
एक माह की अवधि: 8.50 प्रतिशत से घटाकर8.40 प्रतिशत
तीन माह की अवधि:8.55 प्रतिशत (पहले की दर का उल्लेख नहीं, लेकिन कटौती के बाद यह प्रभावी दर है)
छह माह की अवधि:8.80 प्रतिशत (पहले की दर का उल्लेख नहीं, लेकिन कटौती के बाद यह प्रभावी दर है)
12 माह की अवधि (एक साल की MCLR): मौजूदा 8.85 प्रतिशत से घटाकर8.35 प्रतिशत

एक साल की एमसीएलआर दर सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकिवाहन ऋण (car loans), व्यक्तिगत ऋण (personal loans) जैसे उपभोक्ता ऋण और कुछ आवास ऋण (home loans) भी इसी दर से जुड़े होते हैं। ऐसे में, इस दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती से इन लोन की ईएमआई (EMI – Equated Monthly Installment) काफी कम हो जाएगी, जिससे ग्राहकों पर मासिक वित्तीय बोझ कम होगा।

 

MCLR क्या है और यह ग्राहकों को कैसे प्रभावित करती है?

एमसीएलआर (MCLR), यानी कोष की सीमान्त लागत आधारित ऋण दर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 2016 में पेश की गई एक पद्धति है। यह वह न्यूनतम ब्याज दर होती है जिस पर कोई बैंक अपने ग्राहकों को ऋण दे सकता है। बैंक की ऋण दरें एमसीएलआर से जुड़ी होती हैं, जिसका मतलब है कि जब एमसीएलआर घटती है, तो ऋण दरें भी घट जाती हैं और ऋण लेना सस्ता हो जाता है। इसके उलट, जब एमसीएलआर बढ़ती है, तो ऋण महंगा हो जाता है।

एमसीएलआर बैंक की फंड लागत (cost of funds) से जुड़ी होती है, जिसमें जमा पर ब्याज दर (interest rate on deposits), परिचालन लागत (operational costs) और नकद आरक्षित अनुपात (Cash Reserve Ratio – CRR) बनाए रखने की लागत शामिल होती है। जब ये लागतें कम होती हैं, तो बैंक एमसीएलआर घटा सकते हैं, और यह फायदा ग्राहकों तक पहुंचता है।

इस कटौती से सीधे तौर पर उन ग्राहकों को फायदा होगा जिनके लोन एमसीएलआर से जुड़े हुए हैं। विशेष रूप से नए ऋण लेने वाले ग्राहकों को कम ब्याज दरों का लाभ मिलेगा। साथ ही, जिन मौजूदा ग्राहकों के लोन रीसेट डेट (reset date) पर हैं, उनकी ईएमआई भी कम हो सकती है।

 

बाजार पर असर और अन्य बैंकों की प्रतिक्रिया

इंडियन ओवरसीज बैंक की यह पहल भारतीय बैंकिंग सेक्टर (banking sector) में ब्याज दरों के रुझान (trend) को दर्शा सकती है। हाल के दिनों में आरबीआई ने अपनी प्रमुख ब्याज दरों (repo rate) में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन बैंकों के बीच प्रतिस्पर्धा और जमा दरों के उतार-चढ़ाव के कारण कुछ बैंक अपनी एमसीएलआर में बदलाव कर रहे हैं।

आईओबी का यह कदम अन्य सरकारी और निजी बैंकों पर भी अपनी ऋण दरों की समीक्षा करने का दबाव बना सकता है। अगर अन्य बैंक भी एमसीएलआर घटाते हैं, तो इससे समग्र रूप से ऋण बाजार में तरलता (liquidity) बढ़ेगी और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिल सकती है। कम ऋण दरें ऑटोमोबाइल (automobiles), रियल एस्टेट (real estate) जैसे क्षेत्रों में बिक्री को बढ़ावा दे सकती हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में खरीद अक्सर ऋण पर आधारित होती है।

 

ग्राहकों के लिए खुशखबरी

इंडियन ओवरसीज बैंक द्वारा एमसीएलआर में की गई यह कटौती ग्राहकों के लिए निश्चित रूप से एक खुशखबरी है। यह न केवल होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसे उपभोक्ता ऋणों को सस्ता करेगा, बल्कि इससे मासिक ईएमआई पर पड़ने वाले बोझ को भी कम करेगा। ऐसे समय में जब उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, यह कदम अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य बैंक आने वाले समय में अपनी मौद्रिक नीतियों (monetary policies) और ऋण दरों को कैसे समायोजित करते हैं।

क्या आप इंडियन ओवरसीज बैंक या किसी अन्य बैंक के अन्य वित्तीय उत्पादों के बारे में जानना चाहेंगे?

 

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